पंचायत चुनाव-हाईकोर्ट के स्टे के बाद आयोग ने दाखिल किया स्पष्टीकरण
The post पंचायत चुनाव-हाईकोर्ट के स्टे के बाद आयोग ने दाखिल किया स्पष्टीकरण appeared first on Avikal Uttarakhand. आयोग के स्पष्टता प्रार्थनापत्र पर 14 जुलाई को गौर करेगा हाईकोर्ट उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न के लिए अभी करना पड़ेगा इंतजार अविकल थपलियाल देहरादून। प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में शहरी… The post पंचायत चुनाव-हाईकोर्ट के स्टे के बाद आयोग ने दाखिल किया स्पष्टीकरण appeared first on Avikal Uttarakhand.

पंचायत चुनाव-हाईकोर्ट के स्टे के बाद आयोग ने दाखिल किया स्पष्टीकरण
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प्रदेश में पंचायत चुनावों में हलचल
देहरादून। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में हाल ही में आए हाईकोर्ट के स्टे के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने एक स्पष्टीकरण प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब अदालत ने शहरी मतदाताओं के चुनाव में भाग लेने को लेकर पहले दी गई 6 जुलाई की आदेश पर रोक लगा दी। अब हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई को करेगा।
आयोग का स्पष्टीकरण: एक आवश्यक कदम
राज्य निर्वाचन आयोग ने एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया है जिसमें उन आदेशों पर पुनर्विचार की मांग की गई है जो शहरी मतदाताओं के चुनाव लड़ने को लेकर जारी किए थे। आयोग के अनुसार, जब तक हाईकोर्ट का निर्णय नहीं आता, तब तक चुनाव चिह्न आवंटन पर स्थगन जारी रहेगा। इसके चलते उम्मीदवारों को انتخابी प्रतीक पाने के लिए अब और इंतजार करना होगा।
सभी निगाहें 14 जुलाई पर
हाईकोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई को करेगा। इस दिन जो फैसला आएगा, वही पंचायत चुनावों की दिशा निर्धारित करेगा। सड़क पर चुनावी माहौल गरम है, लेकिन कानूनी पेचीदगियों ने राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को असमंजस में डाल दिया है।
चुनाव में बवाल का कारण
हलचल का मुख्य कारण यह है कि 6 जुलाई को आयोग द्वारा जारी किया गया एक आदेश, जिसमें शहरी निकाय के मतदाता को पंचायत चुनाव लड़ने से रोका गया था, को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। इसके बाद आयोग ने एक नए आदेश में शहरी मतदाताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी। हालांकि, इसके बाद फिर से इसे लेकर विवाद उठने लगा।
निर्वाचन प्रक्रिया में अड़चनें
इस बीच, पंचायत चुनावों में नामांकन की प्रक्रिया अब निरंतर आगे बढ़ रही है। लेकिन शहरी मतदाताओं के बरे में स्थिति स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस के शिकायती पत्र के बाद आयोग को कई बार निर्णय लेना पड़ा। चुनावों में अभी भी कई ऐसे मुद्दे हैं जिनसे मतदाता चिंतित हैं।
आने वाले चुनावों का महत्व
यह पंचायत चुनाव न केवल स्थानीय प्रशासन को मजबूत करेंगे, बल्कि यह राजनीति के साथ-साथ सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करेंगे। सभी राजनीतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवार अलग-अलग मुद्दों पर चुनावी दौरा कर रहे हैं, जो दर्शाते हैं कि यह चुनाव कितना महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष
कानूनी अड़चनों और आयोग के आदेशों ने पंचायत चुनावों को प्रभावित किया है। 14 जुलाई को होने वाली सुनवाई इस मामले को स्पष्ट कर सकती है। इस समय, सभी की निगाहें अदालत पर हैं कि वह कैसे फैसले लेती है। इच्छुक उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को बहस जारी रखनी होगी, जबकि चुनावी प्रक्रिया भी समय से पूरी हो सके।
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