एर्दोआन ने नए संविधान के लिए कानूनी विशेषज्ञों की नियुक्ति की
तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने एक नए संविधान पर काम शुरू करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों की एक टीम नियुक्त की है। उनके आलोचकों का कहना है कि इससे वह 2028 में अपना मौजूदा कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सत्ता में बने रह सकते हैं। साल 2014 से तुर्किए के राष्ट्रपति के रूप में नेतृत्व कर रहे एर्दोआन इससे पहले एक दशक से अधिक समय तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे। उन्होंने एक नए संविधान की वकालत की है और दलील दी है कि वर्तमान संविधान जिसे 1980 में एक सैन्य तख्तापलट के बाद तैयार किया गया था अब पुराना हो चुका है और इसमें कई बार संशोधन के बावजूद इसमें सैन्य प्रभाव के तत्व बरकरार हैं।

एर्दोआन ने नए संविधान के लिए कानूनी विशेषज्ञों की नियुक्ति की
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - theoddnaari
तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने मंगलवार को कहा है कि उन्होंने एक नए संविधान पर काम करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों का एक नया पैनल नियुक्त किया है। यह घोषणा एर्दोआन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जबकि राजनीतिक आलोचकों का कहना है कि इस कदम से वह 2028 में अपने मौजूदा कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सत्ता में बने रह सकते हैं।
संविधान में अपेक्षित परिवर्तन
यह नया संविधान, जो एर्दोआन का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम है, उस समय सामने आया है जब देश में कई लोग मौजूदा संविधान की सख्त आलोचना कर रहे हैं। एर्दोआन ने इस बात पर जोर दिया है कि वर्तमान संविधान, जो 1980 में एक सैन्य तख्तापलट के बाद डिजाइन किया गया था, अब पुराना और असंगत हो चुका है। यद्यपि संविधान में कई बार संशोधन किए गए हैं, फिर भी सेना के प्रभाव के तत्व अभी भी विद्यमान हैं।
एर्दोआन का राजनीतिक इतिहास
ासमाज, एर्दोआन का राजनीतिक करियर पिछले एक दशक से अधिक समय से तुर्किए की राजनीति में महत्वपूर्ण रहा है। 2014 से वह राष्ट्रपति के रूप में नेतृत्व कर रहे हैं और इससे पहले वह एक दशक तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। उन्होंने हमेशा अपने राजनीतिक दृष्टिकोण को स्पष्ट रखा है और कहा है कि वह एक स्थायी और संतुलित संविधान के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आलोचकों की चिंताएँ
हालांकि, कई आलोचकों का तर्क है कि यह संविधान की प्रक्रिया केवल एर्दोआन को और अधिक शक्ति देने का एक तरीका है। उनकी चिंता है कि संवैधानिक सुधार का उद्देश्य सिर्फ उनके सत्ता में बने रहने के लिए एक कानूनी अदला-बदली है। 2028 में होने वाले आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए, यह नियुक्ति नई राजनीतिक चुनौतियों को उत्पन्न कर सकती है।
क्या नया संविधान तुर्किए के लिए फायदेमंद होगा?
वैश्विक राजनीति और आंतरिक राजनीति के संदर्भ में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि एर्दोआन की यह नई पहल किस प्रकार आगे बढ़ेगी। क्या नया संविधान वास्तव में तुर्किए में लोकतंत्र को मजबूत करेगा या फिर यह केवल एर्दोआन के नियंत्रण को और मजबूत करेगा? केवल समय ही बताएगा।
इस संवैधानिक परिवर्तन की प्रक्रिया पर नज़र रखने के लिए हम लगातार अपडेट देंगे। अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारे वेबसाइट https://theoddnaari.com पर जाएं।
निष्कर्ष
एर्दोआन की यह नई सामान्यनात्मक पहल तुर्किए के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण विकास है। यह देखने की आवश्यकता है कि यह संविधान किस दिशा में जाएगा और देश की राजनीति को कैसे प्रभावित करेगा।
लेखक: सुमन कपूर, प्रिया चक्रवर्ती और अंतिमा शुक्ला, टीम theoddnaari