Health Tips: गर्मियों में बच्चों को डायरिया और डिहाइड्रेशन का होता है अधिक खतरा, ऐसे रखें उनका खास ख्याल

जून का महीना आ चुका है और हर बीतते दिन तापमान में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। भीषण गर्मी और लू के कारण छोटे बच्चों में डायरिया, डिहाइड्रेशन, उल्टी, दस्त और बुखार जैसी स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से होने लगती हैं। वहीं हॉस्पिटल में इन समस्याओं से पीड़ित बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने लगती है। खासकर कमजोर और कुपोषित बच्चों के लिए यह स्थिति जानलेना साबित हो सकती है। वहीं अगर डायरिया या डिहाइड्रेशन के लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। इसलिए आवश्यक है कि गर्मियों के मौसम में बच्चों की सेहत पर खास ध्यान दिया जाए और किसी भी तरह के लक्षणों को नजरअंदाज न किया जाए।डायरिया क्या हैबता दें कि डायरिया एक पेट की ऐसी बीमारी है, जिनमें बार-बार पतला या पानी जैसा दस्त आने लगता है। यह स्थिति तब तक रहती है, जब तक कि पेट सही से खाना नहीं पचा पाता है या फिर किसी तरह का इंफेक्शन हो जाता है। इस बीमारी का सबसे ज्यादा बच्चों को खतरा होता है। डायरिया होने पर बॉडी से पानी और नमक तेजी से निकल जाता है, जिसके कारण बच्चा सुस्त या डिहाइड्रेट हो सकता है।इसे भी पढ़ें: Health Tips: 40 की उम्र के बाद मसल्स बनाना क्यों है सबसे बड़ा हेल्थ इन्वेस्टमेंट, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्टडायरिया से होने वाली मौतविश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल 5 वर्ष से कम उम्र के करीब 4.43 लाख और 5-9 वर्ष की उम्र के लगभग 50 हजार से अधिक बच्चों की डायरिया के कारण मौत होती है। ऐसे में डायरिया के लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए। बच्चों में डायरिया के लक्षणपेट में मरोड़ या दर्द होनाबार-बार पतला दस्त आनाउल्टी आनातेज बुखार होनासुस्ती या चिड़चिड़ापन होनापेशाब कम होना या फिर रंग गहरा होनाअधिक प्यास लगना या फिर होंठ का सूखनाबच्चों में अधिक होता है डायरिया का खतरादरअसल, बच्चे का शरीर पूरी तरह से विकसित नहीं होता है, जिस कारण उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। वहीं कई बार बच्चे बिना हाथ धोए खाना खा लेते हैं, या फिर खिलौने या अन्य गंदा सामान मुंह में डाल लेते हैं। जिससे बैक्टीरिया बच्चों के मुंह से होते हुए पेट में चले जाते हैं। इससे उनको डायरिया हो सकता है। वहीं गर्मियों में इंफेक्शन फैलने का खतरा अधिक होता है। इसलिए यह समस्या आम हो जाती है।बच्चों में डायरिया के मुख्य कारणगंदे हाथों से खाना खानाकमजोर इम्यून सिस्टमसाफ-सफाई की कमीगंदा पानी पीनाटीकाकरण की कमीकुपोषणगंदगी में खेलनाइन बातों का रखें खास ख्यालनवजात बच्चे का शरीर बहुत नाजुक होता है, ऐसे में तापमान में हल्का सा दबाव भी उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए उनकी देखभाल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इसलिए कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।बच्चे को 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। क्योंकि 6 महीने तक मां दूध ही बच्चे का खाना, पानी और दवा है।जन्म से करीब 6 महीने तक बच्चे को सीधी धूप, भीड़भाड़ वाली जगह या फिर गर्म कमरे में नहीं ले जाता चाहिए। वहीं बच्चो को कूलर या एसी की सीधी हवा नहीं लगने दें। लेकिन कमरा ठंडा रखें।नवजात बच्चे को हल्के रंग के कॉटन के ढीले कपड़े पहनाना चाहिए। वहीं अगर बच्चे के कपड़े बार-बार गीले हो रहे हैं, तो उनको फौरन बदल दें।गर्मियों में रैशेज का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए समय-समय पर डायपर चेंज करते रहें और स्किन को सूखा रखें।वहीं बच्चे को रोजाना हल्के गुनगुने या फिर सामान्य पानी से नहलाएं। नहलाने के फौरन बाद बच्चे के शरीर को सुखाकर कपड़े पहनाएं।नवजात बच्चे को गोल में लेने से पहले हाथों को जरूर धोना चाहिए। वहीं बच्चे के आसपास भी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए।बच्चे को बुखार आने, सुस्त रहने या फिर अधिक रोने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।यदि नवजात बच्चे को पसीना ज्यादा आ रहा है और वह दूध नहीं पी रहा है। वहीं बच्चा सुस्त है या लगातार रो रहा है, तो यह इंफेक्शन या डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में बच्चे को फौरन डॉक्टर को दिखाएं।खान-पान और हाइड्रेशन को लेकर बरतें ये सावधानियांगर्मियों में बच्चे बहुत जल्दी थक जाते हैं और उनको पसीना भी ज्यादा आता है। ऐसे में शरीर से पानी जल्दी कम हो सकता है। इसलिए उनके खानपान की आदतों पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है।बच्चे को गर्मियों में ऐसा खाना देना चाहिए, जो आसानी से पच जाए। आप उनको खिचड़ी, सब्जी रोटी, या फिर दाल चावल खाने को लें। वहीं बाहर का खाना बच्चों को बिलकुल भी न खाने दें।आपर गर्मियों में बच्चों को मौसमी फल जैसे खीरा, खरबूजा, तरबूज, आम और ककड़ी आदि खाने के लिए दें। इससे बच्चे के शरीर को ठंडक मिलती है। साथ ही इससे उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।गर्मियों के मौसम में बच्चों को ज्यादा तला भुना, तीखा या तेल वाला खाना नहीं देना चाहिए। इससे उनका पेट खराब हो सकता है।अगर आपका बच्चा स्कूल जाना है, तो उसको साफ पानी की बोतल दें और साथ ही उनको यह भी समझाएं कि वह थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें।

