बड़ी खबर: दून के PPP हॉस्पिटलों में बड़ा फर्जीवाड़ा। DM छापे में डॉक्टर गायब, फर्म पर जुर्माना
देहरादून, जुलाई 2025 – देहरादून में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर संचालित 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (Urban PHC) में मंगलवार सुबह जिला प्रशासन द्वारा एक साथ की गई छापेमारी में भारी अनियमितताएं उजागर हुई हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में 4 प्रशासनिक टीमों ने एक साथ अलग-अलग अस्पतालों में दबिश दी। इन […] The post बड़ी खबर: दून के PPP हॉस्पिटलों में बड़ा फर्जीवाड़ा। DM छापे में डॉक्टर गायब, फर्म पर जुर्माना appeared first on पर्वतजन.

बड़ी खबर: दून के PPP हॉस्पिटलों में बड़ा फर्जीवाड़ा। DM छापे में डॉक्टर गायब, फर्म पर जुर्माना
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देहरादून, जुलाई 2025 – देहरादून में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर संचालित 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (Urban PHC) में मंगलवार सुबह जिला प्रशासन द्वारा एक साथ की गई छापेमारी में भारी अनियमितताएं उजागर हुई हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में 4 प्रशासनिक टीमों ने एक साथ अलग-अलग अस्पतालों में दबिश दी। इस दौरान कई डॉक्टर गायब पाए गए और एक फर्म पर भारी जुर्माना भी लगाया गया। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उनकी पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाती है।
छापेमारी का विवरण
जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार, यह छापेमारी उन अस्पतालों में की गई जहां पर कई गंभीर शिकायतें मिली थीं। जांच में यह सामने आया कि कुछ डॉक्टरों ने समय पर अस्पताल में उपस्थित नहीं होने का बहाना बनाया, जबकि मरीजों की स्वास्थ्य सेवाओं में कमी आई है। प्रशासनिक टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्यवाही की, जिसके परिणामस्वरूप कई महत्वपूर्ण प्रलेख और मरीजों के रिकॉर्ड भी जब्त किए गए।
डॉक्टरों की अनुपस्थिति और फर्म पर जुर्माना
छापेमारी के दौरान, कई डॉक्टर अस्पतालों में अनुपस्थित पाए गए, जिससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि क्या वे अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए गंभीर हैं। इसके अलावा, एक फर्म पर स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितताओं के लिए जुर्माना लगाया गया, जिससे यह साफ है कि PPP मोड पर संचालित हॉस्पिटलों में अनुशासन और मानकों का अभाव है। यह स्थिति स्वास्थ्य व्यवसायियों के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे अनियमितताएं किसी भी समय उन्हें भारी कीमत चुका सकती हैं।
स्थानीय प्रतिक्रियाएं और आगे की कार्रवाई
स्थानीय निवासियों ने इस छापेमारी को सही कदम बताते हुए प्रशासन की सराहना की है। लोगों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। जिलाधिकारी ने यह भी आश्वासन दिया है कि भविष्य में लगातार इस तरह की गतिविधियां जारी रहेंगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
क्या ऐसे फर्जीवाड़े के पीछे बड़े पैमाने पर हो रहे संकट के संकेत हैं? यह एक गहन जांच का विषय बन सकता है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को अब एक विस्तृत योजना बनानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
निष्कर्ष
दून के PPP हॉस्पिटलों में हुई ये अनियमितताएं एक गंभीर संकेत हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता है। इस तरह के बेलगाम फर्जीवाड़े स्वास्थ्य सुरक्षा और मरीजों के अधिकारों पर भारी पड़ सकते हैं। हमें इस पर गौर करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे दुष्प्रवृत्तियां खत्म हों। यह जरूरी है कि हम अपने सिस्टम में सुधार लाएं और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करें।
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