वर्ष 2024 में पाकिस्तान बना दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आतंकवाद प्रभावित देश : रिपोर्ट
इस्लामाबाद । वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (जीटीआई) 2025 की रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान में आतंकवाद बढ़ता जा रहा है जिससे यह वर्ष 2024 में दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आतंकवाद प्रभावित देश बन गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में आतंकवाद से होने वाली मौतों में 45 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023 में 748 मौतों की तुलना में 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 1,081 हो गया। यह आकंड़े वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से मौत में सबसे तेज वृद्धि में से एक हैं। पूर्व में इस सूचकांक में पाकिस्तान चौथे स्थान पर था। पाकिस्तान में आतंकी हमलों की संख्या भी वर्ष 2023 में 517 से बढ़कर 2024 में 1,099 हो गई। यह संख्या पहली बार 1,000 का आंकड़ा पार कर गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान लंबे समय से यह दावा करता रहा है कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अन्य आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान में हमले करने के लिए कर रहे हैं। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद में बढ़ोतरी और काबुल में अफगान तालिबान के सत्ता में आने के बीच महत्वपूर्ण संबंध है।रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी गुटों ने विशेष रूप से पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर अपने हमले तेज किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी देश में सबसे घातक आतंकवादी समूह बना हुआ है जो आतंकवाद से संबंधित सभी मौतों में से 52 फीसदी के लिए जिम्मेदार है। प्रतिबंधित संगठन टीटीपी ने वर्ष 2024 में कुल 482 हमले किए जिनमें 558 लोग मारे गए। बीते वर्ष के मुकाबले टीटीपी के हमलों की संख्या दोगुनी हो गई, वहीं मौतों में 90 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार, अफगान तालिबान के वर्ष 2021 में सत्ता में लौटने के बाद से टीटीपी को अधिक स्वतंत्रता और सीमा पार सुरक्षित ठिकाने मिले हैं जिससे इसे हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने की खुली छूट मिल गई है।रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पाकिस्तान में आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा रहे। यह दोनों क्षेत्र अफगानिस्तान की सीमा से लगे हैं। वर्ष 2024 में पाकिस्तान में 96 फीसदी से अधिक आतंकी हमले और मौतें इन्हीं प्रांतों में दर्ज किेए गये। रिपोर्ट में प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा वर्ष 2024 में किए गए सबसे घातक आतंकी हमले का जिक्र किया गया है। इस हमले में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आत्मघाती हमलावर ने कम से कम 25 नागरिकों और सैनिकों की जान ले ली थी। जियो न्यूज के मुताबिक, बीएलए और अन्य संगठनों द्वारा किए गए हमलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इन संगठनों के हमले वर्ष 2023 में 116 से बढ़कर वर्ष 2024 में 504 हो गए। इन हमलों में होने वाली मौतों की संख्या चार गुना बढ़कर 388 हो गईं जो 2023 में 88 थीं।

वर्ष 2024 में पाकिस्तान बना दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आतंकवाद प्रभावित देश : रिपोर्ट
The Odd Naari
लेखिका: नीति शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
जब बात आतंकवाद की होती है, तो पाकिस्तान का नाम अक्सर सबसे ऊपर आता है। नई रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आतंकवाद प्रभावित देश बन गया है। यह खबर न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति को दर्शाती है बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है। खुफिया एजेंसियों के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में लगभग 600 आतंकवादी हमले हुए, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। विशेष ध्यान आतंकवादी समूहों द्वारा शहरी क्षेत्रों को लक्षित करने पर दिया गया है।
आतंकवाद का प्रभाव
पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद ने न केवल जीवन को प्रभावित किया है बल्कि इसके आर्थिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है। विदेशी निवेशकों का भरोसा कम हुआ है, और कारोबारियों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। इसके अतिरिक्त, आतंकवाद ने समाज के विभिन्न वर्गों में विभाजन पैदा कर दिया है।
आर्थिक और सामाजिक पहलू
अर्थव्यवस्था के साथ-साथ समाज पर भी आतंकवाद का प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य बुनियादी सेवाओं पर भी गंभीर असर देखने को मिल रहा है। कई लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर मोह अपना रहे हैं, जिससे जनसंख्या में भी बदलाव आ रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों और देशों ने पाकिस्तान की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। कुछ ने पाकिस्तान को आतंकवाद का एक प्रमुख केंद्र करार दिया है, जबकि अन्य ने सहयोग बढ़ाने और स्थिति में सुधार के लिए सहायता की पेशकश की है।
निष्कर्ष
समग्रतः, पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति और उसका आतंकवाद से प्रभावित होना एक गंभीर मुद्दा है। इसके प्रभाव न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में महसूस किए जाने हैं। ऐसी स्थिति में, अगर सही कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में परिणाम और भी भयावह हो सकते हैं। सुरक्षा और स्थिरता के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना होगा।
अंत में, हम सभी को यह समझना होगा कि आतंकवाद का समाधान केवल कड़ी कार्रवाई में नहीं है, बल्कि इसके मूल कारणों को समझने और खत्म करने में भी है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया theoddnaari.com पर जाएं।