एक साथ आज़ाद हुए दो देश- एक लोकतंत्र की जननी, दूसरा आतंकवाद का जनक

‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘‘सबसे बड़ी कार्रवाई’’ : राजनाथ सिंह । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को विदेशी वित्तपोषण रोकने का आग्रह करते हुए कहा कि यह ‘‘आतंकवाद की ऐसी नर्सरी है’ जिसे बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा पाकिस्तान […] The post एक साथ आज़ाद हुए दो देश- एक लोकतंत्र की जननी, दूसरा आतंकवाद का जनक first appeared on Apka Akhbar.

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Written by Priya Sharma, Anjali Mehta, and Kavita Rao, theoddnaari Team

भारत और पाकिस्तान: एक जटिल इतिहास

23 मार्च को, जब विश्व के दो प्रमुख देश - भारत और पाकिस्तान - स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण अध्याय में प्रवेश कर रहे थे, तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान में बताया कि यह दिन केवल स्वतंन्त्रता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह इन दोनों देशों के बीच के उस गहरे अंतर्विरोध का भी परिचायक है, जिसका मुख्य कारण आतंकवाद है।

ऑपरेशन सिंदूर: एक नया मोड़

राजनाथ सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी कार्रवाई का घोषणा की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि पाकिस्तान को विदेशी वित्तपोषण को रोकने की आवश्यकता है, जो आतंकवाद के लिए एक नर्सरी की तरह कार्य कर रहा है। उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का दृष्टिकोण कितनी दृढ़ता से है।

पाकिस्तान: आतंकवाद का जनक

रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को ‘आतंकवाद की नर्सरी’ के रूप में वर्णित किया, इस बात को रेखांकित करते हुए कि इस देश ने आतंकवादी संगठनों को बढ़ावा देकर न केवल अपने देश में बल्कि विश्व स्तर पर भी अस्थिरता फैलाने का कार्य किया है। इसके विपरीत, भारत ने अपनी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने और मानवाधिकारों का सम्मान करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी

राजनाथ सिंह ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग की मांग की। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि पाकिस्तान को इस तरह की वित्तीय सहायता मिलती रही, तो यह न केवल एशियाई संयंत्रों को खतरे में डालेगा, बल्कि वैश्विक शांति को भी प्रभावित करेगा।

निष्कर्ष

दोनों देशों का स्वतंत्रता की ओर बढ़ना एक महत्वपूर्ण मोड़ है। जहां भारत ने लोकतंत्र की जड़ों को गहरा किया, वहीं पाकिस्तान का आतंकवाद के प्रति अपने रुख को बदलने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, 'ऑपरेशन सिंदूर' से भारत की दृढ़ता और प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से उजागर होती है। समय आ गया है कि पूरे विश्व को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है।

भारत और पाकिस्तान के बीच के द्वंद्व को समझने के लिए हमें न केवल इतिहास को देखना होगा, बल्कि तत्कालीन सामाजिक और राजनीतिक परिस्थिति पर भी ध्यान देना होगा।

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