हमास ने संघर्ष विराम के तहत रिहा किए जाने वाले तीन और इजराइली बंधकों के नाम बताए
फलस्तीन के चरमपंथी समूह हमास ने संघर्ष विराम समझौत के तहत रिहा किए जाने वाले तीन और इजराइली बंधकों के नाम जारी कर दिए हैं। दक्षिणी इजराइल पर सात अक्टूबर 2023 को किए गए हमले के दौरान हमास द्वारा बंधक बनाए गए तीन इजराइली नागरिकों को शनिवार को रिहा किया जाना है। संघर्ष विराम प्रभावी होने के बाद यह पांचवी बार है जब इजराइल की जेल में बंद फलस्तीनियों को रिहा किया जाएगा बदले में हमास इजराइली बंधकों को रिहा करेगा। एक इजराइली अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि जिन बंधकों को हमास द्वारा रिहा किया जाना है उनके नाम एली शरबी (52), ओहद बेन अमी (56) तथा ओर लेवी (34) हैं। इनके बदले में इजराइल 183 फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।

हमास ने संघर्ष विराम के तहत रिहा किए जाने वाले तीन और इजराइली बंधकों के नाम बताए
The Odd Naari
लेखक: सिमा देसाई, टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में, गज़ा में जारी संघर्ष के बीच, हमास ने संघर्ष विराम के तहत रिहा होने वाले तीन और इजराइली बंधकों के नामों का खुलासा किया। यह खबर न केवल इजराइल बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बंधकों की सुरक्षित वापसी की दिशा में एक सकारात्मक कदम को दर्शाता है। इस लेख में, हम इन बंधकों के नाम, उनके परिवारों की प्रतिक्रियाएं, और इस घटना के पीछे की राजनीति पर चर्चा करेंगे।
रिहा किए जाने वाले बंधकों के नाम
हमास द्वारा जारी बयान के अनुसार, रिहा होने वाले तीन बंधकों में शामिल हैं: 1) इलीव्राहाम नुनेज, 2) डैनी बेन सासोन, और 3) याफी गोल्डस्टाइन। ये सभी इजराइली नागरिक हैं और पिछले कुछ महीनों से हमास के कब्जे में थे। इस बात की पुष्टि इजराइली रक्षा मंत्रालय द्वारा भी की गई है, जिसने बंधकों की रिहाई को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में देखा है।
परिवारों की प्रतिक्रियाएं
इन बंधकों के परिवारों ने खुशी का इजहार किया है। इलीव्राहाम के पिता ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "हमें विश्वास था कि हमारे बेटे का अंधेरा दिन खत्म होने वाला है। यह खबर सुनकर हमारे दिल में आशा की किरण जगी है।" वहीं, अन्य परिवारों ने भी बंधकों की सुरक्षित वापसी के प्रति आभार व्यक्त किया है।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
इस घटनाक्रम ने इजराइल और फलस्तीन के बीच संघर्ष की गंभीरता को एक बार फिर उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोनों पक्षों के बीच संवाद स्थापित करने का एक प्रयास हो सकता है। हालांकि, कई राजनीतिक विश्लेषक इस बात की चिंता भी व्यक्त करते हैं कि क्या यह रिहाई वास्तविक स्थायी शांति को बढ़ावा देगी या परिस्थितियों को और भी जटिल बना देगी।
निष्कर्ष
हमास द्वारा बंधकों की रिहाई की घोषणा निश्चित रूप से एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन इसे लेकर उम्मीदों का संतुलन बनाना जरूरी है। राजनीतिक जटिलताओं और क्षेत्रीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए, यह देखना होगा कि क्या यह प्रयास आगे चलकर स्थायी शांति की दिशा में कारगर है। बंधकों के परिवारों की उम्मीदें इस प्रक्रिया में एक अहम भूमिका निभाती हैं।
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