डीएम ने अनाथ राजू को दिलाया मुफ्त इलाज
The post डीएम ने अनाथ राजू को दिलाया मुफ्त इलाज appeared first on Avikal Uttarakhand. जिलाधिकारी ने खुद कराई अस्पताल में व्यवस्था अविकल उत्तराखंड देहरादून। गर्म पानी से हाथ जलने के बाद इलाज के लिए दर-दर भटकता एक अनाथ और असहाय युवक जब डीएम दफ्तर… The post डीएम ने अनाथ राजू को दिलाया मुफ्त इलाज appeared first on Avikal Uttarakhand.

डीएम ने अनाथ राजू को दिलाया मुफ्त इलाज
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By Priya Sharma, Ananya Sinha, Signed off as Team theoddnaari
Introduction
उत्तराखंड के चमोली जिले के एक छोटे से गांव में, एक अनाथ युवक, राजू, को जिलाधिकारी ने न केवल एक नया जीवन दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि समाज में मानवता की असली पहचान क्या होती है। राजू, अपने जीवन की कठिनाइयों से जूझता हुआ, एक असाधारण मदद की तलाश में था।
राजू की कहानी
राजू, जो पांडुकेश्वर का निवासी है, एक होटल में मजदूरी करता है। हाल ही में, उसके हाथ पर गर्म पानी गिर जाने से वह गंभीर रूप से झुलस गया। जब राजू ने इलाज के लिए कई अस्पतालों का दरवाजा खटखटाया, तो उसने कई बार निराशा का सामना किया। उसकी आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि वह इलाज कराने में असफल रहा।
डीएम साहब की संवेदनशीलता
जब राजू ने उम्मीद के साथ जिलाधिकारी कार्यालय का रुख किया, तो वहां उपस्थित अधिकारियों ने उसकी पीड़ा को गंभीरता से लिया। उसने डीएम के सामने बेबसी से कहा, "साहब, कोई अपना नहीं है। हाथ की सर्जरी होनी है, पैसे नहीं हैं। मदद करिए।" यह सुनकर जिलाधिकारी ने उसे अपने पास बिठाया और उसकी समस्या को गंभीरता से सुना।
तत्काल सहायता
जिलाधिकारी ने त्वरित निर्णय लेते हुए राजू की स्थिति को देखा और अस्पताल के डॉक्टरों से परामर्श किया। देवभूमि दून अस्पताल ने राजू की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे उच्च चिकित्सा केंद्र (हायर सेंटर) भेजने का सुझाव दिया। जिलाधिकारी ने निजी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर से बात कर राजू को प्रशासन के सारथी वाहन के माध्यम से वहां भिजवाया। अंत में, राजू का मुफ्त इलाज प्रारंभ हुआ।
राजू की प्रतिक्रिया
राजू ने भावुक होते हुए कहा, "डीएम साहब ने मेरी पीड़ा समझी और सहारा दिया। अब मेरा इलाज हो रहा है।" उसकी इस बात ने डीएम और उनके टीम के प्रयासों को और मूल्यवान बना दिया।
समाज के लिए सन्देश
इस घटना ने न केवल प्रशासनिक संसाधनों के सही उपयोग को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि हर संज्ञान व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास कर सकता है। जिलाधिकारी की संवेदनशीलता और निस्वार्थ सेवा ने यह साबित कर दिया कि सरकार और समाज, एकजुट होकर किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
निष्कर्ष
राजू की कहानी हमें यह सिखाती है कि समाज में मानवता का स्थान सर्वोपरि है। एक छोटी सी मदद भी किसी के जीवन में बड़ी बदलाव ला सकती है। हमें ऐसी घटनाओं को अपने जीवन में लागू करना चाहिए और मानवता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए।