शीतला पूजा कर सुख-शांति की कामना की गयी

कर्रा के देवी मंडप में गुरुवार को शीतला पूजा का आयोजन किया गया. The post शीतला पूजा कर सुख-शांति की कामना की गयी appeared first on Prabhat Khabar.

शीतला पूजा कर सुख-शांति की कामना की गयी
शीतला पूजा कर सुख-शांति की कामना की गयी

शीतला पूजा कर सुख-शांति की कामना की गयी

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - theoddnaari

कर्रा में देवी मंडप में गुरुवार को शीतला पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भक्तों ने विधिवत पूजा-अनुष्ठान करते हुए मां शीतला से सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। शीतला पूजा आमतौर पर भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखती है, जिससे न केवल व्यक्तिगत भलाई बल्कि सामाजिक सद्भावना की भी प्रार्थना की जाती है।

शीतला पूजा का महत्व

शीतला पूजा, जिसे विशेष रूप से देवी शीतला की पूजा के रूप में जाना जाता है, पवित्रता और शांति के प्रतीक के रूप में आयोजित की जाती है। इस पूजा का उद्देश्य न केवल स्वास्थ्य की रक्षा करना है, बल्कि महामारी से भी सुरक्षा की प्रार्थना करना है। इस वर्ष, पूजा के दौरान विशेष रूप से COVID-19 महामारी के खिलाफ सुरक्षात्मक उपायों के लिए भी प्रार्थना की गई।

पूजा का आयोजन

गुरुवार को कर्रा के देवी मंडप में यह पवित्र अनुष्ठान संपन्न हुआ। सर्वप्रथम पंडित योगेंद्र दास ने मंदिर परिसर की शुद्धिकरण की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद, बढ़िया सामग्री और फूलों के साथ मां शीतला की पूजा अर्चना की गई। पूजा में उपस्थित भक्तों ने हाथ जोड़कर मां से क्षेत्र की शांति, अच्छी खेती और सभी की खुशहाली की कामना की।

इस मौके पर पुजारी भूपाल बड़ाईक, रघुनाथ बड़ाईक, करनो बड़ाईक, शौर्य राज बड़ाईक, गोकुल बड़ाईक और कई अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति भी उपस्थित थे। सभी ने मिलकर मां शीतला से प्रार्थना की कि उनके क्षेत्र में सुख-शांति बनी रहे।

सामाजिक एकता की भावना

शीतला पूजा का आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देती है। इस अवसर पर सभी जाति, धर्म और संप्रदाय के लोग इकठ्ठा होते हैं और एक ही मंच पर सुख-शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।

समापन

इस प्रकार, कर्रा के देवी मंडप में आयोजित शीतला पूजा ने एक बार फिर से स्थानीय लोगों के बीच एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत किया। सभी ने मिलकर मां शीतला से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। इस पूजा का अनुभव सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना है।

For more updates, visit theoddnaari.

यह पूजा न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है। भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों को और भी बड़े स्तर पर किया जाना चाहिए ताकि समाज में आपसी प्रेम और एकता को बढ़ावा दिया जा सके।

Keywords:

Sheetala Puja, peace prayers, spiritual rituals, community unity, Indian festivals, health and wellness, annual celebrations, social harmony, religious observance, traditional celebrations