Mahashivratri 2025: विवाहित जोड़ों को महाशिवरात्रि पर अंतरंगता से क्यों बचना चाहिए?
महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी और यह भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिन भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है, क्योंकि यह उनके दिव्य विवाह का अवसर है। इस वजह से, हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत महत्व है, खासकर विवाहित जोड़ों के लिए।कई विवाहित जोड़े इस दिन व्रत रखते हैं और सुखी और समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि व्रत रखने और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से उनके रिश्ते में सद्भाव और आशीर्वाद आता है।हालांकि, कुछ रीति-रिवाज और परंपराएं हैं जिनका पालन महाशिवरात्रि पर जोड़ों से करने की अपेक्षा की जाती है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण नियम शारीरिक अंतरंगता से बचना है। लेकिन इस दिन अंतरंगता को हतोत्साहित क्यों किया जाता है? इस परंपरा के पीछे क्या कारण है? आइए जानें। इसे भी पढ़ें: Intimacy During These Days: पति-पत्नी को भूलकर भी इन दिनों एक-दूसरे से दूर रहना चाहिएमहाशिवरात्रि व्रत के दौरान जोड़े को शारीरिक संबंध क्यों नहीं बनाने चाहिए?व्रत एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें लोग अपने शरीर और आत्मा को शुद्ध करने के लिए भोजन और पानी से दूर रहते हैं। यह एक धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव है जो लोगों को खुद से जुड़ने में मदद करता है। व्रत के दौरान लोगों को अपने विचारों और कार्यों को पवित्र और शुद्ध रखना होता है। ऐसे में इस दौरान पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाने से विचारों और कार्यों की पवित्रता भंग हो सकती है और लोग अपने लक्ष्य से भटक सकते हैं। यही वजह है कि लोगों को व्रत के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है। इसे भी पढ़ें: Intimacy During Fasting । व्रत के दौरान शारीरिक संबंध बनाने के बारे में क्या कहती है परंपरा? जानिए हकीकतमहाशिवरात्रि व्रत के दौरान जोड़े क्या करें?साथ में पूजा करें: महाशिवरात्रि पर दंपत्तियों को एक साथ शिव मंदिर या घर पर पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव की प्रार्थना करते समय 'ओम नमः शिवाय' जैसे मंत्रों का एक साथ जाप करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं।दान और सेवा: महाशिवरात्रि पर एक साथ मिलकर दयालुता के कार्य करने पर विचार करें, जैसे दान देना या ज़रूरतमंदों की मदद करना। दान और सेवा एक महान कार्य है जो भगवान शिव को प्रसन्न कर सकता है और आपकी सभी इच्छाएं पूरी कर सकता है।कहानी सुनाना: भगवान शिव और देवी पार्वती के बारे में कहानियां सुनें, जो एक-दूसरे के प्रति उनकी भक्ति और प्रेम को उजागर करती हैं। ये कहानियां हमें प्रेम, समर्पण और वफादारी के महत्व को सिखाती हैं। भगवान शिव और देवी पार्वती की कहानियां हमें यह भी सिखाती हैं कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन सच्चा प्रेम और समर्पण हमें इन चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है। इन कहानियों को सुनकर हम अपने जीवन में भी भगवान शिव और देवी पार्वती की तरह प्रेम और समर्पण को बढ़ावा दे सकते हैं।

Mahashivratri 2025: विवाहित जोड़ों को महाशिवरात्रि पर अंतरंगता से क्यों बचना चाहिए?
लेखक: सना शर्मा, टीम नेटानागरी
टैगलाइन: The Odd Naari
महाशिवरात्रि, भगवान शिव के प्रति समर्पित एक प्रमुख हिंदू उत्सव है। यह त्योहार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस साल, 2025 में, महाशिवरात्रि का पर्व 11 फरवरी को मनाया जायेगा। इस दिन, विवाहित जोड़ों के लिए कुछ धार्मिक मान्यताएँ और अनुशासन होते हैं, जिनका पालन करने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का पर्व कई कारणों से विशेष है। इसे 'शिवरात्रि' भी कहा जाता है और इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। विवाहित जोड़ों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे स्वस्थ और साक्षर दांपत्य जीवन की नींव कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शिव के प्रति श्रद्धा का इजहार करने से विवाहित जीवन में खुशहाली आती है।
अंतरंगता से बचने की वजहें
विवाहित जोड़ों को महाशिवरात्रि पर अंतरंगता से बचने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं:
1. धार्मिक मान्यता: मान्यता है कि इस दिन को विशेष रूप से साधना और भक्ति के लिए समर्पित किया जाता है। अंतरंगता में लिप्त होने से ध्यान परमात्मा की ओर नहीं जाता और भक्ति में बाधा उत्पन्न होती है।
2. मानसिक शांति: यह दिन साधना, ध्यान, और प्रार्थना का है। अंतरंगता से मन भटक सकता है, जो आत्मिक शांति में बाधा डालता है।
3. पारिवारिक सद्भाव: इस दिन परिवार में एकता और सौहार्द बढ़ाने की आवश्यकता होती है। अंतरंगता पर संयम रखकर, विवाहित जोड़े एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम को बढ़ा सकते हैं।
कैसे करें महाशिवरात्रि का सम्मान
महाशिवरात्रि को सही तरीकों से मनाने के लिए विवाहित जोड़ों को निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:
- प्रभु की पूजा कर लकड़ी की पूजा करना।
- हर घंटे भगवान शिव का जाप करना।
- संध्या के समय व्रत रखना।
- एक-दूसरे के साथ समय बिताना और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भक्ति गीत गाना।
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि पर विवाहित जोड़ों को अंतरंगता से बचने की सलाह दी जाती है ताकि वे अपने जीवनसाथी के साथ इस दिन का सही अर्थ समझें और अपने दांपत्य जीवन को नई ऊर्जा दें। यह पर्व न केवल शिव भक्ति का है, बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और अनुशासन का भी प्रतीक है।
महाशिवरात्रि के इस पर्व पर, सभी विवाहित जोड़ों को चाहिए कि वे इस मंत्र को अपने दिल में उतारें और इस दिव्य दिन को भक्ति और समर्पण के साथ मनाएं।
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