कैसे लागू होगा आवारा कुत्तों पर SC का आदेश, दिल्ली के मेयर ने बताया पूरा प्लान
दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का स्वागत किया जिसमें आठ हफ़्तों के भीतर दिल्ली-एनसीआर के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) इस आदेश को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा। एएनआई से बात करते हुए, दिल्ली के मेयर सिंह ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करेंगे। एमसीडी के पास 20 शेल्टर होम चल रहे हैं। हम चरणबद्ध तरीके से काम करेंगे - पहले चरण में, हम उन कुत्तों को चुनेंगे जो काटने की संभावना रखते हैं या रेबीज से संक्रमित हैं। बाद में, हम अन्य आवारा कुत्तों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। यह सब गैर सरकारी संगठनों की मदद से किया जाएगा। हम जल्द ही एक हेल्पलाइन शुरू करेंगे। इसे भी पढ़ें: ये बेजुबानों कोई समस्या नहीं हैं जिन्हें... आवारा कुत्तों को हटाने के फैसले पर बोले राहुल गांधीराजा इकबाल सिंह ने आगे कहा कि दिल्ली-एनसीआर में सभी एजेंसियों के साथ एक बैठक की योजना बनाई जा रही है ताकि कुत्तों से मुक्त क्षेत्र बनाने की दिशा में काम किया जा सके और नसबंदी कार्यक्रम का विस्तार किया जा सके। उन्होंने आगे कहा, "मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता किसी भी परियोजना के लिए कभी मना नहीं करतीं और वह जनकल्याण के बारे में सोचती हैं। आश्रय गृहों में कुत्तों को पालतू जानवरों जैसा माना जाएगा।"इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से लिया और दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाने और उन्हें नगर निकायों द्वारा स्थापित किए जाने वाले समर्पित कुत्ता आश्रयों में रखने का निर्देश दिया। जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने कहा कि सभी इलाकों को आवारा कुत्तों से मुक्त किया जाना चाहिए और इसमें कोई समझौता नहीं होना चाहिए। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी पकड़े गए जानवर को वापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा। इसे भी पढ़ें: 8 सप्ताह के भीतर पकड़िए दिल्ली-NCR के सारे लावारिस कुत्ते, SC का बड़ा आदेश, बनाए जाएंगे शेल्टर होमपीठ ने उन सभी व्यक्तियों या संगठनों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही का भी आदेश दिया जो अधिकारियों को आवारा कुत्तों को पकड़ने के अभियान में बाधा डालने का प्रयास करते हैं। जस्टिस पारदीवाला ने कहा, "अगर कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को पकड़ने या उन्हें पकड़ने में बाधा डालता है, तो हम ऐसे किसी भी प्रतिरोध के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।" सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों और नगर निगम प्राधिकारियों को कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने का भी निर्देश दिया, जहां कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए पर्याप्त कर्मचारी मौजूद हों।

कैसे लागू होगा आवारा कुत्तों पर SC का आदेश, दिल्ली के मेयर ने बताया पूरा प्लान
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दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का स्वागत किया जिसमें आठ हफ़्तों के भीतर दिल्ली-एनसीआर के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश दिया गया है। इस आदेश का पालन करने के लिए, मेयर ने एक स्पष्ट योजना भी प्रस्तुत की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) कैसे इस कार्य को अंजाम देगा।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से लिया, निर्देश दिया कि सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए, और यह सुनिश्चित किया जाए कि इन जानवरों को वापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा। जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने इस मुद्दे पर कोई समझौता न किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने में रुकावट डालने वाले व्यक्तियों या संगठनों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की जाएगी।
दिल्ली के मेयर का प्लान
मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि एमसीडी के पास वर्तमान में 20 शेल्टर होम हैं, जो कि इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले चरण में, उन कुत्तों को पहले चुना जाएगा जो काटने की संभावना रखते हैं या रेबीज से संक्रमित हैं। इसके बाद, अन्य आवारा कुत्तों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "हम चरणबद्ध तरीके से काम करेंगे और इस पूरी प्रक्रिया के लिए गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जाएगी। इसके अलावा, हम जल्द ही एक हेल्पलाइन शुरू करने की योजना बना रहे हैं ताकि लोग हमसे संपर्क कर सकें।" यह पहल न केवल दोस्तों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आवारा कुत्तों के Welfare के लिए भी एक सकारात्मक कदम है।
सहयोग और बैठकें
राजा इकबाल सिंह ने यह भी बताया कि दिल्ली-एनसीआर में सभी एजेंसियों के साथ एक विशेष बैठक की योजना बनाई जा रही है। इस बैठक का उद्देश्य कुत्तों से मुक्त क्षेत्र बनाने के साथ-साथ नसबंदी कार्यक्रम का विस्तार करना है। मेयर ने आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इस परियोजना के लिए सहयोग करेंगी, क्योंकि वह हमेशा जनकल्याण के बारे में सोचती हैं। आश्रय गृहों में कुत्तों को पालतू जानवरों जैसा देखा जाएगा, जो उनकी भलाई की दिशा में एक नई नीति का संकेत है।
आगे की कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या को सुलझाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। यदि प्रक्रिया समुचित रूप से लागू की जाती है, तो न केवल कुत्तों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि यह सभी लोगों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने में मददगार साबित होगा।
इस प्रकार, दिल्ली नगर निगम और अन्य संबंधित एजेंसियों के सहयोग से आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान किया जा सकेगा, और इसके साथ ही सामूहिक प्रयास से एक सकारात्मक बदलाव की संभावना में वृद्धि होती है। इस कदम को लेकर जन जागरूकता भी बढ़ाए जाने की आवश्यकता है ताकि सभी लोग इस प्रक्रिया में सहयोग करें।
दिल्ली के नागरिकों को चाहिए कि वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त करें और सकारात्मक कदम उठाने में मदद करें। इसके लिए लोगों का समर्थन केवल कुत्तों ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है।
दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए यह पहल निश्चित रूप से एक सकारात्मक बदलाव ला सकती है, जिससे सभी को लाभ होगा।
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