VIDEO | बाढ़ से बंद हुए रास्ते, नाव पर सवार होकर बिहार से बलिया पहुंची बारात
पिछले काफी समय से हो रही लगातार बारिश ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पहाड़ों पर जहां बादल फट रहे हैं वहीं दूसरी ओर मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर है। कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति है। ऐसे में एक चौंका देने वाली घटना सामने आयी है। उत्तर प्रदेश के बलिया में गंगा नदी में आयी बाढ़ से सड़क मार्ग बंद हो जाने के कारण बिहार से एक बारात नाव पर सवार होकर बलिया पहुंची। नाव पर सवार बारातियों को नदी की मौजों से बेखबर पूरे उत्साह से तालियां बजाते हुए मंजिल की तरफ बढ़ने का यह नजारा ग्रामीणों के लिये कौतूहल भरा रहा। यह पूरा मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। बिहार के बक्सर जिला के नैनीजोर लाल डेरा गांव के रहने वाले कमलेश राम के बेटे राजेश कुमार की शादी बलिया के बेयासी गांव में तय हुई थी।शादी की तैयारियों के बीच बक्सर जिला भारी बारिश के कारण गंगा नदी की बाढ़ की चपेट में आ गया। बाढ़ की वजह से सारे रास्ते जलमग्न होकर बंद हो गए। सड़क मार्ग के पूरी तरह जलमग्न हो जाने से बारात लेकर जाना मुश्किल हो गया। कमलेश राम ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि बाढ़ के कारण शादी पर ग्रहण लग गया। ऐसी विषम स्थिति में परिवार ने नाव से बारात ले जाने का फैसला किया।इसे भी पढ़ें: 'लोकतंत्र बचाने का समय', खड़गे ने राहुल का किया समर्थन, EC पर सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में काम करने का लगाया आरोप गंगौली गांव के पास तटबंध के नीचे से एक सजी-धजी नाव पर बारात निकली। दूल्हा राजेश साफा पहन कर पारंपरिक पोशाक में नाव पर बैठा और उसके साथ तकरीबन 25 बाराती दो नावों पर सवार होकर निकले। नाव पर कोई डीजे नहीं था, न ही बैंड-बाजा लेकिन गंगा की लहरों की थपकी और नाविकों की ताल ने माहौल को खास बना दिया। बारातियों ने भी पूरे जोश में ढोलक की जगह तालियां बजाईं।इसे भी पढ़ें: Trump-Putin Meeting: ना अमेरिका और ना रूस, पुतिन-ट्रंप की महामुलाकात इस मुस्लिम देश में हो सकती है ग्रामीणों के लिए यह दृश्य अनोखा था। लोगों ने अपने मोबाइल से इस खास बारात की फोटो ली व वीडियो बनाई और सोशल मीडिया पर साझा शुरू कर दिया। देखते ही देखते यह बारात इलाके में चर्चा का विषय बन गई। दूल्हे के पिता कमलेश राम ने बताया कि शादी की तारीख पहले से तय थी और इसे रद्द करना संभव नहीं था, इसीलिए नाव से बारात ले जाने का निर्णय लिया गया। गंगा मैया की लहरों ने इस बारात को यादगार बना दिया।वहीं दूसरी तरफ बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर और सारण ज़िलों में बाढ़ की स्थिति विकट हो गई है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटबंध टूट गए हैं, गाँव अलग-थलग पड़ गए हैं और ज़रूरी सड़क संपर्क टूट गए हैं। हज़ारों लोग फँस गए हैं और उनकी आजीविका ख़तरे में पड़ गई है।