बोरिक फोंट, लिथियम डील...लैटिन अमेरिका में भारत ने चल दिया ट्रंप कार्ड, MoU को लेकर प्रभासाक्षी से MEA ने क्या बताया?
चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट पांच दिवसीय भारत यात्रा पर आए हैं। हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बोरिक का स्वागत किया। चिली कॉपर का सबसे बड़ा उत्पादक है और वहां लिथियम का भंडार भी है। भारत इस वक्त नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दे रहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जोर दे रहा है तो उस संदर्भ में क्या कोई समझौता हुआ है? प्रभासाक्षी के सवाल पर विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी (पूर्व) पेरियासामी कुमारन ने कहा कि क्रिटिकल मिनिरल्स हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इलेक्ट्रिक व्हीक्लस और बैट्री टेक्नोलॉजी सेक्टर में इसका प्रयोग बहुतायत मात्रा में होता है। इसके बारे में हमने एक एमओयू साइन किया है। इसे भी पढ़ें: पीएम मोदी और चिली के राष्ट्रपति की हुई मुलाकात, अहम मुद्दों पर हुई चर्चाविदेश मंत्रालय ने कहा कि आगे हम टेक्निकल टीम के लेवल पर चर्चा करेंगे कि कैसे मिलकर इस पर काम करें। कॉरपोरेशन को कैसे आगे बढ़ाया जाएगा। भारत और चिली ने पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर बातचीत शुरू करने का मंगलवार को फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक वार्ता के लिए चिली के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक फॉन्ट की मेजबानी की। इसे भी पढ़ें: बीजेपी ने अपने लोकसभा सांसदों को जारी किया तीन लाइन का व्हिप, कल पेश होगा वक्फ संशोधन बिलदुनिया के नक्शे को जब भी आप देखेंगे तो आपको दो अमेरिकी महाद्वीप दिखेंगे। एक उत्तरी अमेरिका और दूसरा दक्षिणी अमेरिका। दरअसल चिली इसी दक्षिणी अमेरिका के सबसे निचले हिस्से पर है। इसकी सीमा अर्जेंटीना, बोलिविया और पेरू से लगती है। चिली को लैटिन अमेरिका में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत इस देश को अंटार्कटिका के प्रवेश द्वार के रूप में देखता है। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, नवीकरणीय ऊर्जा, रेलवे, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में चिली के साथ अपने सकारात्मक अनुभव साझा करने के लिए तैयार है।

बोरिक फोंट, लिथियम डील...लैटिन अमेरिका में भारत ने चल दिया ट्रंप कार्ड, MoU को लेकर प्रभासाक्षी से MEA ने क्या बताया?
The Odd Naari
लेखक: पूजा सिंगल, टीम नेतानागरी
परिचय
भारत ने लैटिन अमेरिका में अपने महत्वपूर्ण संबंधों को और मजबूत करते हुए बोरिक फोंट और लिथियम डील पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कदम ने न केवल भारत की वैश्विक रणनीतिक स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि देश के लिए नई संभावनाएं पैदा की हैं। इस संदर्भ में, विदेश मंत्रालय (MEA) ने प्रभासाक्षी से महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।
बोरिक फोंट और लिथियम डील का महत्व
बोरिक फोंट एक ऐसी सामाग्री है जिसका उपयोग कई क्षेत्रों में किया जाता है, विशेषकर कृषि और रसायन उद्योग में। वहीं, लिथियम डील भारत के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकता है। लिथियम बैटरी के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाता है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों की शक्ति और प्रदर्शन को सुनिश्चित करता है।
भारत का ट्रंप कार्ड
भारत ने लैटिन अमेरिका में अपने इस कदम के माध्यम से न केवल अपने लिए आर्थिक लाभ अर्जित करने का प्रयास किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपने सामरिक प्रभाव को भी बढ़ाया है। इस्लामिक स्टेट जैसे समकालीन मुद्दों के संदर्भ में, लैटिन अमेरिका में मजबूत संबंध बनाना विशेष रूप से महत्व रखता है।
MEA की टिप्पणी
MEA के प्रवक्ता ने बताया कि बोरिक फोंट और लिथियम डील से भारत और लैटिन अमेरिकी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। यह डील आयात-निर्यात में संतुलन स्थापित करने में भी सहायक होगी। इस संबंध में दोनों पक्षों ने कई मुद्दों पर सहमति बनाई है बताया गया है।
भारत-लैटिन अमेरिका संबंधों का भविष्य
इस डील के बाद, भारत का लैटिन अमेरिका में समस्त क्षमता का उपयोग करना संभव हो सकेगा। इससे ना केवल आर्थिक लाभ होगा बल्कि औद्योगिक संबंध भी मजबूत होंगे। भारत की यह नई रणनीति इसके वैश्विक उपस्थिति को मजबूती प्रदान करेगी।
निष्कर्ष
हाल के समय में भारत ने अपने कूटनीतिक संबंधों में काफी परिवर्तन किया है। बोरिक फोंट और लिथियम डील जैसे सिद्धांक भारत के लिए नए अवसरों का द्वार खोलने के साथ-साथ वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़े होने में भी सहायक साबित होंगे। इस प्रकार के कदमों से भारत अपनी अंतरराष्ट्रीय पहुँच को और भी विस्तृत कर सकता है।
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