अमेरिका नहीं रूस है अपना पक्का दोस्त, पुतिन के मंत्री की जयशंकर के कॉलर के पास हाथ लगाती तस्वीर क्यों होने लगी वायरल?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले अमेरिका के कितने भी दौरे कर लें। भले ही अमेरिका और भारत मिलकर साझेदारी को बढ़ाने की कितनी ही बात कर ले। भले ही भारत ये कह दे कि आने वाले समय में भारत अमेरिका से हथियार खरीदेगा। लेकिन इस बात को कोई झुठला नहीं सकता कि भारत की दोस्ती के लिहाज से उसके लिए सबसे बड़ी और सबसे पहली प्राथमिकता रूस की ही रहेगी। अब विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका के दौरे पर गए थे। डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकातों का दौर हुआ। लेकिन इसके तुरंत बाद जब वो वापस भारत लौटे तो महज कुछ ही दिनों के अंदर एक और ऐसी मुलाकात हुई, जिसकी चर्चा अब पूरी दुनिया में है। अफ्रीका के जोहार्नबर्ग में इस समय जी-20 सम्मेलन का आगाज हो चुका है। जी-20 का ये सम्मेलन विदेश मंत्रियों के लिए है और यहां भारत-रूस के विदेश मंत्री भी पहुंचे। लेकिन जी20 से इतर रूस और भारत के विदेश मंत्रियों की हुई मुलाकात और उस मुलाकात से आई तस्वीर चर्चा का विषय बन रही है। लावरोव जयशंकर के कॉलर को टच करते नजर आ रहे हैं। बॉडीलैग्वेज बता रही है कि ये फॉर्मल टॉक से ज्यादा काफी इनफार्मल बातचीत हो रही है। दोनों की दोस्ती की कई तस्वीर और कई किस्से आपने कई बार सुने होंगे। कई बार तो डॉ. जयशंकर और लावरोव ने अपनी दोस्ती का जिक्र कई मंचों पर किया है। लेकिन फिलहाल बात इस बैठक की करते हैं। इसे भी पढ़ें: जयशंकर ने ओमान के अपने समकक्ष के साथ व्यापार, निवेश और ऊर्जा सहयोग पर की चर्चायूक्रेन में युद्ध की समाप्ति पर चर्चा करने के लिए रियाद में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात के दो दिन बाद, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत की, जिन्होंने कहा कि उन्होंने रियाद में बैठक सहित "यूक्रेन संघर्ष से संबंधित विकास" पर चर्चा की और संपर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की। लावरोव और जयशंकर की मुलाकात दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर हुई। बाद में एक्स पर एक पोस्ट में जयशंकर ने कहा कि भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग की निरंतर प्रगति की समीक्षा की। रियाद में उनकी मुलाकात सहित यूक्रेन संघर्ष से संबंधित हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की। संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की। रूसी विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि दोनों विदेश मंत्रियों ने जोहान्सबर्ग में बातचीत की है। जयशंकर पिछले सप्ताह अमेरिका में थे और वहां से म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के लिए रवाना हुए थे। इसे भी पढ़ें: जयशंकर और सार ने की इजराइल को भारत, यूरोप, अमेरिका से जोड़ने के ट्रंप के दृष्टिकोण पर चर्चा15 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात करने और यह कहने के एक दिन बाद कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति के पक्ष में है। जयशंकर ने म्यूनिख में यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा से मुलाकात की थी और संघर्ष को सुलझाने के प्रयासों पर चर्चा की थी। सिबिहा ने हमारी सार्थक मुलाकात के लिए जयशंकर को धन्यवाद देते हुए कहा कि हम भारत के साथ संबंध विकसित करने और व्यापार, प्रौद्योगिकी, कृषि, सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने में रुचि रखते हैं। हम न्यायसंगत और स्थायी शांति लाने के लिए भारत की मजबूत वैश्विक आवाज पर भी भरोसा करते हैं। 

अमेरिका नहीं रूस है अपना पक्का दोस्त, पुतिन के मंत्री की जयशंकर के कॉलर के पास हाथ लगाती तस्वीर क्यों होने लगी वायरल?
अमेरिका नहीं रूस है अपना पक्का दोस्त, पुतिन के मंत्री की जयशंकर के कॉलर के पास हाथ लगाती तस्वीर क्यों होने लगी वायरल?

अमेरिका नहीं रूस है अपना पक्का दोस्त, पुतिन के मंत्री की जयशंकर के कॉलर के पास हाथ लगाती तस्वीर क्यों होने लगी वायरल?

The Odd Naari
लेखिका: सुमन शर्मा, टीम नेतानागरी

हाल ही में एक तस्वीर ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है जिसमें रूस के विदेश मंत्री, सर्गेई लावरोव, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के कॉलर के पास हाथ रखते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह तस्वीर भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों और हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों को दर्शाती है। इस लेख में हम इसी तस्वीर और इसके पीछे के संदर्भ पर चर्चा करेंगे।

तस्वीर की पृष्ठभूमि

तस्वीर का संदर्भ उस समय का है जब भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में एक सम्मेलन में भाग लिया था जिसमें रूस के विदेश मंत्री भी शामिल थे। लावरोव और जयशंकर के बीच चर्चा चल रही थी, और तभी लावरोव ने अनायास ही जयशंकर के कपड़े को छू लिया। यह पल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और लोगों ने इसे विभिन्न दृष्टिकोण से देखा।

भारत-रूस दोस्ती का महत्व

भारत और रूस के बीच संबंध हमेशा से मजबूत रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान से ही, दोनों देशों ने एक-दूसरे का समर्थन किया है। 2021 में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कई उच्च स्तरीय संवाद हुए हैं, जो दर्शाते हैं कि दोनों देश अपनी दोस्ती को सुदृढ़ करने के लिए तत्पर हैं।

हालिया तस्वीर ने यह भी दिखाया कि कैसे वैश्विक राजनीति में व्यक्तिगत संबंध भी महत्वपूर्ण होते हैं। इसे लेकर कई समीक्षकों ने बताया कि रूस और भारत के रिश्ते केवल राजनीतिक नहीं हैं, बल्कि इनका एक मानविक पहलू भी है।

वायरल तस्वीर का सोशल मीडिया पर प्रभाव

तस्वीर सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वायरल हो गई, जिसके पीछे कई कारण हैं। कई यूजर्स ने इसे एक मजेदार तरीके से लिया, जबकि अन्य ने इसे भारत-रूस के संबंधों का प्रतीक बताया। इस तस्वीर के माध्यम से, नेटिज़न्स ने अपने विचार साझा किए कि कैसे व्यक्तिगत संबंधों का अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव पड़ता है।

निष्कर्ष

अंत में, यह स्पष्ट है कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत और गहरे हैं। वायरल तस्वीर ने न केवल हंसी-मजाक का साधन बनी, बल्कि यह हमारे राजनीतिक संबंधों की गहराई को भी उजागर किया। जयशंकर और लावरोव की यह अनौपचारिक मुठभेड़ दर्शाती है कि वैश्विक राजनीति में व्यक्तिगत रिश्ते किस कदर मायने रखते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान में, अमेरिका की अपेक्षा रूस भारत का पक्का दोस्त है।

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