टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी तैनाती

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टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी तैनाती
टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी तैनाती

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देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस के अवसर पर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में स्थापित की जा रही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में उत्तराखंड के अग्निवीरों की सीधी तैनाती की जाएगी। यह फैसला न केवल बाघों के संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि अग्निवीर योजना से प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। इस पहल के माध्यम से बाघों और उनके आवास की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।

टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का उद्देश्य

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि इस फोर्स का मुख्य कार्य बाघों के अवैध शिकार को रोकना होगा। प्रशिक्षित जवान वन क्षेत्रों में गश्त करेंगे, खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे और शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा, यह फोर्स वन्यजीव अपराधों तथा वन और वन्यजीव से जुड़े अन्य अपराधों जैसे लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और अतिक्रमण पर भी नियंत्रण रखेगी।

मानव-वन्यजीव संघर्ष में समाधान

अग्निवीरों की तैनाती से मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने में भी सहायता मिलेगी। यह फोर्स उन स्थितियों को संभालने और प्रबंधन करने के लिए प्रशिक्षित होगी जब बाघ आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं, जिससे दोनों पक्षों को नुकसान न हो।

नवीनतम तकनीक का उपयोग

फोर्स को आधुनिक निगरानी तकनीक जैसे ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और जीपीएस ट्रैकिंग से भी लैस किया जाएगा। इससे उनकी दक्षता में बढ़ोतरी होगी और बाघों की सुरक्षा के प्रयासों को मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह युवा टीम अपनी प्राथमिकताओं को समझते हुए, सुरक्षित और प्रभावी तरीके से वन्यजीवों की रक्षा करेगी।

अग्निवीरों की भूमिका

उत्तराखंड के अग्निवीरों की तैनाती bाघ संरक्षण में भारतीय सेना (या सेना से प्रशिक्षित कर्मियों) की भागीदारी का एक अनूठा उदाहरण है। अग्निवीर, जो सैन्य अनुशासन और प्रशिक्षण से गुजर चुके होते हैं, इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तैयार होते हैं। उनकी फिटनेस और मानसिक मजबूती उन्हें वन गश्त में अत्यधिक प्रभावी बनाएगी।

स्थानीय समुदाय का योगदान

इस पहल के माध्यम से स्थानीय समुदाय भी संरक्षण प्रयासों में शामिल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यह मॉडल सफल होता है, तो इसे देश के अन्य बाघ अभयारण्यों और संरक्षित क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर बाघ संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

विशेष भेंट

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर मासूम शौर्य ने मुख्यमंत्री को कुछ जीवंत वन्यजीव चित्र भेंट किए, जो उनके जुनून को दर्शाते हैं। मुख्यमंत्री ने उनकी प्रशंसा की और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री की इस घोषणा से यह स्पष्ट हो जाता है कि उत्तराखंड ने बाघ संरक्षण के क्षेत्र में एक नई दिशा में कदम रखा है। अग्निवीरों की भर्ती से न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। यह पहल निश्चित रूप से भविष्य में बाघों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगी।

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