हल्द्वानी: पहाड़ आर्मी ने कोतवाल राजेश यादव की बदतमीजी के खिलाफ फूंका पुतला, तीन दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो होगा राज्यव्यापी आंदोलन (वीडियो)
हल्द्वानी: हल्द्वानी कोतवाल राजेश यादव को हटाने की मांग को लेकर विरोध तेज हो गया है। पहाड़ी आर्मी के जिला अध्यक्ष मोहन कांडपाल के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने कोतवाल का पुतला दहन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहीं। यह मामला 8 अगस्त 2025 की घटना से जुड़ा है, जब ज्योति मेर […] Source
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हल्द्वानी में कोतवाल राजेश यादव की बदतमीजी के खिलाफ पहाड़ी आर्मी द्वारा चलाए गए आंदोलन ने स्थानीय समुदाय का ध्यान खींचा है। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जिला अध्यक्ष मोहन कांडपाल ने किया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं। प्रदर्शनकारियों ने राजेश यादव का पुतला दहन किया और इसके माध्यम से नाराजगी व्यक्त की। यदि तीन दिन के भीतर कोई कार्रवाई नहीं होती, तो पहाड़ी आर्मी ने राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। यह घटना 8 अगस्त 2025 से जुड़ी है, जब ज्योति मेहर नाम की एक महिला के साथ कोतवाल द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के खिलाफ यह मामला उठाया गया था।
घटनाक्रम का विवरण
प्रदर्शनकारियों ने विशेष रूप से कोतवाल के व्यवहार को गम्भीरता से लिया है, जिसके चलते स्थानीय लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। पुतला दहन के दौरान मोहन कांडपाल ने कहा, "हम अपने समुदाय की आवाज उठाने के लिए यहाँ हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारे अधिकारों का सम्मान किया जाए और किसी भी अधिकारी द्वारा गलत व्यवहार को सहन नहीं किया जाएगा।"
समुदाय का समर्थन
इस विरोध में शामिल महिलाओं ने खुलकर अपनी बातें रखी। कई महिलाओं ने कहा कि वे इस तरह के दुर्व्यवहार का सामना नहीं करेंगी और इस मुद्दे पर लड़ाई जारी रखेंगे। स्थानीय निवासी सृष्टि ने बताया, "हम यहाँ अपने हक के लिए खड़े हैं। हम अपनी आवाज उठाएंगे और किसी भी प्रकार के अत्याचार का विरोध करेंगे। यह केवल एक व्यक्ति की बात नहीं है, बल्कि पूरे समाज की बात है।"
संभव कानूनी कार्यवाही
यदि तीन दिन के भीतर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है, तो पहाड़ी आर्मी एक व्यापक आंदोलन का आयोजन करने की योजना बना रही है। मोहन कांडपाल ने कहा कि यह सिर्फ हल्द्वानी का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य के लोगों के अधिकारों की रक्षा का एक मामला है। "हम अपने लिए लड़ेंगे, और अगर इसे रोकने के लिए अधिकारियों को कदम नहीं उठाने होंगे," उन्होंने कहा।
निष्कर्ष
हल्द्वानी की इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समुदाय के लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हैं। जनता की आवाज को अनसुना करना बहुत भारी पड़ सकता है, और यह स्पष्ट है कि अगर स्थानीय प्रशासन ने समय पर कार्रवाई नहीं की, तो यह मामला और बढ़ सकता है। पहाड़ी आर्मी द्वारा दिए गए अल्टीमेटम से यह स्पष्ट है कि स्थानीय समुदाय अब और चुप नहीं रहने वाला। जरूरत है कि प्रशासन इस स्थिति को गंभीरता से ले और उचित कार्रवाई करे।
हल्द्वानी में चल रहे इस आंदोलन पर नज़र रखना बहुत ज़रूरी है, और हम सभी को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारे अधिकारों का सम्मान हो। इसके लिए स्थानीय प्रशासन को दिखाना होगा कि वे जनता के प्रति जिम्मेदार हैं। इसे लेकर अपडेट के लिए विजिट करें theoddnaari.