Bihar: पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या, जादू-टोना का शक, तेजस्वी का भी आया बयान
बिहार के पूर्णिया जिले में अंधविश्वास से जुड़ी भीड़ द्वारा की गई हिंसा के एक भयावह मामले में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जादू-टोना के आरोप में कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला गया। यह घटना मुफस्सिल पुलिस थाने के अंतर्गत राजीगंज पंचायत के टेटगामा गांव में हुई। पीड़ितों की पहचान बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, उनकी मां काटो मसोमात, उनके बेटे मंजीत उरांव और बहू रानी देवी के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, पीड़ितों को पहले पीट-पीटकर मार डाला गया और फिर 250 से ज़्यादा ग्रामीणों की भीड़ ने उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाकर उनके शवों को पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इसे भी पढ़ें: सम्राट चौधरी ने लालू को बिहार की सियासत का 'गब्बर' बताया, बोले- एक व्यक्ति जिसने सबको डरा दियाइसके बाद उनके शवों को छिपा दिया गया और अवशेषों को बरामद करने के लिए तलाशी अभियान अभी भी जारी है। पुलिस के अनुसार, पीड़ितों को पहले पीट-पीटकर मार डाला गया और फिर 250 से ज़्यादा ग्रामीणों की भीड़ ने उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाकर उनके शवों को पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इसके बाद उनके शवों को छिपा दिया गया और अवशेषों को बरामद करने के लिए तलाशी अभियान जारी है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) और अतिरिक्त एसपी समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कई थानों की टीमों के साथ भीषण घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे। जांच के लिए फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड को भी तैनात किया गया है।पूछताछ के लिए दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें एक स्थानीय तांत्रिक (जादूगर) नकुल उरांव भी शामिल है। पुलिस को संदेह है कि हत्याएं तांत्रिक द्वारा प्रचारित अंधविश्वासों के कारण हुई हैं। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा कि पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया। DK Tax के कारण बिहार में अराजकता चरम पर, DGP/CS बेबस, कानून व्यवस्था ध्वस्त इसे भी पढ़ें: टिप्पणी भी करते हैं और उसी सरकार का समर्थन भी करेंगे...चिराग पासवान पर तेजस्वी ने क्यों साधा निशानातेजस्वी ने आगे लिखा कि परसों सिवान में 3 लोगों की नरसंहार में मौत। विगत दिनों बक्सर में नरसंहार में 3 की मौत। भोजपुर में नरसंहार में 3 की मौत। अपराधी सतर्क, मुख्यमंत्री अचेत, भ्रष्ट भूंजा पार्टी मस्त, पुलिस पस्त! DK की मौज क्योंकि DK ही असल बॉस। पूर्णिया में हुई इस घटना के बारे में चश्मदीद गवाह सोनू और ललित ने बताया कि सुबह करीब 3 बजे करीब 250 ग्रामीणों ने उनके घर पर धावा बोल दिया। उन्होंने बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, उनकी मां काटो मोसमात, उनके बेटे मंजीत उरांव और उनकी बहू रानी देवी को घर से घसीटकर बाहर निकाला। चश्मदीदों के मुताबिक, भीड़ ने तालाब के पास उन पर बेरहमी से हमला किया और फिर परिवार के पांच सदस्यों पर पेट्रोल डालकर उन्हें जिंदा जला दिया।

Bihar: पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या, जादू-टोना का शक, तेजस्वी का भी आया बयान
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बिहार के पूर्णिया जिले में अंधविश्वास के चलते एक भयानक हत्या का मामला सामने आया है। इस घटना में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई, जिसके पीछे जादू-टोना का शक बताया जा रहा है। यह हत्या मुफस्सिल पुलिस थाने के अंतर्गत राजीगंज पंचायत के टेटगामा गांव में हुई। पीड़ितों की सूची में बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, मां काटो मसोमात, बेटे मंजीत उरांव और बहू रानी देवी का नाम शामिल है।
कहानी का दिल दहला देने वाला एक लेखा-जोखा
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना बीती रात करीब तीन बजे हुई जब 250 से अधिक ग्रामीणों की भीड़ ने घर पर धावा बोल दिया। पीड़ित परिवार के सदस्यों को बाहर खींचा गया और फिर बेरहमी से पीटा गया। इस जघन्य कृत्य के बाद, भीड़ ने उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाकर उनके शवों को पेट्रोल डालकर जलाने में कोई संकोच नहीं किया। यह घटना समाज में फैले अंधविश्वास और अशिक्षा का एक दुखद उदाहरण है।
पुलिस कार्रवाई और जांच
मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची है, जिसमें पुलिस अधीक्षक (एसपी) और अतिरिक्त एसपी शामिल हैं। पूरी कार्रवाई में फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड को भी तैनात किया गया है। पुलिस ने इस मामले में जांच के लिए दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनमें एक स्थानीय तांत्रिक भी शामिल है, जिसे हत्याओं के पीछे अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा और इसे बिहार में बढ़ती अराजकता का एक उदाहरण बताया। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था कितनी कमजोर हो गई है। तेजस्वी ने लिखा, "पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या से समूचे बिहार में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।"
भविष्य के कदम
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस घटना से सबक लेना चाहिए और अंधविश्वास के खिलाफ समुचित कदम उठाने चाहिए। शिक्षा के माध्यम से ही इस समस्या का हल निकाला जा सकता है और समाज में जागरूकता फैलाई जा सकती है। पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई और जांच के परिणाम का सभी को इंतजार है। उम्मीद है कि इस घटना के दोषियों को सजा मिलेगी और ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।
हालांकि, इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है और यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम समाज में शिक्षा और जागरूकता फैलाने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं। समाज की जिम्मेदारी है कि हम अंधविश्वास को खारिज करें और एक सुरक्षित और शिक्षित वातावरण का निर्माण करें।
अंततः, यह घटना केवल एक त्रासदी नहीं है, बल्कि यह उस समय की सच्चाई भी दर्शाती है जब समाज में अंधविश्वास और अशिक्षा का प्रकोप हो रहा है।
इस भयावह मामले की पूर्ण जानकारी और आगामी अपडेट के लिए प्रतिदिन समाचार पढ़ते रहें।
सम्पादकीय: इस तरह की घटनाएं हमें सोचने पर मजबूर करती हैं और यह दिखाती हैं कि समाज के मानसिकता में कितना बदलाव लाने की आवश्यकता है। हमें अधिक से अधिक संवाद करना होगा, अंधविश्वास के खिलाफ लडने हेतु आगे आना होगा।
संक्षेप में, यह घटना केवल एक पृष्ठभूमि में नहीं है, बल्कि यह उस रुख को दिखाता है जिसमें हमें अंधविश्वास के खिलाफ एकजुट होना होगा।