मुज़फ़्फ़रपुर में, बागमती नदी ख़तरनाक रूप से उफान पर है, ख़ासकर औराई ब्लॉक में, जहाँ जलस्तर तीन फ़ीट से ज़्यादा बढ़ गया है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। मंगलवार को, बभनगामा पूर्वी टोला में चचरी पुल तेज़ धाराओं में पूरी तरह बह गया। यह पुल कई गाँवों के लिए एकमात्र जीवनरेखा था, जो अब पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। बलिया जिले में खतरा बिंदु पार कर चुकी गंगा की लहरों पर बरात बिहार से आई तो गांव में खूब चर्चा होने लगी। परिजनों ने बताया कि पहले से शादी तय थी इसलिए बाढ़ की स्थिति होने पर नाव का सहारा लेना पड़ा। #Balia #Bihar #Ganga #wedding #Boatwedding #Varanasi pic.twitter.com/YxYRVWDep8— Abhishek sharma (@officeofabhi) August 7, 2025

VIDEO | बाढ़ से बंद हुए रास्ते, नाव पर सवार होकर बिहार से बलिया पहुंची बारात
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By Priya Singh and Neha Sharma, Team theoddnaari
Introduction
पिछले कुछ समय से हो रही लगातार बारिश ने भारत के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी है। उत्तर प्रदेश के बलिया में गंगा नदी के उफान से रास्ते बंद हो गए, जिसके कारण एक अनोखी बारात नाव पर सवार होकर बिहार से बलिया पहुंची। इस चौंका देने वाली घटना ने क्षेत्र में चर्चा का विषय बना दिया है।
बारात का अनोखा सफर
बिहार के बक्सर जिले के नैनीजोर लाल डेरा गांव के रहने वाले कमलेश राम के बेटे राजेश कुमार की शादी बलिया के बेयासी गांव में होनी थी। हालांकि, बक्सर जिले में लगातार होने वाली बारिश के कारण गंगा नदी भयंकर बाढ़ में तब्दील हो गई। सभी रास्ते जलमग्न हो जाने से बारात लेकर जाना मुश्किल हो गया।
कमलेश राम ने संवाददाताओं को बताया, “बाढ़ ने हमारी शादी की तैयारियों को प्रभावित किया, लेकिन हमने हार नहीं मानी। हमने नाव से बारात ले जाने का फैसला किया।” यह निर्णय ना केवल साहसिक था, बल्कि एक अनोखी शादी की भी शुरुआत की।
नाव पर बारात का यात्रा दृश्य
गंगौली गांव के पास एक सज्जित नाव पर बारात निकली। दूल्हा राजेश पारंपरिक पोशाक में नाव पर बैठा और उसके साथ लगभग 25 बाराती भी दो नावों पर सवार हुए। बिना डीजे और बैंड-बाजा के, बारातियों ने गंगा की लहरों की ताल और नाविकों की आवाज के साथ अपने उत्साह को बनाए रखा। इस दृश्य ने ग्रामीणों को मंत्रमुग्ध कर दिया जहां उन्होंने मोबाइल से तस्वीरें और वीडियो बनाने की होड़ लगाई।
बाढ़ की स्थिति और इसके प्रभाव
वहीं, मुज़फ्फरपुर और सारण जिलों में बाढ़ की स्थिति और भी विकट होती जा रही है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से तटबंध टूट गए हैं और कई गाँव पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गए हैं। इससे हजारों लोग कठिनाई में हैं।
मुज़फ्फरपुर में बागमती नदी के उफान ने स्थानीय लोगों के बीच खौफ पैदा कर दिया है। गाँवों में आवश्यक संपर्क टूटने से लोग फंस गए हैं और उनकी आजीविका पर संकट आ गया है।
निष्कर्ष
जबकि बलिया में बारात ने नाव के माध्यम से यात्रा कर यादगार बना दी, बाढ़ की स्थिति ने अन्य स्थानों पर गंभीर परिणाम भी दिखाए हैं। हमें उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य होगी और उन प्रभावित लोगों की मदद की जाएगी। शादी की इस अनोखी यात्रा ने हमें बताना सीखा है कि विपरीत परिस्थितियों में भी खुशियाँ मनाई जा सकती हैं।
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