ग्राफिक एरा में साथ जाने की जिद ने परिवार की जान बचायी

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ग्राफिक एरा में साथ जाने की जिद ने परिवार की जान बचायी
ग्राफिक एरा में साथ जाने की जिद ने परिवार की जान बचायी

ग्राफिक एरा में साथ जाने की जिद ने परिवार की जान बचायी

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By Priya Sharma, Neha Verma, and Anjali Joshi | Team theoddnaari

धराली आपदा: एक परिवार की जिद ने बदल दी किस्मत

देहरादून। हाल ही में एक दिल दहला देने वाली घटना में, जाह्नवी पंवार नाम की युवा लड़की की जिद ने उसके परिवार की जान बचा ली। यह घटना उत्तराखंड के धराली क्षेत्र से संबंधित है, जहां एक बड़ी आपदा आई थी। जाह्नवी, जिसने हाल ही में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की, ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में बी ए ऑनर्स में दाखिला लेने के लिए अपने माता-पिता के साथ जाने की जिद कर रही थी।

ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय का योगदान

जाह्नवी की पारिवारिक स्थिति इस कदर थी कि उनके पिता का 40 कमरों वाला होटल और सेब का बगीचा आपदा में पूरी तरह से नष्ट हो गए। अगर जाह्नवी अपने माता-पिता के साथ देहरादून नहीं आती, तो संभावना थी कि वे भी इस आपदा के शिकार हो जाते। इस कड़ी में ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय ने जाह्नवी की शिक्षा को पूर्णतः निःशुल्क करने की घोषणा की है। विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला ने फोन पर जाह्नवी के पिता से बातें कर अपनी सहानुभूति व्यक्त की।

आपदा में सामुदायिक प्रयास

जाह्नवी कहती हैं कि यदि वे अपनी जिद पर अडिग न रहतीं और माता-पिता को नहीं लातीं, तो न जाने क्या होता। उनकी यह जिद न केवल उनके जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित की बल्कि ग्राफिक एरा ने यह भी दर्शाया कि वे समाज के प्रति किस प्रकार की जिम्मेदारी निभाते हैं। डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि यदि उन्हें धराली आपदा से पीड़ित अन्य परिवारों के बारे में जानकारी मिलती है, तो वे और भी छात्रों को इसी तरह की सहायता देने पर विचार करेंगे।

डॉक्टर घनशाला की समाज सेवा

डॉ. घनशाला ने पहले भी उत्तरकाशी और केदारनाथ आपदाओं के समय में राहत कार्यों में योगदान दिया है। रैंणी (जोशीमठ) में हुई आपदा से प्रभावित एक वृद्धा को भी ग्राफिक एरा ने एक नया मकान बनाकर दिया। ऐसे कार्यों के लिए उन्हें समुदाय की ओर से सराहना मिलती है।

निष्कर्ष

इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि जिद और संकल्प से बड़ी से बड़ी मुश्किलें आसान की जा सकती हैं। जाह्नवी पंवार की इस जिद ने केवल उनके परिवार की जान बचायी, बल्कि यह भी दर्शाया कि समुदाय में एकजुटता और सहानुभूति कितनी महत्वपूर्ण होती है। युवा पीढ़ी को ऐसे उदाहरणों से प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज की भलाई में योगदान देना चाहिए।

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