भारतीय सेना को पाकिस्तान की किसी हिंसक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा: सीडीएस जनरल अनिल चौहान
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सेना को पाकिस्तान द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के हिंसक कृत्यों का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा। यहां एक कार्यक्रम में को संबोधित करते हुए सीडीएस ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्ण-आयामी प्रतिरोध सिद्धांत” को चुनौती देने की आवश्यकता है, तथा इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादी पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में छिप नहीं सकते। वार्षिक ‘ट्राइडेंट’ व्याख्यान श्रृंखला के उद्घाटन सत्र में उन्होंने दोहराया कि सैन्य तैयारी अत्यंत उच्च स्तर की होनी चाहिए, चौबीसों घंटे और वर्ष के 365 दिन तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि युद्ध और शांति के बीच बहुत कम अंतर है, तथा कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वे एक दूसरे में विलीन हो रहे हैं। सीडीएस ने कहा, हमें अपरंपरागत और परमाणु क्षेत्रों के बीच पारंपरिक अभियानों के लिए अधिक स्थान बनाने की आवश्यकता है।”इसे भी पढ़ें: Loan Scam case में SC का बड़ा फैसला, DHFL के पूर्व प्रमोटर धीरज वधावन को दी गई जमानत रद्द उन्होंने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान की धरती पर कहीं भी छिप नहीं सकते। जनरल चौहान ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय सेना के पास अत्यधिक दूरी पर स्थित स्थिर और गतिशील दोनों लक्ष्यों को भेदने की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, हमें पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली किसी भी हिंसात्मक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा, चाहे वह राज्य के तत्वों द्वारा की जाए या राज्येतर तत्व द्वारा की जाए, और यह पहला मानदंड है, जो हमें समझना होगा। यह हम सभी के लिए नया मानदंड है।इसे भी पढ़ें: Uttarkashi Cloudburst: बहे 40 से 50 घर, 100 से ज़्यादा लोग लापता, 4 की मौत, राहत और बचाव कार्य जारी सीडीएस ने कहा कि एक और सैन्य मानक यह है कि अब परमाणु नीति पर अधिक निर्भरता होगी, जो पारंपरिक सैन्य अभियानों की बुनियाद बन गई है। उन्होंने कहा कि एक और मानक यह होगा कि भारत को अपने विरोधियों के मुकाबले तकनीकी रूप से आगे रहना होगा।

भारतीय सेना को पाकिस्तान की किसी हिंसक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा: सीडीएस जनरल अनिल चौहान
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सेना को पाकिस्तान द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के हिंसक कृत्यों का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा। यह बयान उन्होंने त्रिदेंट व्याख्यान श्रृंखला के उद्घाटन सत्र में दिया, जहां उन्होंने पाकिस्तानी के "पूर्ण-आयामी प्रतिरोध सिद्धांत" को चुनौती देने की आवश्यकता पर जोर दिया। जनरल चौहान ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवादी पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में छिप नहीं सकते।
सैन्य तैयारी बनाए रखना आवश्यक
सीडीएस ने कहा कि सैन्य तैयारी अत्यंत उच्च स्तर की होनी चाहिए। भारतीय सेना को चौबीसों घंटे और वर्ष के 365 दिन तैयार रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में युद्ध और शांति के बीच बहुत कम अंतर है, और यह संज्ञान लेना जरूरी है कि ये दोनों एक-दूसरे में विलीन होते जा रहे हैं।
अपरंपरागत युद्ध की चुनौतियाँ
उन्होंने जोर दिया कि हमें अपरंपरागत और परमाणु क्षेत्रों के बीच पारंपरिक अभियानों के लिए अधिक स्थान बनाने की आवश्यकता है। सेना को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अत्यधिक दूरी पर स्थित स्थिर और गतिशील लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखते हों। जनरल चौहान ने कहा, "हमें पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली किसी भी हिंसात्मक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा, चाहे वह राज्य के तत्वों द्वारा की जाए या राज्येतर तत्व द्वारा।" यह एक नया मानदंड है जो हमें समझना होगा।
नई सैन्य नीति के मानक
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एक और सैन्य मानक यह होगा कि अब परमाणु नीति पर अधिक निर्भरता होगी, जो पारंपरिक सैन्य अभियानों की बुनियाद बन गई है। जनरल चौहान ने यह भी कहा कि भारत को अपने विरोधियों की तुलना में तकनीकी रूप से आगे रहना होगा। यह सेना की क्षमता को बढ़ाने और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
सीडीएस जनरल अनिल चौहान के इस बयान से स्पष्ट होता है कि भारतीय सेना पाकिस्तान द्वारा की जा रही किसी भी हिंसात्मक कार्रवाई का सामना करने के लिए सिद्धांत और रणनीति के नए मानक स्थापित कर रही है। यह केवल पाकिस्तान से सम्बंधित नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के संदर्भ में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। सेना की तैयारी, तकनीकी प्रगति और नीति निर्माण में सुधार के जरिये भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है।
इस समय यह महत्वपूर्ण है कि देश की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए और सभी नागरिकों को इस दिशा में साझा प्रयास करने के लिए प्रेरित किया जाए।
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लेखक: सुमित्रा मेहरा, प्रियंका रायकवार, टीम theoddnaari