शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी, कहा- अब नई शुरुआत की तैयारी
मोदी ने दी बधाई, गगणयान मिशन की दिशा में एक मील का पत्थर। प्रमोद जोशी। राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय अंतरिक्ष-यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन और कुल मिलाकर 20 तक अंतरिक्ष में रहने के बाद मंगलवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट पर सकुशल […] The post शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी, कहा- अब नई शुरुआत की तैयारी first appeared on Apka Akhbar.

शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी, कहा- अब नई शुरुआत की तैयारी
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नई दिल्ली: भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अपनी अप्रत्याशित यात्रा पूरी कर ली है। 18 दिन तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में रहने के बाद, उन्होंने मंगलवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट पर सफलतापूर्वक लैंड किया। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बड़े उत्साह के साथ सराहा गया है।
मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु की वापसी पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह गगणयान मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। शुभांशु शुक्ला ने कहा, "अब मैं एक नई शुरुआत के लिए तैयार हूं। यह मेरे लिए एक गर्व का क्षण है और मैं इस अवसर का लाभ उठाने की कोशिश करूंगा।"
मिशन की विशेषताएं
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन केवल एक अविश्वसनीय अनुभव नहीं था, बल्कि उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोगों को भी पूरा किया। उन्होंने बताया कि आईएसएस में रहकर उन्होंने विभिन्न प्रकार के शोध कार्य किए, जिनका उद्देश्य पृथ्वी पर जीवन को बेहतर बनाना है। इस संदर्भ में, उन्होंने कहा कि "यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि हम अंतरिक्ष में भी मानवता के बेहतरी के लिए काम कर सकते हैं।"
राकेश शर्मा से प्रेरणा
शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में कदम राकेश शर्मा के बाद दूसरा बड़ा कदम है। राकेश शर्मा ने 1984 में अपने मिशन के दौरान भारत को गर्वित किया था। शुभांशु ने इस संदर्भ में कहा, "राकेश सर मेरा आईडीएल हैं और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। उनकी सफलता ने मुझे प्रेरित किया।"
भविष्य की योजनाएं
शुभांशु ने अपनी वापसी के बाद आगे की योजनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह शिक्षण क्षेत्र में योगदान देने और युवा पीढ़ी को प्रेरित करने की योजना बना रहे हैं। "मैं चाहता हूं कि अधिक से अधिक लोग अंतरिक्ष में कैरियर बनाने के लिए प्रेरित हों," उन्होंने कहा।
निष्कर्ष
शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि भारत के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। वह अब आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी वापसी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय युवा अनुसंधान और विकास में कैसे योगदान कर सकते हैं।
इस यात्रा को सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक संयुक्त प्रयास है। हम शुभांशु शुक्ला को इस नई शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह और बड़ी खोजों की ओर बढ़ेंगे।
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