Health Tips: गर्मियों में बच्चों को डायरिया और डिहाइड्रेशन का होता है अधिक खतरा, ऐसे रखें उनका खास ख्याल
Health Tips: गर्मियों में बच्चों को डायरिया और डिहाइड्रेशन का होता है अधिक खतरा, ऐसे रखें उनका खास ख्याल

Health Tips: गर्मियों में बच्चों को डायरिया और डिहाइड्रेशन का होता है अधिक खतरा, ऐसे रखें उनका खास ख्याल

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जून का महीना आ चुका है और हर बीतते दिन तापमान में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। भीषण गर्मी और लू के कारण छोटे बच्चों में डायरिया, डिहाइड्रेशन, उल्टी, दस्त और बुखार जैसी स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से होने लगती हैं। गर्मियों में बच्चों के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है, खासकर कमजोर और कुपोषित बच्चों के लिए। इस मौसम में डायरिया और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं का बढ़ता खतरा जानलेवा साबित हो सकता है।

डायरिया और डिहाइड्रेशन: समझना जरूरी

डायरिया एक पेट की बीमारी है, जहां बार-बार पतला या पानी जैसा दस्त आता है। यह स्थिति आमतौर पर तब तक रहती है, जब तक पेट सही से खाना नहीं पचा पाता या फिर किसी इंफेक्शन के कारण होती है। जब बच्चे को डायरिया होता है, तो उनके शरीर से तेजी से पानी और नमक निकल जाता है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल 5 वर्ष से कम उम्र के लगभग 4.43 लाख बच्चे और 5-9 वर्ष के लगभग 50 हजार बच्चे डायरिया के कारण मौत का शिकार होते हैं।

बच्चों में डायरिया के मुख्य लक्षण

  • पेट में मरोड़ या दर्द होना
  • बार-बार पतला दस्त आना
  • उल्टी आना
  • तेज बुखार होना
  • सुस्ती या चिड़चिड़ापन होना
  • पेशाब कम होना या रंग गहरा होना
  • अधिक प्यास लगना या होंठ का सूखना

बच्चों को डायरिया का खतरा ज्यादा क्यों?

बच्चों का शरीर पूरी तरह विकसित नहीं होता, इसलिए उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। कई बार, बच्चे बिना हाथ धोए खाना खा लेते हैं या गंदे खिलौनों के संपर्क में आ जाते हैं, जिससे बैक्टीरिया उनके पेट में चले जाते हैं। गर्मियों में ऐसे संक्रमण फैलने का जोखिम अधिक होता है।

बच्चों में डायरिया के मुख्य कारण

  • गंदे हाथों से खाना खाना
  • कमजोर इम्यून सिस्टम
  • साफ-सफाई की कमी
  • गंदा पानी पीना
  • टीकाकरण की कमी
  • कुपोषण
  • गंदगी में खेलना

बच्चों की देखभाल में जरुरी बातें

नवजात बच्चों का शरीर बहुत नाजुक होता है, इसलिए गर्मी से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए:

  • बच्चे को 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए।
  • छोटे बच्चे को गर्म कमरे या धूप में नहीं ले जाना चाहिए।
  • नवजात बच्चे को हल्के रंग के कॉटन के ढीले कपड़े पहनने चाहिए।
  • बच्चे को रोजाना हल्के गुनगुने पानी से नहलाएं।
  • बच्चे की सफाई पर ध्यान दें।

खान-पान और हाइड्रेशन को लेकर सावधानियां

गर्मियों में बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है:

  • बच्चों को ऐसे खाने दें जो आसानी से पच जाएं, जैसे खिचड़ी, सब्जी रोटी, दाल चावल।
  • बाहर का खाना बिल्कुल न दें।
  • मौसमी फलों जैसे खीरा, खरबूजा और तरबूज की खपत बढ़ाएं।

बच्चों को पर्याप्त पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें, खासकर जब वे स्कूल जा रहे हों।

निष्कर्ष

गर्मी का मौसम बच्चों के लिए कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। डायरिया और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं से बचने के लिए ये सुझाव बेहद महत्वपूर्ण हैं। बच्चों की सेहत पर ध्यान देने में लापरवाही न बरतें। अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।

Written by: Team TheOddNaari

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