गंगा-पुनपुन का जलस्तर बढ़ा, बंद हुए Digha और Kankarbagh STP; 18 हजार घरों का सीवेज सीधे नदियों में छोड़ा जा रहा
पटना में गंगा और पुनपुन नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण दीघा और कंकड़बाग के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बंद कर दिए गए हैं. इससे नमामि गंगे परियोजना के तहत होने वाले ट्रीटमेंट का काम रुक गया है और करीब 18 हजार घरों का अपशिष्ट जल सीधे नदियों में जा रहा है. जलस्तर घटने पर ही इन प्लांट्स को दोबारा शुरू किया जाएगा. The post गंगा-पुनपुन का जलस्तर बढ़ा, बंद हुए Digha और Kankarbagh STP; 18 हजार घरों का सीवेज सीधे नदियों में छोड़ा जा रहा appeared first on Prabhat Khabar.

गंगा-पुनपुन का जलस्तर बढ़ा, बंद हुए Digha और Kankarbagh STP; 18 हजार घरों का सीवेज सीधे नदियों में छोड़ा जा रहा
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पटना में गंगा और पुनपुन नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी के कारण दीघा और कंकड़बाग के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इस स्थिति का एक गंभीर प्रभाव यह है कि लगभग 18 हजार घरों का सीवेज सीधे नदियों में छोड़ा जा रहा है, जिससे स्थानीय जल आधारित पारिस्थितिकी को खतरा पैदा हो रहा है।
जलस्तर का बढ़ना: एक गंभीर चिंता
गंगा और पुनपुन के बढ़ते जलस्तर के परिणाम स्वरूप दीघा STP परिसर में पानी घुस चुका है। इसके कारण न केवल सीवेज के पानी के ट्रीटमेंट का कार्य बाधित हो गया है, बल्कि इससे जलजमाव भी उत्पन्न हो गया है। बजट और प्रबंधन के अभाव में, यह स्थिति स्थानीय निवासियों के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर रही है जो स्वास्थ्य और स्वच्छता के मुद्दों को जन्म देती हैं।
नमामि गंगे परियोजना पर प्रभाव
नमामि गंगे परियोजना के तहत दीघा एसटीपी का निर्माण किया गया था, जिसमें वार्ड नंबर एक से नौ, 20 से 26 और 28 शामिल हैं। यहां पर कुर्जी नाले से और राजापुर नाला से सीवेज का ट्रीटमेंट किया जा रहा था। इसी प्रकार, कंकड़बाग एसटीपी का नेटवर्क वार्ड नंबर 29 से 35 और 44-45 में विस्तारित था। ये सभी उपाय गंगा के स्वच्छता और संरक्षण के लिए बनाए गए थे। लेकिन अब इनकी अस्थायी बंदी से यह परियोजना कमजोर पड़ रही है।
भविष्य की संभावनाएं
बुडको के अनुसार, जल स्तर घटने पर ही दीघा और कंकड़बाग STP को फिर से शुरू किया जाएगा। सितंबर में जल स्तर में कमी के बाद इन प्लांट्स के संचालन की संभावना जताई जा रही है। मौनसून के चलते सीवरेज नेटवर्किंग का कार्य भी रोक दिया गया है, जो स्थिति को और कठिन बना रहा है।
निष्कर्ष: एक मौलिक समाधान की आवश्यकता
इस परिस्थिति में, स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों की जिम्मेदारी है कि वे तात्कालिक उपाय करें ताकि जलस्तर सामान्य होने के बाद STP का संचालन जल्द से जल्द शुरू किया जा सके। साथ ही, सीवेज प्रबंधन और उपचार को सही दिशा में ले जाने के लिए अधिक निवेश और योजना की आवश्यकता है।
यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह गंभीर मुद्दा न केवल पर्यावरण बल्कि स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। गंगा और पुनपुन की स्वच्छता के लिए समय की मांग है।
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