15 लाख का इनामी पीएलएफआई सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा मुठभेड़ में ढेर, दिनेश गोप के बाद बना था सुप्रीमो

PLFI Supremo Killed in Encounter: गुमला पुलिस ने 15 लाख रुपए के इनामी पीएलएफआई के स्वयंभू सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा को मुठभेड़ में मार गिराया है. गुप्त सूचना के आधार पर गुमला के एसपी ने एक विशेष टीम का गठन करते हुए यह कार्रवाई की. जंगल में पुलिस ने उग्रवादियों की घेराबंदी शुरू की, तो केरकट्टा और उसके दस्ते के सदस्यों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में वह पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया. The post 15 लाख का इनामी पीएलएफआई सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा मुठभेड़ में ढेर, दिनेश गोप के बाद बना था सुप्रीमो appeared first on Prabhat Khabar.

15 लाख का इनामी पीएलएफआई सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा मुठभेड़ में ढेर, दिनेश गोप के बाद बना था सुप्रीमो
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15 लाख का इनामी पीएलएफआई सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा मुठभेड़ में ढेर, दिनेश गोप के बाद बना था सुप्रीमो

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गुमला, दुर्जय पासवान: झारखंड पुलिस को मिली बड़ी सफलता में, पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) के सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा को एक मुठभेड़ में मारा गया है। पुलिस ने इस कार्रवाई को गुप्त जानकारी के आधार पर लागू किया, जिसमें मार्टिन पर 15 लाख रुपए का इनाम रखा गया था। इस मुठभेड़ का परिणाम झारखंड की राजधानी रांची के करीब गुमला में हुआ, जहां पुलिस ने उग्रवादियों की घेराबंदी की थी।

पारही जंगल में पुलिस की छापेमारी

गुमला पुलिस को मिली सूचना के बाद, एसपी हरीश बिन जमां ने एक विशेष टीम का गठन किया। यह टीम पारही जंगल की तरफ गई, जहां मार्टिन और उसके लोग छिपे हुए थे। जैसे ही पुलिस ने उग्रवादियों की घेराबंदी शुरू की, मार्टिन और उसके साथियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस जवाबी कार्रवाई में गुमला पुलिस ने एक घंटे तक चल रही मुठभेड़ के दौरान सुप्रीमो को मार गिराया।

मुठभेड़ की डिटेल्स

मुठभेड़ के दौरान, पुलिस को जानकारी मिली कि एक दर्जन से अधिक उग्रवादी मार्टिन के साथ थे। हालांकि, मुठभेड़ के दौरान केवल मार्टिन पुलिस की गोलियों का शिकार बना। अन्य उग्रवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। इस घटना ने दिखाया है कि पुलिस की कार्रवाई कितनी प्रभावी रही है।

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मार्टिन का संगठन में स्थान

मार्टिन केरकेट्टा ने दिनेश गोप के बाद पीएलएफआई का स्वयंभू सुप्रीमो बनता है। पिछले वर्ष हुई एक बैठक में उसे सर्वसम्मति से इसका नेता चुना गया था। इस बैठक में झारखंड, बिहार, ओडिशा, बंगाल और छत्तीसगढ़ के लिए अलग-अलग समितियों का गठन किया गया। इसके बाद, मार्टिन ने अपनी कमेटी के बारे में प्रेस रिलीज जारी की थी।

नरसंहार सहित कई घटनाएं

मार्टिन केरकेट्टा ने अनेक भयानक आपराधिक गतिविधियों में भाग लिया है, जिनमें कामडारा क्षेत्र में हुई नरसंहार की घटना भी शामिल है। पुलिस के साथ कई मुठभेड़ों में, वह कई बार बच निकलने में सफल रहा। यह भी खबरें हैं कि वह और उसके सहयोगी कई हत्या और लूट के मामले में शामिल रहे हैं।

एसपी का खुफिया प्रयास

गुमला में योगदान देने के बाद, एसपी हरीश बिन जमां ने अपने खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया। उनकी टीम ने मुठभेड़ के समय त्वरित और सुरक्षित तरीके से कार्रवाई की। यह अपेक्षा की जाती है कि इस सफलता के बाद, पुलिस उग्रवादियों के खिलाफ और अधिक सख्त कदम उठाएगी।

निष्कर्ष

मार्टिन केरकेट्टा की मौत ने पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाया है। यह घटना पुलिस की कड़ी मेहनत और रणनीति को दर्शाती है। अब उम्मीद की जाती है कि पुलिस अन्य सक्रिय उग्रवादियों के खिलाफ और कार्यवाही करेगी। यह घटना संभवतः झारखंड में शांति और सुरक्षा बढ़ाने में मददगार साबित होगी।

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