Houthis पर अटैक का War Plan हो गया लीक, ट्रंप की कोर टीम से हुई भारी चूक
अमेरिका का एक सीक्रेट लीक हो गया है, जिसके बाद देश में हड़कंप मच गया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक बड़ी सुरक्षा चूक तब सामने आई है जब एक पत्रकार को गलती से एक निजी सिग्नल चैट में शामिल कर लिया गया, जहां ट्रम्प प्रशासन के शीर्ष अधिकारी यमन के हौथियों को निशाना बनाने वाली संवेदनशील अमेरिकी सैन्य योजनाओं पर चर्चा कर रहे थे। इस बड़ी चूक का विवरण सबसे पहले द अटलांटिक में दिया गया था और व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि की थी। यह घटना राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा 15 मार्च को हवाई हमलों को अधिकृत करने के कुछ ही दिन पहले हुई थी। अटलांटिक के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग ने खुलासा किया कि उन्हें गलती से हूती पीसी स्मॉल ग्रुप नामक ग्रुप में जोड़ दिया गया था, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और रक्षा सचिव पीट हेगसेथ सहित उच्च-स्तरीय अमेरिकी अधिकारियों ने ऑपरेशन डिटेल्स पर चर्चा की थी। चर्चा में कथित तौर पर सीक्वेंस ऑफ अटैक, टारगेट का लोकेशन और कौन कौन से वेपन इसमें यूज किए जाएंगे इसकी डिटेल्स थी। इसे भी पढ़ें: पहले चक्रवात, फिर आग! अमेरिका के जंगलों में फिर भड़की आग, लगानी पड़ गई इमरजेंसीकब हुई ये घटनागौरतलब है कि बीते दिनों अमेरिकी वायुसेना ने यमन के हूती आतंकियों पर जबर्दस्त हमला किया। ये घटना 15 मार्च को किए गए हमले से कुछ दिनों पहले की बताई जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऑफिस व्हाइट हाउस की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई है। इस चैट में कथित तौर पर सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड और विदेश मंत्री मार्को रुबियो जैसे शीर्ष नेता शामिल थे। कुछ लोगों ने हमले के समय और भू-राजनीतिक प्रभाव को लेकर चर्चा की। जिसमें लाल सागर में व्यवधान के बारे में वेंस ने कथित तौर पर कहा कि मुझे यूरोप को फिर से बचाने से नफरत है। इसे भी पढ़ें: सरकार के खिलाफ मुकदमे करने वाले वकीलों पर होगी कार्रवाई, ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल को समीक्षा करने का आदेश दियाव्हाइट हाउस ने आंतरिक जांच शुरू कीडेमोक्रेटिक सांसदों ने लीक की निंदा की। सीनेटर चक शूमर ने इसे हाल के दिनों में सैन्य खुफिया जानकारी के सबसे चौंकाने वाले उल्लंघनों में से एक करार दिया है। एलिजाबेथ वॉरेन ने सिग्नल के उपयोग को अवैध और अविश्वसनीय रूप से खतरनाक करार दिया। सीनेटर क्रिस कूंस ने कहा कि इसमें शामिल अधिकारियों ने अपराध किया है-भले ही गलती से। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा है कि इससे किसी भी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती नहीं मिली है।

Houthis पर अटैक का War Plan हो गया लीक, ट्रंप की कोर टीम से हुई भारी चूक
The Odd Naari
लेखिका: सृष्टि शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में एक नई रिपोर्ट ने विश्व के सामरिक मंच पर हलचल मचा दी है। जानकारी अनुसार, Houthis पर आकस्मिक हमला करने की योजना लीक हो गई है, जिसे ट्रंप की कोर टीम ने तैयार किया था। इस लीक से अमेरिका के सामरिक लक्ष्यों पर चर्चा और चिंता बढ़ गई है। यह घटना न केवल राजनीतिक बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
वॉर प्लान का लीक होना
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह रणनीति हाउतियों के खिलाफ एक निर्णायक हमले के लिए बनाई गई थी। हालांकि, इस योजना का खुलासा होना अमेरिका की सुरक्षा चूक को उजागर करता है। यह डोक्यूमेंट्स मीडिया में आने के बाद ट्रंप प्रशासन की आलोचना बढ़ी है। ऐसा माना जा रहा है कि इस लीक के कारण हाउतियों को अमेरिका के मंसूबे का पहले से पता चल गया है, जिससे उनकी प्रतिक्रिया को पूर्वानुमानित करना आसान हो जाएगा।
ट्रंप की कोर टीम की भूमिका
जानकारी के अनुसार, ट्रंप की कोर टीम ने इस वॉर प्लान का निर्माण एक गुप्त बैठक में किया था। यह योजना कुछ महीनों से तैयार हो रही थी, लेकिन अब इसका लीक होना विभिन्न राजनीतिक दलों को सवालों के घेरे में ले आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस चूक का असर न केवल अमेरिका की विदेश नीति पर पड़ेगा, बल्कि यह हाउतियों के साथ संघर्ष को भी बढ़ावा देगा।
सुरक्षा में चूक और उसके परिणाम
बीते कुछ समय में देखा गया है कि अमेरिका के रक्षा संबंधी निर्णयों में कई बार सुरक्षा में चूक सामने आई हैं। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि रणनीतिक वारप्लान की जानकारी की चुराई या सार्वजनिक रूप से लीक होना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप न केवल अमेरिका के रक्षात्मक उपाय प्रभावित होंगे, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी तनाव बढ़ा सकता है। एक भारतीय विशेषज्ञ का कहना है कि सुरक्षा में ऐसा लूपहोल खतरनाक है और इससे भविष्य में जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
निष्कर्ष
Houthis पर अटैक का यह वॉर प्लान लीक होना न केवल अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे रहा है, बल्कि यह अमेरिका के सुरक्षा उपायों पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। हालात को सुधारने के लिए ट्रंप टीम को गंभीरता से विचार करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी चूक न हो। इस मामले पर विस्तृत जानकारी जानने के लिए, theoddnaari.com पर जाएं।