अंतरिक्ष से लौटने के बाद पहली बार सामने आईं Sunita Williams, लोगों के कई सवालों के जवाब देकर किया शांत
अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? हर भारतीय के मन में कभी ना कभी ये सवाल जरूर आता है। ये भी सोचते हैं कि काश इस सवाल का जवाब आज कोई हमें दे पाता। तो अब इस सवाल का जवाब मिल गया है। इस बार सवाल की गुत्थी को भारत की बेटी और नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने सुलझा दिया है। सुनीता विलियम्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर नौ महीने यानी 286 दिनों तक फंसे रहने के बाद सुरक्षित धरती पर लौट आई है। धरती पर वापसी के बाद सुनीता विलियम्स ने पहली बार बताया है कि भारत अंतरिक्ष से कैसा दिखता है। उन्होंने भारत का अंतरिक्ष से दिखा का जो वर्णन किया है वो बेहद शानदार है। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने एक अप्रैल को पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से लौटने के बाद मीडिया से बात की है। दोनों ने मीडिया के कई सवालों के जवाब भी दिए है। धरती पर लौटने पर सुनीता से पूछा गया कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से भारत बेहद सुंदर दिखता है। उन्होंने कहा कि वो जल्द ही भारत भी आएंगी। उन्होंने हिमालय का भी शानदार वर्णन किया है। उन्होंने कहा कि भारत अमेजिंग दिखता है। जब हम हिमालट के ऊपर से गुजरते थे हमें शानदार और अविश्वसनीय तस्वीरें मिलती थी। ये तस्वीरें किसी लहर के समान थी जो भारत में आकर बह रही हो। वहीं गुजरात और मुंबई को लेकर उन्होंने बताया कि धरती के रंग और भी निखरे दिखाई दे रहे थे। मानों कोई कह रहा है कि लो आ गया। बड़े शहरों से छोटे शहर तक रोशनी का जाल बिछा हुआ है। राकेश शर्मा ने दिया था ऐसा वर्णनवर्ष 1984 में भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से अपने देश को देखा और मुहम्मद इकबाल की कविता, “सारे जहाँ से अच्छा” की एक पंक्ति के साथ इसका सारांश दिया - जब तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे हिंदी में पूछा: “अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है?”।

अंतरिक्ष से लौटने के बाद पहली बार सामने आईं Sunita Williams, लोगों के कई सवालों के जवाब देकर किया शांत
The Odd Naari
लेखकों का समूह: नीतू शर्मा, प्रिया सिंह
परिचय
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, जिन्होंने हाल ही में अपने अभियान के बाद धरती पर कदम रखा, पहली बार लोगों के सामने आईं। उनकी वापसी ने न केवल भारतीयों, बल्कि पूरी दुनिया के अंतरिक्ष प्रेमियों को उत्साहित किया। महज एक हफ्ते बाद, सुनीता ने पत्रकारों से बातचीत की और लोगों के सवालों के कई जवाब देकर सबको शांत किया।
किस प्रकार की चुनौतियों का सामना किया?
सुनीता विलियम्स ने अपने पिछले अंतरिक्ष मिशन के दौरान कई कठिनाइयों का सामना किया। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाये रखना महत्वपूर्ण होता है। उनका कहना है, "अंतरिक्ष में रोजाना कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।" सुनीता ने बताया कि समय का सही प्रबंधन और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी था।
लोगों के सवालों के जवाब
जब सुनीता से पूछा गया कि क्या वह फिर से अंतरिक्ष में जाना चाहेंगी, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "बिलकुल! हर बार यह एक नई और अद्भुत अनुभव होता है।" उन्होंने यह भी कहा कि उनका सपना है कि आने वाली पीढ़ी भी अंतरिक्ष में जाए और अपने सपनों को पूरा करे।
वापसी के बाद का अनुभव
स्वदेश वापस आने के बाद सुनीता ने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि धरती पर लौटने के बाद का अनुभव अद्भुत रहा। उन्हें अपने परिवार और दोस्तों से दोबारा मिलकर बहुत खुशी हुई। "जो एहसास मैंने वहाँ किया, वह यहाँ वापस आकर और भी गहरा हो गया," उन्होंने कहा।
इंस्पिरेशन का स्रोत
सुनीता विलियम्स ने युवा पीढ़ी के लिए एक संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, "आपका सपना बड़ा होना चाहिए। अगर आप मेहनत करेंगें, तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी।" उनका यह विचार खासकर लड़कियों के लिए प्रेरणादायक है, जिन्हें विज्ञान और तकनीक में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स की कहानी न केवल प्रेरणा देती है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे एक साधारण लड़की अंतरिक्ष में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने जैसी उपलब्धियां हासिल कर सकती है। हम सभी को उनके अनुभव से सीख लेकर अपने सपनों को साकार करने की कोशिश करनी चाहिए।
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