212 अत्याधुनिक टैंक ट्रांसपोर्टर, 223.95 करोड़ रुपये का अनुबंध, भारतीय रक्षा क्षेत्र को इस कदम से मिलेगा बढ़ावा

अपनी परिचालन गतिशीलता को बढ़ाने और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का समर्थन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय सेना ने 212 अत्याधुनिक 50 टन टैंक ट्रांसपोर्टर ट्रेलरों की खरीद के लिए मेसर्स एक्सिसकेड्स एयरोस्पेस एंड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ 223.95 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। यह अनुबंध 1 अगस्त, 2025 को खरीद (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत हस्ताक्षरित किया गया, जिससे रक्षा निर्माण में स्वदेशीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को बल मिला।इसे भी पढ़ें: हवा में उड़ा इजरायल का विमान, फिर गाजा में पैराशूट से एक-एक कर गिरने लगे आटा-चीनी और खाना, इधर भारत ने भी किया खेलभारतीय रक्षा क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा ये अगली पीढ़ी के ट्रेलर हाइड्रोलिक/न्यूमेटिक लोडिंग रैंप और स्टीयरेबल एवं लिफ्टेबल एक्सल से सुसज्जित हैं, जो विविध और चुनौतीपूर्ण इलाकों में टैंकों और अन्य बख्तरबंद (ए) वाहनों के तेज़ और कुशल परिवहन को सक्षम बनाते हैं। इन प्लेटफार्मों द्वारा प्रदान किए जाने वाले उन्नत गतिशीलता समाधान फील्ड आर्मी के लिए एक बल गुणक के रूप में कार्य करेंगे, जिससे इसकी रसद और परिचालन क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह स्वदेशी खरीद न केवल भारतीय रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देती है, बल्कि निरंतर रोजगार सृजन का भी वादा करती है। यह भारतीय सेना के आत्मनिर्भरता को मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों के लिए मजबूत क्षमताओं का निर्माण करने के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।

212 अत्याधुनिक टैंक ट्रांसपोर्टर, 223.95 करोड़ रुपये का अनुबंध, भारतीय रक्षा क्षेत्र को इस कदम से मिलेगा बढ़ावा
212 अत्याधुनिक टैंक ट्रांसपोर्टर, 223.95 करोड़ रुपये का अनुबंध, भारतीय रक्षा क्षेत्र को इस कदम से मिलेगा बढ़ावा

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भारतीय सेना ने अपनी परिचालन गतिशीलता को बढ़ाने और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मेसर्स एक्सिसकेड्स एयरोस्पेस एंड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ 223.95 करोड़ रुपये का अनुबंध करते हुए, भारतीय सेना ने 212 अत्याधुनिक 50 टन टैंक ट्रांसपोर्टर ट्रेलरों की खरीद को अंतिम रूप दिया है। यह अनुबंध भारतीय-आईडीडीएम श्रेणी के अंतर्गत 1 अगस्त, 2025 को हस्ताक्षरित किया गया, जो भारत के रक्षा निर्माण में स्वदेशीकरण की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

अनुबंध का महत्व

यह अनुबंध भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है, क्योंकि यह देश में रक्षा उत्पादन का स्तर बढ़ाने में मदद करेगा। ये टैंक ट्रांसपोर्टर अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हैं, जो उन्हें विभिन्न इलाकों में बख्तरबंद वाहनों के कुशल परिवहन की अनुमति देते हैं। हाइड्रोलिक और न्यूमेटिक लोडिंग रैंप, साथ ही स्टीयरेबल और लिफ्टेबल एक्सल जैसे उन्नत उपकरण इन ट्रेलरों को विविध और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करने में सक्षम बनाते हैं।

भारतीय रक्षा क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा

इन टैंक ट्रांसपोर्टरों के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले गतिशीलता समाधान भारतीय फील्ड आर्मी के लिए एक बल गुणक के रूप में कार्य करेंगे। इससे उनकी रसद और परिचालन क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार होगा। यह खरीद केवल भारतीय रक्षा उद्योग को ही नहीं, बल्कि रोजगार सृजन की संभावनाओं को भी बढ़ाएगी। विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम भारत के आत्मनिर्भरता दृष्टिकोण को और मजबूत करेगा, जो भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों के प्रति बेहतर तैयारियों की ओर अग्रसर होगा।

दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा

भारतीय सेना की इस नई पहल के तहत, यह स्पष्ट है कि देश अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वदेशी उत्पादन पर जोर देकर, भारत ने वैश्विक रक्षा बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है, जिससे भविष्य में प्रतिस्पर्धा की संभावना बढ़ रही है। यह कदम न केवल भारतीय सैनिकों के लिए बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करेगा, बल्कि स्थानीय उद्योगों को भी बड़ा प्रोत्साहन देगा।

निष्कर्ष

212 अत्याधुनिक टैंक ट्रांसपोर्टर का अनुबंध भारतीय रक्षा क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण बल प्रदान करेगा। यह न केवल सैनिकों की क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि समग्र सुरक्षा ढांचे को भी सशक्त करेगा। ऐसे में, भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य की रक्षा रणनीतियों के लिए एक सकारात्मक संकेत प्रस्तुत करता है।

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लेखकों के नाम: सुरभि वर्मा, प्रिया शुक्ला, अंजली सिंगल

टीम theoddnaari

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