फर्जी दस्तावेज: सिंचाई विभाग में प्रशासनिक अधिकारी पर मुकदमा दर्ज ..

देहरादून, 23 अगस्त 2025: उत्तराखंड सिंचाई विभाग में मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी पाने वाली महिला कार्मिक अंशुल गोयल के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। वर्तमान में वह उत्तराखंड जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग, यमुना कॉलोनी, देहरादून में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात हैं। अब सहायक अभियंता की तहरीर पर देहरादून […] The post फर्जी दस्तावेज: सिंचाई विभाग में प्रशासनिक अधिकारी पर मुकदमा दर्ज .. appeared first on पर्वतजन.

फर्जी दस्तावेज: सिंचाई विभाग में प्रशासनिक अधिकारी पर मुकदमा दर्ज ..
फर्जी दस्तावेज: सिंचाई विभाग में प्रशासनिक अधिकारी पर मुकदमा दर्ज ..

फर्जी दस्तावेज: सिंचाई विभाग में प्रशासनिक अधिकारी पर मुकदमा दर्ज ..

देहरादून, 23 अगस्त 2025: उत्तराखंड सिंचाई विभाग में एक बड़ा मुद्दा उठता है, जब यह खुलासा हुआ कि मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी पाने वाली महिला कार्मिक अंशुल गोयल के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी हैं। अंशुल वर्तमान में उत्तराखंड जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग, यमुना कॉलोनी, देहरादून में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात हैं। यह मामला सहायक अभियंता की तहरीर पर उठाया गया, जिसने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए न्यायिक कार्रवाई की मांग की।

फर्जी दस्तावेजों की जांच

इस तरह की घटनाएं सरकारी विभागों की छवि को प्रभावित करती हैं। जांच के दौरान यह पाया गया कि अंशुल गोयल के द्वारा प्रस्तुत किए गए शैक्षिक प्रमाण पत्रों में कई अनियमितताएँ थीं। अधिकारियों ने उनके दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि ये सब दस्तावेज असत्य हैं। इस मामले में धोखाधड़ी के आरोप के तहत अंशुल पर मुकदमा दायर किया गया है।

सरकारी नौकरी के लिए फर्जीवाड़ा गंभीर मुद्दा

सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मामले ने यह समस्या उजागर की है, जहां कुछ लोग नौकरी पाने के लिए अनैतिक तरीके अपनाते हैं। उत्तराखंड सिंचाई विभाग जैसी महत्त्वपूर्ण सेवा में ऐसी घटनाएँ न केवल विभाग की श्रम शक्ति पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं, बल्कि युवा पीढ़ी के लिए भी एक गलत मिसाल प्रस्तुत करती हैं।

अधिकारी की प्रतिक्रिया

जब इस मुद्दे के बारे में उत्तराखंड जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग के अधिकारियों से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अनियमितताओं के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

निष्कर्ष

यह घटना एक अद्भुत उदाहरण है कि कैसे कुछ लोग पद प्राप्त करने के लिए कुप्रबंधन और धोखाधड़ी का सहारा लेते हैं, जबकि अन्य योग्य और ईमानदार लोग ऐसे अनुशासन में काम करते हैं। इस मामले से सीख लेना आवश्यक है कि सभी सरकारी विभागों को अपने भर्ती प्रक्रियाओं को और भी मजबूत और पारदर्शी बनाना होगा। फर्जी दस्तावेज एक गंभीर अपराध है और इसके खिलाफ ठोस कदम उठाना समय की मांग है।

फर्जी दस्तावेजों के साथ जुड़ी इस चोरी को लेकर आम जनता को भी अपनी आवाज उठानी होगी ताकि समाज में इस तरह की बीमारियों को समाप्त किया जा सके।

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लेखिका: सुषमा वर्मा, निया राठौर, टीम theoddnaari

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