America में Donald Trump का बड़ा फैसला, शिक्षा विभाग पर लगाया ताला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शिक्षा विभाग को बंद करने के लिए एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। ट्रंप ने शिक्षा विभाग को बेकार और उदारवादी विचारधारा से दूषित करार दिया। हालांकि ट्रंप के लिए शिक्षा विभाग को बंद करना आसान नहीं है और यह कांग्रेस की सहमति से ही संभव है। शिक्षा विभाग का गठन 1979 में किया गया था। व्हाइट हाउस की रिपोर्ट में कहा गया है कि आदेश में शिक्षा मंत्री लिंडा मैकमोहन को शिक्षा विभाग को बंद करने और शिक्षा प्राधिकरण को राज्यों को सौंपने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया, साथ ही उन सेवाओं, कार्यक्रमों और लाभों की प्रभावी और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। जिन पर अमेरिकी निर्भर हैं। इसे भी पढ़ें: Vishwakhabram: US-Europe में बढ़ते Tesla Takedown Demonstrations के बीच Trump की वजह से बच गये Elon Muskट्रंप ने कहा कि हम इसे बंद करने जा रहे हैं और इसे जितनी जल्दी हो सके बंद कर देंगे। यह हमारे लिए कोई अच्छा काम नहीं कर रहा है। लेकिन ट्रंप के आदेश में संभवतः इसे फंड और कर्मचारियों से वंचित करने की शक्ति होगी। ट्रम्प प्रशासन पहले ही छंटनी और कार्यक्रम में कटौती के ज़रिए एजेंसी को खत्म कर रहा है। विभाग अपने कर्मचारियों की संख्या में आधी कटौती करने और नागरिक अधिकार कार्यालय और शिक्षा विज्ञान संस्थान को कम करने पर काम कर रहा है, जो देश की शैक्षणिक प्रगति पर डेटा एकत्र करता है।इसे भी पढ़ें: किसी मदद के लिए हमसे नहीं किया कोई संपर्क, हमास समर्थक भारतीय स्टूडेंट रंजनी श्रीनिवासन के सेल्फ डिपोर्टेशन पर आया भारत का बयानट्रम्प ने अमेरिका के वैश्विक AI प्रभुत्व को बढ़ावा देने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए20 जनवरी को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के कुछ दिनों बाद, ट्रम्प ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अमेरिका के वैश्विक प्रभुत्व को बढ़ाने और इस मामले में बिडेन प्रशासन की नीतियों को समाप्त करके इसे "वैचारिक पूर्वाग्रह या इंजीनियर सामाजिक एजेंडे से मुक्त" बनाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।

America में Donald Trump का बड़ा फैसला, शिक्षा विभाग पर लगाया ताला
The Odd Naari द्वारा लेखन: सुषमा शर्मा, टीम नीतानागरी
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक चौंकाने वाला फैसला लिया है। उन्होंने शिक्षा विभाग पर ताला लगा दिया है, जिससे देश भर के शिक्षा प्रणाली में हड़कंप मच गया है। आइए जानते हैं इस फैसले की पृष्ठभूमि और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
फैसले का पृष्ठभूमि
डोनाल्ड ट्रम्प का यह फैसला किसी एक घटना का नतीजा नहीं है, बल्कि यह कई वर्षों से चल रही राजनीतिक चर्चाओं का परिणाम है। ट्रम्प का मानना है कि अमेरिका की शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है, जो उनके अनुसार “अधिकतर खामियों” से भरी हुई है। इस फैसले के पीछे उनके प्रशासन के कार्यकाल में उठाए गए कई कदमों का सहयोग भी है, जैसे कि विभिन्न राज्यों में शिक्षा के वित्त पोषण और नीति में परिवर्तन।
क्या है शिक्षा विभाग पर ताले लगाने का अर्थ?
शिक्षा विभाग पर ताला लगाने का सीधा अर्थ है कि सरकार ने इस विभाग की गतिविधियों को रोकने का निर्णय लिया है। इस फैसले को कई शिक्षाविदों और राजनीतिक विश्लेषकों ने नकारात्मक दृष्टिकोण से देखा है। उनका मानना है कि इससे शिक्षा क्षेत्र में और अधिक अराजकता और अस्थिरता उत्पन्न होगी। ट्रम्प के समर्थक हालांकि इसे एक साहसिक कदम मानते हैं, जो कि शिक्षा में सुधार की दिशा में उठाया गया है।
इस फैसले के संभावित प्रभाव
अगर ट्रम्प का यह निर्णय स्थायी होता है, तो इससे कई प्रकार के प्रभाव देखने को मिल सकते हैं:
- शिक्षा में अस्थिरता: शिक्षा के क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए किए गए प्रयासों पर प्रभाव पड़ सकता है।
- राज्य और संघीय संबंध: यह कदम संघीय और राज्य के बीच के संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है।
- छात्र और शिक्षक: छात्रों और शिक्षकों के लिए अनिश्चितता का माहौल पैदा होगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस फैसले की विपक्षी दलों ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उनका कहना है कि यह निर्णय स्कूलों की व्यवस्था को खतरनाक स्थिति में डाल सकता है। शिक्षकों के संघ ने भी इस निर्णय को गलत बताते हुए शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन कहा है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रम्प का यह नया फैसला शिक्षा विभाग पर ताला लगाने का, एक नया मोड़ है अमेरिकी राजनीति में, जिसमें शिक्षा व्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। चाहे वह प्रशंसा के लिए हो या विरोध के लिए, यह निर्णय स्पष्ट रूप से अमेरिका में शिक्षा के भविष्य के बारे में बहुत सारे सवाल खड़े करता है। समय ही बताएगा कि इस फैसले के क्या परिणाम सामने आते हैं।
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