Ramadan Special: रमजान में यौन संबंधों का सही समय क्या है? जानें क्या कहता है इस्लाम?

रमजान के दौरान मुस्लिम जोडों को कई नियमों का पालन करना पडता है। इन्हीं नियमों में से एक नियम यह है कि मुस्लिम जोडे रोजे के दौरान शारीरिक संबंध नहीं बना सकते। रमजान के दौरान मुस्लिम जोडों को सिर्फ रात में ही शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत होती है। गर्मियों में रातें छोटी हो जाती हैं और रमजान के दौरान मुसलमानों को सहरी के लिए सुबह होने से पहले उठना पडता है, जिससे उनके लिए शारीरिक संबंध बनाना और भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मुस्लिम जोडों को क्या करना चाहिए?रमजान की रातों में विवाहित जोडे अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए दो विशेष समय का उपयोग कर सकते हैं:मस्जिद से तरावीह पढकर घर आने के बाद अपने बेडरूम में जाने का समय: यह समय आप दोनों के लिए एक दूसरे के साथ जुडने और अपने रिश्ते को मजबूत बनाने का एक अच्छा अवसर हो सकता है।सुबह की सहरी खाने से ठीक पहले (या ठीक बाद) का समय: फज्र से पहले रात के आखिरी दो घंटों के दौरान आप दोनों एक दूसरे के साथ समय बिता सकते हैं और अपने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं। इसे भी पढ़ें: Ramadan Rules For Couples: रमजान के दौरान शादीशुदा जोड़े सिर्फ रात में ही बना सकते हैं शारीरिक संबंध, अविवाहित लोगों के लिए हैं ये नियमरमजान के दौरान विवाहित मुसलमान जोडों के लिए एक महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि वे यौन अशुद्धता की स्थिति में हैं, तो उन्हें रमजान का उपवास शुरू करने की अनुमति है। लेकिन इसके लिए यह आवश्यक है कि वे फज्र की नमाज के समय के बाद जितनी जल्दी हो सके गुस्ल (एक तरह का स्नान है, जिसमें शरीर को शुद्ध पानी से धोया जाता है) करें और फज्र की नमाज उसके समय के भीतर पढें।इस्लाम में जोडों को यह छूट इसलिए दी गई है कि वे फज्र तक साथ रह सकते हैं। लेकिन एक महत्वपूर्ण बात जो पत्नियों को समझने और याद रखने की जरूरत है, वह यह है कि संभोग करने से पुरुष की ऊर्जा और शारीरिक शक्ति कम हो जाती है, जबकि महिलाएं शारीरिक रूप से इससे कम प्रभावित होती हैं।इसलिए, पत्नियों को चाहिए कि वे अपने पतियों को रमजान के दौरान यौन संबंधों का समय और आवृत्ति चुनने दें, भले ही उनकी इच्छाएं कुछ हद तक अतृप्त रहें। इससे उनके पतियों को अतिरिक्त थकान महसूस किए बिना आसानी से उपवास करने की क्षमता बनी रहेगी।

Ramadan Special: रमजान में यौन संबंधों का सही समय क्या है? जानें क्या कहता है इस्लाम?
Ramadan Special: रमजान में यौन संबंधों का सही समय क्या है? जानें क्या कहता है इस्लाम?

Ramadan Special: रमजान में यौन संबंधों का सही समय क्या है? जानें क्या कहता है इस्लाम?

The Odd Naari

लेखिका: निधि शर्मा, टीम नीतानागरी

परिचय

रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए एक विशेष महत्व रखता है। इस महीने में रोजे रखे जाते हैं, जो कि सुबह से लेकर शाम तक भोजन और पेय से दूर रहने का अभ्यास है। इस समय का धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही यह सवाल भी उठता है कि रमजान में यौन संबंधों का सही समय क्या है? आइए इस विषय में गहराई से जानें और समझें इस्लाम की क्या शिक्षा है।

रमजान के दौरान यौन संबंधों की अनुमति

इस्लाम में रमजान के दौरान यौन संबंधों की अनुमति है, लेकिन इसके लिए कुछ नियम और समय निर्धारित किए गए हैं। इस्लाम के अनुसार, रोजे के दौरान सूर्यास्त से पहले यौन संबंधों से बचना चाहिए। जब रोजा खुलता है, तब पति-पत्नी को अपने अंतरंग रिश्ते को न केवल पुनर्जीवित करने की अनुमति होती है, बल्कि यह धार्मिक रूप से भी स्वीकार्य है। इस समय संबंध बनाने को न केवल व्यक्तिगत अभ्यास समझा जाता है, बल्कि यह जोड़ों के बीच के संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है।

रोजे और यौन संबंधों के बीच की सीमा

रमजान के दौरान, मुस्लिम धर्मग्रंथों में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजे का पालन करना अनिवार्य है। इस समय यौन संबंध बनाना मना है। यह न केवल धार्मिक नियमों का पालन करने के लिए जरूरी है, बल्कि यह आत्म-नियंत्रण और संयम का भी प्रतीक है। जब सूर्यास्त होता है और रोजा खुलता है, तब इस्लामिक शिक्षा के अनुसार, यौन संबंध बनाने का सही समय होता है।

व्यक्तिगत और धार्मिक संतुलन

रमजान का महीना केवल अनुशासन का ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत विकास और संबंध सुधारने का भी समय होता है। यौन संबंध बनाने के समय का चयन समझदारी से करना चाहिए ताकि यह धार्मिक नियमों का उल्लंघन न करे और साझेदारी का संबंध भी मजबूत हो सके। लोग अपने व्यक्तिगत हालात और भावनाओं का भी ध्यान रखें।

समापन

इस प्रकार, रमजान में यौन संबंधों का समय रोजा खोलने के बाद का होता है। यह समय न केवल आध्यात्मिक जुड़ाव को बढ़ाता है, बल्कि पति-पत्नी के बीच के रिश्ते को भी मजबूती प्रदान करता है। इस्लाम ने हमें सिखाया है कि जीवन में संतुलन बनाना आवश्यक है, और रमजान इस संतुलन का एक आदर्श उदाहरण है। रमजान में संयम, एकता, और प्रेम के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का यह एक सुनहरा अवसर है।

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