पहले 5 महीनों में पटरियों पर 453 लोगों की मौत, रेलवे ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया
मध्य रेलवे ने बॉम्बे उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि 2025 के पहले पाँच महीनों में रेलवे पटरियों पर 453 लोगों की मौत हो चुकी है। बॉम्बे उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद मध्य रेलवे ने यह हलफनामा दायर किया है। वकील अनामिका मल्होत्रा के माध्यम से दायर हलफनामे में, मध्य रेलवे ने कहा कि मौतों के प्रमुख कारण अतिक्रमण, पटरी पार करना और लोकल ट्रेनों से गिरना थे। आंकड़ों से पता चला है कि 2025 में, पटरी पार करते समय 293 लोगों की मौत हुई, और चलती ट्रेन से गिरने से 150 लोगों की मौत हुई। पिछले साल, यानी 2024 में पटरी पार करते समय मरने वालों की संख्या 674 थी, जबकि ट्रेन से गिरने से 387 मौतें हुईं।इसे भी पढ़ें: कांवड़ यात्रा पथ पर ढाबों पर फिलहाल लगाना ही होगा क्यूआर कोड, SC ने यूपी-उत्तराखंड सरकार से जवाब तो मांगा, लेकिन रोक नहीं लगाई2023 में कुल 782 लोगों की मौत पटरी पार करते समय हुई, जबकि 431 लोगों की मौत चलती ट्रेन से गिरने के कारण हुई। यह हलफनामा अदालत के निर्देश पर दायर किया गया था। उच्च न्यायालय ने 9 जून को मुंब्रा में हुई घटना के बाद रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें एक-दूसरे के पास से गुजर रही दो लोकल ट्रेनों से आठ यात्री गिर गए थे, जिसके परिणामस्वरूप पाँच लोगों की मौत हो गई थी। मध्य रेलवे ने अदालत को सूचित किया कि मुंब्रा घटना की जाँच के लिए एक बहु-विषयक टीम गठित की गई है और जाँच अभी भी जारी है।इसे भी पढ़ें: Hijab Controversy: नर्सिंग कॉलेज के खिलाफ CM सिद्धारमैया लेंगे एक्शन? छात्र संगठन ने हिजाब प्रतिबंध को लेकर की ये अपीलइस टीम में मुंबई से एक वरिष्ठ मंडल सुरक्षा अधिकारी, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (दक्षिण) और वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (ट्रैक्शन रोलिंग स्टॉक परिचालन) शामिल हैं।

पहले 5 महीनों में पटरियों पर 453 लोगों की मौत, रेलवे ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया
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मध्य रेलवे ने हाल ही में बॉम्बे उच्च न्यायालय के समक्ष जानकारी दी है कि वर्ष 2025 के पहले पांच महीनों में रेलवे पटरियों पर 453 लोगों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी एक हलफनामे के माध्यम से दी गई है, जो वकील अनामिका मल्होत्रा के माध्यम से पेश किया गया था।
मौतों के कारण और आंकड़े
मध्य रेलवे के अनुसार, इस साल मृतकों की संख्या के प्रमुख कारणों में पटरी पार करना, अतिक्रमण, और लोकल ट्रेनों से गिरना शामिल हैं। विवरण से पता चलता है कि 2025 में, 293 लोगों की मौत पटरी पार करते समय हुई, जबकि चलती ट्रेन से गिरने के कारण 150 लोगों की मौत आरंभिक पांच महीनों में हुई। पिछले वर्ष 2024 में, ये आंकड़े बहुत अधिक थे, जहां पटरी पार करते हुए 674 व्यक्तियों की मृत्यु हुई और ट्रेन से गिरने के कारण 387 लोगों की जान गई थी।
पिछले वर्षों की तुलना
जब हम 2023 के आंकड़ों पर गौर करते हैं, तो पता चलता है कि कुल 782 लोगों की मौत पटरी पार करते समय हुई थी, और 431 लोगों की मृत्यु चलती ट्रेन से गिर जाने के कारण हुई। इस साल की तुलना में पिछले वर्षों में ये आंकड़े अधिक चिंताजनक हैं, जहाँ मृत्यु दर में कोई ठोस कमी नहीं आयी है।
मुंब्रा घटना और जाँच
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 9 जून को मुंब्रा में हुई एक घटना के बाद इस समस्या की गंभीरता को स्वीकारते हुए जांच के आदेश दिए थे। इस घटना में दो लोकल ट्रेनों से गिरने वाले आठ यात्रियों में से पांच की मौत हो गई थी। इसके परिणामस्वरूप, मध्य रेलवे ने इस घटना की जाँच के लिए एक बहु-विषयक टीम गठित की है।
जाँच टीम का गठन
जाँच टीम में मुंबई के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा अधिकारी, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक, और वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (दक्षिण) सहित अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। यह कदम इस बात का प्रतीक है कि रेलवे प्राधिकरण इस गंभीर समस्या को गंभीरता से ले रहा है और सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने के लिए तत्पर है।
समापन
रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझता है और इस समस्या को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। जबकि वर्तमान आंकड़े चिंताजनक हैं, यह आवश्यक है कि यात्रियों को सही दिशा में जानकारी दें और सुरक्षा उपायों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने का प्रयास भी किया जाना चाहिए।
हमारी आगे की रिपोर्टों में ऐसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा, यदि आप और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो अधिक अपडेट के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं: theoddnaari.com
लेखक: टीम theoddnaari