देहरादून में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 216 यूनिट रक्त संग्रह
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देहरादून में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 216 यूनिट रक्त संग्रह
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By Anjali Verma, Priya Desai, and Neha Sharma - Team theoddnaari
स्वैच्छिक रक्तदान का महत्व
देहरादून में 'विचार एक नई सोच' सामाजिक संगठन और 17 सहयोगी संस्थाओं की पहल पर आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर ने एक नई उम्मीद जगाई। मोथरोवाला स्थित अमोलाज रेस्टोरेंट में हुए इस शिविर में कुल 216 यूनिट रक्त संग्रह किया गया, जो न केवल चिकित्सा सहायता का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, बल्कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की पुष्टि भी करता है।
उच्च पदस्थ व्यक्तियों की उपस्थिति
मुख्य अतिथि विधायक उमेश शर्मा काउ ने कार्यक्रम के दौरान रक्तदान को 'जीवनदान' की संज्ञा दी, और बताया कि इस तरह के आयोजनों से समाज को नए दिशा-निर्देश प्राप्त होते हैं। अपर सचिव मुख्यमंत्री, बंशीधर तिवारी ने भी अपने विचार साझा करते हुए स्पष्ट किया कि समाज निर्माण केवल योजनाओं से नहीं, बल्कि स्वयंसेवी प्रयासों से संभव है। इस दौरान निदेशक चिकित्सा शिक्षा, डॉ. आशुतोष सयाना ने इसे स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ करार दिया।
स्वयंसेवकों का योगदान
आज के कार्यक्रम में सचिव मंडी समिति अजय डबराल के साथ-साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपना योगदान दिया। वहाँ उपस्थित लोगों ने इस नेक कार्य की सराहना की और रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई।
समाज के प्रत्येक वर्ग की भागीदारी
इस कार्यक्रम में कई नामांकित व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया जिनमें अर्जुन सिंह बिष्ट, अनिल सती, सुरेश भट्ट, और प्रशांत रावत शामिल थे। योगम्बर पोली और सचिव राकेश बिजलवाण ने कार्यक्रम का संचालन किया, और सभी उपस्थित पदाधिकारियों ने इस मुहिम में सक्रिय भागीदारी निभाई।
निष्कर्ष
स्वैच्छिक रक्तदान शिविर केवल रक्त संग्रह का कार्य नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। एकजुटता और सहयोग के इस प्रयास की सराहना आवश्यक है, ताकि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहें। स्वास्थ्य संवाद और स्वयंसेवी प्रयासों के माध्यम से हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
अंततः, सभी रक्तदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए इस प्रकार के आयोजनों को नियमित रूप से करने की आवश्यकता है। यह न केवल रक्त की कमी को दूर करता है, बल्कि एक स्वस्थ और सशक्त समाज की नींव भी बनाता है।