PM Modi Trinidad and Tobago Visit | ‘ग्लोबल साउथ’ को सही मंच पर उसका उचित स्थान दिलाने के लिए काम करेंगे: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 से 9 जुलाई तक पांच देशों की ऐतिहासिक यात्रा पर निकले, जिसमें घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा शामिल है। घाना में उनका पहला पड़ाव ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि वे 30 से अधिक वर्षों में देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। इसके बाद पीएम त्रिनिदाद एवं टोबैगो पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच बैठक के दौरान कई सहमति पत्रों का आदान-प्रदान हुआ और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। त्रिनिदाद एवं टोबैगो में अपनी स्पीन में पीएम ने कई बड़ी बातें कहीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि विकासशील देशों की आवाज पुरजोर तरीके से नहीं उठाई जा रही है और ‘ग्लोबल साउथ’ को ‘‘सही मंच’’ पर उसका ‘‘उचित स्थान’’ दिलाने के लिए भारत अपने साझेदारों के साथ काम करेगा। त्रिनिदाद एवं टोबैगो की संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद “मानवता का दुश्मन” है और वैश्विक समुदाय को इसे पनाह या कोई भी जगह नहीं देने के लिए एकजुट होना चाहिए। मोदी ने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता के दौरान ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं को वैश्विक निर्णय प्रक्रिया के केंद्र में लाया था।भारत और चीन के नजरिये के बीच अंतर को रेखांकित  उन्होंने कहा, “हमारी साझेदारियां सम्मान और बिना किसी शर्त पर आधारित हैं।” मोदी ने स्पष्ट रूप से ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए भारत और चीन के नजरिये के बीच अंतर को रेखांकित करने के लिए यह बात कही। प्रधानमंत्री ने प्रतिकूल भू-राजनीतिक परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए राजनीति और सत्ता की प्रकृति में मूलभूत बदलावों और बढ़ते वैश्विक विभाजन, विवाद व असमानताओं के बारे में बात की। कैरेबियाई देश की संसद को संबोधित करने वाले पहले भारत के पहले प्रधानमंत्री(मोदी) ने कहा कि मुक्त व्यापार दबाव में है और विश्व जलवायु परिवर्तन, खाद्य, स्वास्थ्य एवं ऊर्जा सुरक्षा की चुनौतियों का सामना कर रहा है।शांति और प्रगति लाने के लिए संघर्ष   उन्होंने कहा, “पुरानी संस्थाएं शांति और प्रगति लाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इस बीच ग्लोबल साउथ उभर रहा है। इसमें शामिल देश एक नयी और अधिक निष्पक्ष विश्व व्यवस्था देखना चाहते हैं।’’ मोदी ने कहा, “जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 75 वर्ष पूरे हुए, तो विकासशील देशों में बड़ी उम्मीद जगी थी। उम्मीद थी कि काफी समय से लंबित सुधार साकार होंगे। आखिरकार हमारी आवाज सुनी जाएगी। लेकिन वह उम्मीद निराशा में बदल गई।”विकासशील देशों की आवाज पुरजोर तरीके से नहीं उठाई जा रही   प्रधानमंत्री ने कहा कि विकासशील देशों की आवाज पुरजोर तरीके से नहीं उठाई जा रही है और भारत ने हमेशा इस खामी को दूर करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि हम मिलकर काम करें, ताकि ग्लोबल साउथ को सही मंच पर उचित स्थान मिल सके।” उन्होंने कहा, “जलवायु न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए। हम इस प्रयास में त्रिनिदाद एवं टोबैगो को एक महत्वपूर्ण साझेदार मानते हैं।” ग्लोबल साउथ के लिए एक मार्गदर्शकपीएम मोदी ने कहा कि भारत की महासागर (विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक व समग्र दृष्टिकोण) पहल ग्लोबल साउथ के लिए एक मार्गदर्शक है। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को एक गंभीर खतरा बताया और इससे निपटने के लिए ठोस प्रयासों का आह्वान किया। मोदी ने कहा, ‘‘आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। इसी रेड हाउस (त्रिनिदाद एवं टोबैगो की संसद) ने खुद आतंकवाद के घाव और निर्दोष लोगों के खून को बहते देखा है।’’ आतंकवाद को किसी भी तरह की पनाह या स्थान नहीं देने के लिए एकजुट होना चाहिएउन्होंने कहा, “हमें आतंकवाद को किसी भी तरह की पनाह या स्थान नहीं देने के लिए एकजुट होना चाहिए। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे साथ खड़े होने के लिए इस देश के लोगों और सरकार को धन्यवाद देते हैं।” मोदी ने भारत के आर्थिक विकास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।  भारत का विकास समावेशी और जन-केंद्रित हैप्रधानमंत्री ने कहा कि हर क्षेत्र, हर समाज इस विकास गाथा का हिस्सा है। उन्होंने कहा, भारत का विकास समावेशी और जन-केंद्रित है...ऐसे समावेशी विकास के लिए हमारा दृष्टिकोण हमारी सीमाओं तक ही सीमित नहीं है। हम अपने विकास को दूसरों के प्रति जिम्मेदारी के रूप में भी देखते हैं। और, हमारी प्राथमिकता हमेशा ग्लोबल साउथ रहेगी। ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देशों से है, जो प्रौद्योगिकी और सामाजिक विकास के मामले में कम विकसित माने जाते हैं। ये देश मुख्यतः दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित हैं। इसमें अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देश शामिल हैं।

