Amit Shah Retirement Plan: रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे अमित शाह? गृहमंत्री ने बता दिया अपना फ्यूचर प्लान

Amit Shah Retirement Plan: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राजनीति से जब संन्यास ले लेंगे, तो क्या करेंगे? इस बारे में गृहमंत्री ने खुलकर बता दिया है. दिल्ली में 'सहकार संवाद' में महिला के साथ बातचीत में शाह ने अपना रिटायरमेंट प्लान शेयर किया. The post Amit Shah Retirement Plan: रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे अमित शाह? गृहमंत्री ने बता दिया अपना फ्यूचर प्लान appeared first on Prabhat Khabar.

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक कार्यक्रम में अपने रिटायरमेंट के बाद की योजनाओं का खुलासा किया, जिससे कई लोग उत्सुक हो गए हैं। ‘सहकार संवाद’ में, शाह ने बताया कि जब भी वह राजनीति से रिटायर होंगे, वह अपना जीवन वेदों, उपनिषदों और प्राकृतिक खेती को समर्पित करने की योजना बना रहे हैं।

रिटायरमेंट का परिदृश्य

अमित शाह ने घोषणा की कि उनका लक्ष्य संस्कृति, आध्यात्मिकता और कृषि क्षेत्र के साथ फिर से जुड़ना है। यह बात उन्होंने गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के सहकारिता क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं के साथ बातचीत करते समय बताई। इस दौरान, उन्होंने यह भी साझा किया कि वह चाहते हैं कि भारतीय युवा प्राकृतिक farming को अपनाएं और इसके माध्यम से आत्मनिर्भरता हासिल करें।

गृहमंत्री का विश्वास

शाह ने कहा, "मैं चाहता हूं कि लोग अपने रिटायरमेंट के बाद खुद को उस चीज़ को तैयार करें, जो उनके दिल के करीब हो। मैं खुद को वेद और उपनिषदों के अध्ययन में लगाना चाहता हूं, क्योंकि यह ज्ञान मुझे शांति देगा।" उनके इस दृष्टिकोण से यह स्पष्ट होता है कि वह आध्यात्मिकता की ओर रुख कर रहे हैं।

सहकारिता का महत्व

सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए शाह ने अनेक योजनाओं की चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे माताएं-बहनें सहकारिता क्षेत्र में आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। उदाहरणस्वरूप, गुजरात की मीरलबेन ने ऊंटनी के दूध के व्यवसाय में वृद्धि के फलस्वरूप अपने परिवार का जीवन स्तर सुधारा है। मध्य प्रदेश में, वीरेन्द्र चौहान ने जन औषधि केंद्र की स्थापना कर ग्रामीणों को सस्ती दवाइयों का लाभ पहुँचाया है।

भारतीय खेती का महत्व

शाह का यह विश्वास है कि प्राकृतिक खेती से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि यह कृषि क्षेत्र का भी विकास करेगा। इस दिशा में सरकार की योजनाएं एवं कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं। वह इस बात पर जोर देते हैं कि "हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना चाहिए और प्राकृतिक खेती की तकनीकों को अपनाना चाहिए।" उनके इस दृष्टिकोण से भारत की खेती सुरक्षित नहीं सिर्फ होगी, बल्कि उसमें स्थिरता भी आएगी।

निष्कर्ष

अमित शाह का रिटायरमेंट प्लान निश्चित रूप से भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ लेगा। उनकी योजना न केवल व्यक्तिगत विकास का साधन है, बल्कि यह पूरे देश के लिए सकारात्मक संकेत भी है। उनकी इस सोच से यह साफ होता है कि वो अपने अंतर्मन से जुड़े रहना चाहते हैं और भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

अंत में, यह कहना उचित है कि अमित शाह के इस रिटायरमेंट प्लान से भारतीय राजनीति में एक नई दिशा की उम्मीद की जा सकती है। यह विवेचना पाठकों को एक सोचने का नया दृष्टिकोण प्रदान करती है कि कितने नेता अपने रिटायरमेंट के बाद भी समाज सेवा में निरंतर योगदान दे सकते हैं।

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