राज्यपाल को संस्कृत शिक्षा के नवाचारों की दी जानकारी
The post राज्यपाल को संस्कृत शिक्षा के नवाचारों की दी जानकारी appeared first on Avikal Uttarakhand. ‘मेरी योजना’ के द्वितीय संस्करण व मन की बात से जोड़कर शोध के निर्देश अविकल उत्तराखण्ड देहरादून।राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह से सचिव, कार्यक्रम क्रियान्वयन, संस्कृत शिक्षा एवं जनगणना… The post राज्यपाल को संस्कृत शिक्षा के नवाचारों की दी जानकारी appeared first on Avikal Uttarakhand.

राज्यपाल को संस्कृत शिक्षा के नवाचारों की दी जानकारी
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Written by Meera Sharma, Priya Verma, and Anjali Singh, signed off by team theoddnaari
संस्कृत शिक्षा के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
देहरादून - हाल ही में, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह से संस्कृत शिक्षा के नवाचारों के संबंध में जानकारी साझा की गई। सचिव, कार्यक्रम क्रियान्वयन, संस्कृत शिक्षा एवं जनगणना ने राज्यपाल को कर्नाटक के शिवमोगा ज़िले के मत्तूर ग्राम, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्रींगेरी परिसर, बेंगलुरु के गुरुकुलम विद्यालय एवं संस्कृत भारती के अक्षरम केंद्र के भ्रमण की विस्तृत जानकारी दी।
राज्यपाल द्वारा नवाचारों की सराहना
राज्यपाल ने प्रस्तुत विवरण की सराहना की और संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे नवाचारों की प्रशंसा की। उन्होंने संस्कृत भाषा और शिक्षा के उत्थान के लिए और अधिक प्रभावी और तीव्र गति से कार्य करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने आगामी ‘संस्कृत ग्राम कार्यक्रम’ के लिए शुभकामनाएँ भी दी।
‘मेरी योजना’ का द्वितीय संस्करण
राज्यपाल ने कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘मेरी योजना—केंद्र सरकार’ की सराहना की। उन्होंने इसके द्वितीय संस्करण पर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, केंद्र सरकार की प्रदेश में संचालित योजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से जोड़कर विश्लेषणात्मक एवं शोधपरक कार्य किए जाने की आवश्यकता जताई।
संस्कृत शिक्षा की आवश्यकता और महत्व
संस्कृत शिक्षा का उत्थान न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करेगा, बल्कि इसे नई पीढ़ी के साथ जोड़कर एक नई दिशा भी देगा। संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक समृद्ध ज्ञान का स्रोत है। इसके अध्ययन से विद्यार्थी न केवल भाषा कौशल में सुधार करते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और दर्शन की गहन समझ भी प्राप्त करते हैं।
निष्कर्ष
संस्कृत शिक्षा के नवाचारों के लिए राज्यपाल द्वारा दिए गए निर्देश निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने वाले हैं। इसलिए, अगले कार्यक्रम में भाग लेकर हम संस्कृत को एक नई पहचान देने में सहायक बनेेंगे। संस्कृत के अध्ययन को प्रोत्साहित करने के लिए, सभी stakeholders को एक जुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
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