उत्तराखंड सरकार नशे के खिलाफ  एक नये  ब्लू प्रिंट पर काम करेगी

The post उत्तराखंड सरकार नशे के खिलाफ  एक नये  ब्लू प्रिंट पर काम करेगी appeared first on Avikal Uttarakhand. नशे के खिलाफ जंग का एक नया मोर्चा बनेगा प्रवर्तन, जागरूकता और पुनर्वास—तीनों मोर्चों पर एक साथ कार्रवाई का खाका तैयार अविकल उत्तराखण्ड देहरादून। उत्तराखंड में युवाओं में नशे की… The post उत्तराखंड सरकार नशे के खिलाफ  एक नये  ब्लू प्रिंट पर काम करेगी appeared first on Avikal Uttarakhand.

उत्तराखंड सरकार नशे के खिलाफ  एक नये  ब्लू प्रिंट पर काम करेगी
उत्तराखंड सरकार नशे के खिलाफ  एक नये  ब्लू प्रिंट पर काम करेगी

उत्तराखंड सरकार नशे के खिलाफ एक नये ब्लू प्रिंट पर काम करेगी

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - theoddnaari

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने युवाओं में बढ़ते नशे के खतरे को देखते हुए एक नया ब्लू प्रिंट तैयार करने का निर्णय लिया है। इस योजना का उद्देश्य नशे के खिलाफ एक बहुआयामी एवं समन्वित अभियान चलाना है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राष्ट्रीय नार्को समन्वय पोर्टल (एन्कॉर्ड) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए नशे के खिलाफ लड़ाई में नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की।

नशा विरोधी अभियान का नया दृष्टिकोण

उत्तराखंड सरकार ने नशे के 'ईको-सिस्टम' को तोड़ने के लिए प्रशासनिक, सामाजिक और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच घनिष्ठ समन्वय की आवश्यकता बताई है। राज्य सरकार का मानना है कि यह केवल एक कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संकट है, जिससे युवाओं को बचाने के लिए एक ठोस और प्रभावी योजना की जरूरत है।

बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह को नशा विरोधी अभियान का एकल नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। उन्हें सभी आवंटित संसाधनों से सुसज्जित करने का आश्वासन दिया गया है। इसके अलावा, अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे राज्यव्यापी अभियानों में एक साथ मिलकर काम करें।

जागरूकता और पुनर्वास में सहयोग

मुख्य सचिव ने उपस्थित अधिकारियों को तय किया कि हर जिले में डीएम और एसपी को शैक्षणिक संस्थानों और हॉस्टलों के प्रमुखों के साथ संवाद स्थापित करना होगा। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मेडिकल परीक्षण कराने का निर्णय लिया गया है, जिससे नशे की शुरुआती पहचान हो सके। यह पहल न केवल नशे की रोकथाम करेगा, बल्कि युवाओं में इसके खिलाफ जागरूकता भी पैदा करेगी।

इस अभियान में सामाजिक स्तर पर सक्रिय भागीदारी की भी आवश्यकता है। सोशल मीडिया, इन्फ्लुएंसर, और स्थानीय संगठनों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि नशे के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ाई जा सके। जिले की मासिक बैठकें मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और समन्वय समिति के बीच सामंजस्य स्थापित करेंगी।

सरकारी भवनों का उपयोग

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अनुपयोगी सरकारी भवनों को नशामुक्ति तथा मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा। इस प्रक्रिया में रायवाला स्थित ओल्ड एज होम समेत अन्य भवनों का भी विकास होगा। इसके साथ ही, निजी नशामुक्ति केंद्रों का मानकों के अनुरूप निरीक्षण किया जाएगा, और अगर कोई भी मानक से हटता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नया ब्लू प्रिंट: एक पायदान आगे

यह पहल उत्तराखंड सरकार की नशे के खिलाफ लड़ाई में एक नई दिशा को दर्शाती है। यह केवल प्रशासनिक प्रयास नहीं है, बल्कि इसके लिए समाज की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है। नशे के खिलाफ यह बहुआयामी पहल सरकारी प्रयासों के साथ-साथ नागरिकों के सहयोग पर भी निर्भर करेगी। किसी भी योजना को सफल बनाने के लिए सामाजिक जागरूकता और एकजुटता की आवश्यकता है।

इस प्रकार, उत्तराखंड की सरकार ने नशे की समस्या के समाधान के लिए एक ठोस कदम उठाया है, जो न केवल प्रशासनिक स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर भी प्रभावी साबित होगा। सभी वर्गों को इस लड़ाई में सहयोग देना चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी को एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य मिल सके।

हम उम्मीद करते हैं कि सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम नशे की समस्या को समाप्त करने में सफल होंगे। इसके लिए सबको एकजुट होकर प्रयास करना होगा।

— टीम theoddnaari

Keywords:

drug addiction, Uttarakhand government, new blueprint, social crisis, young people awareness, rehabilitation efforts, multi-faceted approach, health department coordination, narcotics control