खनन विभाग ने तोड़े अब तक के सभी रिकॉर्ड, 1040.57 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित कर रचा नया कीर्तिमान
देहरादून। उत्तराखंड के खनन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024–25 की पहली तिमाही में 270.37 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करते हुए अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। विभाग ने बीते तीन वर्षों में लगातार उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है: 2022–23 की पहली तिमाही में अर्जित राजस्व: ₹146.18 करोड़ 2023–24 की पहली तिमाही में […] The post खनन विभाग ने तोड़े अब तक के सभी रिकॉर्ड, 1040.57 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित कर रचा नया कीर्तिमान appeared first on पर्वतजन.

खनन विभाग ने तोड़े अब तक के सभी रिकॉर्ड, 1040.57 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित कर रचा नया कीर्तिमान
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देहरादून। उत्तराखंड के खनन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024–25 की पहली तिमाही में 270.37 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करते हुए अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस उपलब्धि ने पिछले तीन वर्षों में विभाग द्वारा की गई लगातार उल्लेखनीय वृद्धि को और भी उज्ज्वल बना दिया है।
पिछले तिमाहियों की तुलना में असाधारण वृद्धि
पिछले वर्षों के आंकड़ों को देखें तो यह स्पष्ट होता है कि खनन विभाग की मेहनत रंग ला रही है। 2022-23 की पहली तिमाही में राजस्व 146.18 करोड़ रुपये था, जबकि 2023-24 में यह बढ़कर 227.02 करोड़ रुपये हो गया। वर्तमान तिमाही में 270.37 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जन कर विभाग ने खुद को नए कीर्तिमान पर पहुंचा दिया है।
आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह आंकड़ा
यह आंकड़ा न केवल खनन विभाग के लिए, बल्कि पूरे उत्तराखंड के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य में बढ़ते राजस्व का अर्थ है अधिक विकास परियोजनाएँ, नवाचार और बेहतर बुनियादी ढाँचा। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जो राज्य की युवा पीढ़ी के लिए सकारात्मक संकेत है।
आर्थिक सुधार और विभागीय प्रयास
खनन विभाग ने अपनी नीतियों में सुधार लाकर और कार्यों को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करके यह रिकॉर्ड बनाया है। बेहतर योजनाएं और पारदर्शिता ने खनन की प्रक्रिया को संवर दिया है, जिससे स्थानीय निवासियों का भी सहयोग प्राप्त हुआ है। विभाग के प्रमुख ने कहा, "हम निरंतर बेहतर परिणाम लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में और भी प्रयास करेंगे।"
भविष्य की संभावनाएं
इस वृद्धि के साथ-साथ खनन विभाग नए समाधान और तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। डिजिटलाइजेशन और आधुनिक उपकरणों के उपयोग से भी कार्यक्षमता में सुधार हो रहा है। यदि यही गति बनी रही, तो अगले वर्ष तक खनन विभाग 1,500 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने की क्षमता रखता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, उत्तराखंड के खनन विभाग ने अपनी नई नीति और कार्य व्यवहार से सभी स्तरों पर अच्छे परिणाम हासिल किए हैं। यह न केवल विभाग के लिए, बल्कि राज्य के विकास के लिए एक सुखद संकेत है। आने वाले समय में अगर ऐसे ही प्रभावी कदम उठाये जाते रहे, तो उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति और भी मजबूत हो सकती है।
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