50 हजार जुर्माना, तीन साल जेल, बेंगलुरु हादसे के बाद कर्नाटक सरकार लाने जा रही क्राउड मैनेजमेंट बिल
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई दुखद भगदड़ के बाद, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 56 लोग घायल हो गए, कर्नाटक सरकार ने भीड़ प्रबंधन प्रोटोकॉल को और सख्त बनाने के उद्देश्य से एक नया कानून प्रस्तावित किया है। मसौदा विधेयक पर राज्य मंत्रिमंडल में चर्चा की गई और उम्मीद है कि इसे विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। उन्होंने प्रस्तावित कानून में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण मानदंडों का पालन न करने वाले आयोजन आयोजकों के लिए आपराधिक दायित्व को अनिवार्य किया है। इसे भी पढ़ें: Kamal Haasan की 'Thug Life' कर्नाटक में होगी रिलीज, पुलिस ने नहीं दी विरोध प्रदर्शन की इजाजतविधेयक के मुख्य प्रावधानों में शामिल हैं-3 साल तक की कैद50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना इसे भी पढ़ें: सिद्धारमैया ने बेंगलुरु भगदड़ विरोध को लेकर विपक्ष पर किया पलटवार, भाजपा को दी ये बड़ी चुनौती उल्लंघनों को गैर-संज्ञेय और गैर-जमानती अपराधों के रूप में वर्गीकृत करनामसौदे के अनुसार, जो आयोजक पुलिस से पूर्व अनुमति नहीं लेंगे, भीड़ को प्रबंधित करने में विफल रहेंगे, किसी घटना की स्थिति में मुआवज़ा देने में लापरवाही बरतेंगे या अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करेंगे, उन्हें सख्त कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा।

50 हजार जुर्माना, तीन साल जेल, बेंगलुरु हादसे के बाद कर्नाटक सरकार लाने जा रही क्राउड मैनेजमेंट बिल
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लेखक: नेहा शर्मा, प्रिया यादव, टीम दoddnaari
बेंगलुरु में हुई दुखद भगदड़
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हाल ही में हुई एक दुखद भगदड़ ने 11 लोगों की जान ले ली और 56 लोग घायल हो गए। इस घटना ने कर्नाटक सरकार को विचार करने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे ऐसे हादसों को रोका जा सकता है। इसी के चलते, कर्नाटक सरकार अब एक कठोर क्राउड मैनेजमेंट बिल लाने जा रही है।
कानून का मुख्य उद्देश्य
इस नए कानून का मुख्य उद्देश्य भीड़ प्रबंधन प्रोटोकॉल को और सख्त बनाना है। राज्य मंत्रिमंडल में प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा की गई और इसे विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पेश करने की योजना बनाई जा रही है। इस विधेयक में आयोजकों पर आपराधिक दायित्व को अनिवार्य बनाने का प्रावधान है, यदि वे सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण मानदंडों का पालन नहीं करते हैं।
कानून के प्रमुख प्रावधान
इस विधेयक के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों में शामिल हैं:
- 3 साल तक की कैद
- 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना
- उल्लंघनों को गैर-संज्ञेय और गैर-जमानती अपराधों के रूप में वर्गीकृत करना
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के सख्त कानून से आयोजकों में जिम्मेदारी का भाव जागृत होगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा। जो आयोजक पुलिस से पूर्व अनुमति नहीं लेंगे या भीड़ को प्रबंधित करने में विफल रहेंगे, उन्हें सख्त कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा।
छोटे आयोजनों पर प्रभाव
यह कानून केवल बड़े आयोजनों के लिए ही नहीं, बल्कि छोटे आयोजनों के लिए भी लागू होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी आयोजक उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के प्रति सचेत रहें, एक सख्त निरीक्षण तंत्र विकसित किया जाएगा।
समापन विचार
कर्नाटक सरकार का नया क्राउड मैनेजमेंट बिल वाकई एक सकारात्मक कदम हो सकता है जो भविष्य में होने वाले आयोजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। हालांकि, यह भी आवश्यक है कि इस कानून को समय-समय पर संशोधित और अपडेट किया जाए ताकि यह प्रभावी बना रहे।
इस प्रकार के घटनाक्रमों को देखते हुए यह स्पष्ट हो चुका है कि सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। हमें उम्मीद है कि यह विधेयक न केवल कर्नाटक में, बल्कि पूरे भारत में भीड़ प्रबंधन के मानकों में सुधार लाएगा।