क्या है रेयर अर्थ मैग्नेट जिसपर अड़ा है ड्रैगन? क्या भारत-चीन के बीच बनेगी बात, जयशंकर-वांग पर नजर
India China Talks: चीनी विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं. अपने दौरे में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे. मंगलवार को होने वाली यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी की चीन की प्रस्तावित यात्रा से कुछ दिन पहले होगी. The post क्या है रेयर अर्थ मैग्नेट जिसपर अड़ा है ड्रैगन? क्या भारत-चीन के बीच बनेगी बात, जयशंकर-वांग पर नजर appeared first on Prabhat Khabar.

क्या है रेयर अर्थ मैग्नेट जिसपर अड़ा है ड्रैगन? क्या भारत-चीन के बीच बनेगी बात, जयशंकर-वांग पर नजर
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लेखिका: दीप्ति शर्मा, सुषमा वाधवा, टीम theoddnaari
आगामी भारत-चीन वार्ता का महत्व
चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत की अपनी दो दिवसीय यात्रा पर आएंगे। यह मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी और यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से पूर्व एक महत्वपूर्ण पहलू है। पहले दिन वे विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ वार्ता करेंगे। इन वार्ताओं का मुख्य फोकस सीमा की स्थिति, व्यापार, और उड़ान सेवाओं की बहाली होगा।
क्या है रेयर अर्थ मैग्नेट और क्यों है ड्रैगन की चिंता?
रेयर अर्थ मैग्नेट एक विशेष प्रकार का चुंबक होता है, जो दुर्लभ मृदा तत्वों जैसे नियोडिमियम, सैमरियम और डिस्प्रोसियम से बनता है। इसकी चुंबकीय शक्ति बेहद प्रभावशाली होती है और इसका उपयोग मुख्य रूप से ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, और रक्षा उद्योग में किया जाता है। चीन के पास इस तत्व का 90 प्रतिशत उत्पादन होने के कारण, यह ड्रैगन के लिए एक महत्वपूर्ण सामरिक शक्ति बन गया है।
रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग
रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग कई क्षेत्रों में होता है, जिनमें इलेक्ट्रिक वाहनों की मोटर, स्मार्टफोन, हेडफोन, और मेडिकल उपकरण जैसे MRI मशीन शामिल हैं। इसके अलावा, यह रक्षा उत्पादों में, जैसे मिसाइल और रडार सिस्टम, भी इस्तेमाल किया जाता है। चीन अपनी आपूर्ति को नियंत्रित करके यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इसके मैग्नेट का उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं होगा।
वांग यी की यात्रा पर नजरें
विश्लेषकों का मानना है कि पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में सुधार के लिए वांगयी की यात्रा एक महत्वपूर्ण अवसर है। गत वर्ष गलवान घाटी में हुई सैन्य भिड़ंत के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया था। इस यात्रा के दौरान समझौते की कुछ संभावनाएं जताई जा रही हैं, खासकर रेयर अर्थ मैग्नेट के संबंध में।
टैरिफ वॉर के बीच आने वाली चुनौतियाँ
बता दें कि वांग की यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव के बीच भी हो रही है। अमेरिका ने हाल में ‘टैरिफ’ लगाने का निर्णय लिया है, जिसके चलते भारत-अमेरिका संबंधों में भी कुछ तनाव उत्पन्न हुआ है।
अंत में, क्या होंगी निष्कर्ष?
जैसा कि देखा जा रहा है, वांग की यात्रा उन वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है जो दोनों देशों के लिए सामरिक महत्व रखते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों देश किसी समझौते पर पहुंचते हैं, जो व्यापारिक संबंधों को नई दिशा में ले जा सके। इस वार्ता से आने वाले समय में भारत-चीन के संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी है।