PM Modi Trinidad and Tobago Visit | ‘ग्लोबल साउथ’ को  सही मंच  पर उसका  उचित स्थान  दिलाने के लिए काम करेंगे: प्रधानमंत्री मोदी
PM Modi Trinidad and Tobago Visit | ‘ग्लोबल साउथ’ को सही मंच पर उसका उचित स्थान दिलाने के लिए काम करेंगे: प्रधानमंत्री मोदी

PM Modi Trinidad and Tobago Visit | ‘ग्लोबल साउथ’ को सही मंच पर उसका उचित स्थान दिलाने के लिए काम करेंगे: प्रधानमंत्री मोदी

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - theoddnaari. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 से 9 जुलाई तक पांच देशों की ऐतिहासिक यात्रा पर निकले, जिसमें घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल हैं। इस यात्रा का पहला पड़ाव घाना में था, जहां पीएम मोदी 30 सालों में पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। इसके बाद, उन्होंने त्रिनिदाद एवं टोबैगो का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से मुलाकात की।

ग्लोबल साउथ का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि विकासशील देशों की आवाज को सही तरीके से नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि 'ग्लोबल साउथ' को "सही मंच" पर उचित स्थान दिलाने के लिए भारत अपने सहयोगियों के साथ काम करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और विश्व समुदाय को इसे पनाह नहीं देने के लिए एकजुट होना चाहिए।

भारत और चीन के नजरियें में अंतर

इस संबोधन में, मोदी ने भारत और चीन के दृष्टिकोण के बीच के अंतर को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हमारी साझेदारियां सम्मान और बिना किसी शर्त पर आधारित हैं।” उन्होंने भू-राजनीतिक स्थितियों के जटिलताओं का भी उल्लेख किया, जिसमें राजनीति और सत्ता की प्रकृति में बदलाव को देखते हुए उपयुक्त समाधान खोजने की अपील की।

शांति और प्रगति के लिए एकजुटता

मौजूदा वैश्विक चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, और स्वास्थ्य संकट के संदर्भ में, पीएम मोदी ने कहा कि पुरानी संस्थाएं आगे बढ़ने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा, “ग्लोबल साउथ के देश एक नई और अधिक निष्पक्ष वैश्विक व्यवस्था के लिए प्रयासरत हैं।” इस दिशा में, त्रिनिदाद एवं टोबैगो को भारत के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार बताया गया।

विकास और आर्थिक सहयोग

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के विकास को समावेशी और जन-केंद्रित बताया। उन्होंने कहा, "हमारा विकास दूसरों के प्रति जिम्मेदारी के रूप में भी देखा जाता है।" आतंकवाद के खतरे पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने एकजुट होकर इसके खिलाफ लड़ने की महत्वपूर्णता पर जोर दिया।

निष्कर्ष

इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ की आवाज को वैश्विक मंचों पर लाने और एक ठोस संभावनाओं के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाने की बात की। उनकी यह पहल न केवल भारत के विकासशील देशों के प्रति वचनबद्धता को दर्शाती है, बल्कि एक बदलाव का प्रतीक भी है, जिसे सभी देशों को मिलकर आगे बढ़ाना है।

ग्लोबल साउथ की दिशा में यह यात्रा महत्वपूर्ण है और यह हमें याद दिलाती है कि हम सभी के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने की दिशा में लगातार प्रयास करते रहना होगा।

Keywords:

PM Modi, Trinidad and Tobago, Global South, Development, Bilateral Agreements, Terrorism, Inclusive Growth, Economic Partnerships, International Cooperation, India-China Relations