Panchayat 4:नीना गुप्ता ने बताया जब कॉलेज में चुनाव लड़ने पर मिली थी धमकी
अभिनेत्री नीना गुप्ता ने इस इंटरव्यू में पंचायत 4 पर बात करने के साथ -साथ निजी जिंदगी में चुनाव लड़ने और राजनीति पर भी बात की है. The post Panchayat 4:नीना गुप्ता ने बताया जब कॉलेज में चुनाव लड़ने पर मिली थी धमकी appeared first on Prabhat Khabar.

Panchayat 4: नीना गुप्ता ने बताया जब कॉलेज में चुनाव लड़ने पर मिली थी धमकी
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अभिनेत्री नीना गुप्ता ने हाल ही में एक इंटरव्यू में चर्चा की कि कैसे कॉलेज में चुनाव लड़ने के दौरान उन्हें धमकियां मिली थीं। यह इंटरव्यू उनके नए शो 'पंचायत 4' पर आधारित है, जो अब अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रहा है। इस इंटरव्यू में उन्होंने न केवल इस सीरीज के बारे में बात की, बल्कि अपने व्यक्तिगत अनुभवों और राजनीति पर भी खुलकर अपनी राय रखी।
पंचायत सीजन 4 की कहानी
पंचायत का नया सीजन, जिसमें नीना गुप्ता ने मंजू देवी का किरदार निभाया है, ग्रामीण राजनीति और चुनावों के दबाव पर केंद्रित है। कहानी में मंजू देवी और क्रांति देवी के बीच चुनावी मुकाबला दिखाया गया है, जिसमें न केवल हास्य है बल्कि जीवन की गंभीरता को भी दर्शाया गया है।
कॉलेज के दिनों का चुनाव अनुभव
नीना गुप्ता ने बताया कि डीयू के जानकी देवी कॉलेज में जब उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया, तब उन्हें कभी सोचा नहीं था कि यह अनुभव इतना चौंका देने वाला होगा। उन्होंने कहा, "मुझे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चुनाव लड़ने के दौरान कुछ लोगों ने मुझे पीछे हटने की धमकी दी। तब समझ में आया कि मामला गंभीर है और मुझे अंततः चुनाव से नाम वापस लेना पड़ा।"
सीरीज के लिए तैयारियाँ
इस सीरीज में अपने किरदार की गहराई को बढ़ाने के लिए नीना को हर सीजन से पहले लोकल बोली और युवा मानसिकता को अपनाना पड़ता है। "हर फेज में मैंने कुछ नया सीखा है। लेखकों ने बहुत अच्छी तरह से कहानी को विकसित किया है, जो कि बेहद मजेदार है," उन्होंने कहा।
राजनीति में आने का मंज़िल?
नीना गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है। "मुझे कई ऑफर मिले हैं लेकिन मैंने माफी मांगी। मैं वही काम करूंगी जिसके बारे में मुझे जानकारी है, और राजनीति एक गंदा खेल है," उन्होंने कहा।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अनुभव पर भी खुलकर बात की। "मुझे वहाँ कुछ ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा है, लेकिन मैं इसे गंभीरता से नहीं लेती। जब मैं पारंपरिक कपड़े पहनती हूं, तो कम लाइक मिलते हैं, लेकिन जब आधुनिक कपड़े पहनती हूं, तो लोग ज्यादा उत्साहित होते हैं। यह एक सच्चाई है," नीना ने कहा।
निष्कर्ष
नीना गुप्ता ने अपने करियर के इस नए अध्याय में मनोरंजन और वास्तविकता के बीच के अंतर को बेहद खूबसूरती से संभाला है। उनकी यह कहानी हमें यह बताती है कि किस प्रकार राजनीति केवल एक खेल नहीं, बल्कि मानसिकता, संघर्ष, और सामर्थ्य का मामला है। उनके अनुभव युवा पीढ़ी को राजनीति और कैरियर के बारे में सोचने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
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