नवरात्रि में कन्या पूजन पर नवजात बच्ची को प्रसाद खिलाते समय ना करें ये गलतियां, सेहत के साथ-साथ अस्था भी बनी रहेगी
सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि 2025 का बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्रि के दौरान भक्तजन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना और व्रत रखते हैं। नवरात्रि व्रत का पारण आठवें और नौवें दिन, यानी के अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन के दौरान छोटी-छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का रुप मानकर पूजा-अर्चना करने के बाद प्रसाद खिलाया जाता है। इस बार नवरात्रि की अष्टमी तिथि 5 अप्रैल और रामनवमी की तिथि 6 अप्रैल को है। यदि आपकी नवजात कन्या कंजक पूजन में शामिल होने जा रही, तो इन बातों का रखें ध्यान। नवजात शिशु को नवरात्रि प्रसाद खिलाते समय इन बातों का रखें ध्यानठोस आहार न देंनवजात शिशु सिर्फ 0-6 महीने केवल मां का दूध या फॉर्मूला दूध ही पचा पाते हैं। भूलकर भी नवजात शिशु को ठोस या कम-ठोस आहार प्रसाद के रुप में जैसे हलवा, चना, पूरी, मिठाई खाने के लिए बिल्कुल न दें। ऐसा करने से उनका पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। तरल और सुरक्षित विकल्प चुनेंआप नवजात शिशु को प्रसाद के रुप में कुछ खिलाना ही चाहते हैं, तो फॉर्मूला दूध ही बेहतर विकल्प होगा। थोड़ा सा दूध आप शिशु को पिला सकते हैं। जिसे प्रसाद के रुप में माना जाता है।पानी ना पिलाएं6 महीने से कम उम्र के बच्चों को भूलकर भी पानी नहीं पिलाना चाहिए। इस उम्र के बच्चों को पानी की आवश्यकता नहीं होती है। शिशु के लिए केवल मां का दूध या फॉर्मूला मिल्क में पर्याप्त मात्रा में पानी मौजूद होता है।मानसिक भावकन्या पूजन के दौरान सबसे मुख्य भाव श्रद्धा और सम्मान है। आप नवजात शिशु को ठोस प्रसाद नहीं खिलाएं, इसकी जगह आप शिशु को नए वस्त्र पहना सकती हैं, माथे पर तिलक लगा सकते हैं और उसे प्यार दे सकते हैं। यह सब भी कन्या पूजन का हिस्सा माना जा सकता है।

नवरात्रि में कन्या पूजन पर नवजात बच्ची को प्रसाद खिलाते समय ना करें ये गलतियां, सेहत के साथ-साथ अस्था भी बनी रहेगी
The Odd Naari
लेखिका: प्रिया मिश्रा, टीम नेटानागरी
परिचय
नवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दौरान कन्या पूजन की परंपरा मनाई जाती है, जहां माता-पिता अपनी बेटियों के साथ नवजात कन्याओं का पूजन करते हैं। लेकिन जब नवजात बच्ची को प्रसाद दिया जाता है, तो कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना आवश्यक है।
कन्या पूजन का महत्व
कन्या पूजन न केवल एक धार्मिक कृत्य है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की स्थिति को भी दर्शाता है। इस दिन कन्याओं को देवी का स्वरूप माना जाता है। इसलिए, उनके साथ उचित सम्मान और ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
प्रसाद देने से पहले की गलतियाँ
नवजात बच्ची को प्रसाद खिलाते समय कुछ गलतियां अक्सर की जाती हैं, जो न केवल उसकी सेहत पर असर डाल सकती हैं, बल्कि धार्मिक आस्था को भी प्रभावित कर सकती हैं। इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. अनहेल्दी प्रसाद का चयन
बहुत सी बार परिवारजन नवजात बच्चियों को मिठाई या अन्य तैयार खाद्य पदार्थ देते हैं, जो उनकी सेहत के लिए उचित नहीं होते। इससे बच्ची की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हमेशा सूखे मेवे या हल्की मिठाई का चयन करें।
2. सही मात्रा का ध्यान रखना
बच्चियों को प्रसाद देते समय उनकी उम्र और सेहत का ध्यान रखें। ज्यादा मात्रा में देना गलत है। एक छोटी सी मात्रा ही उनके लिए आदर्श होगी।
3. व्यक्तिगत स्वच्छता
प्रसाद देने से पहले सुनिश्चित करें कि आप और बच्ची दोनों की हाथ अच्छे से धोए गए हों। यह सेहत को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है।
4. धार्मिक आस्था का सम्मान
कन्या पूजन करते समय ध्यान रखें कि यह केवल एक रिवाज नहीं है, बल्कि यह हमारी आस्था को दर्शाता है। इसलिए प्रसाद देते समय आदर सत्कार का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
नवजात बच्चियों को प्रसाद देना एक पवित्र कार्य है, लेकिन इसे करते समय सावधानी बरतना आवश्यक है। अगर आप उपरोक्त बातों का ध्यान रखते हैं, तो न μόνο बच्ची की सेहत अच्छी रहेगी बल्कि आपकी धार्मिक आस्था भी मजबूत बनी रहेगी। इस नवरात्रि में कन्या पूजन का आनंद लें और नवरात्रि की खुशियों का भरपूर अनुभव करें।