पहले कोरोना वायरस और अब फंगस, चीन रच रहा नई बीमारी फैलाने की साजिश? तुरंत एक्टिव हुई FBI

दुनियाभर में कोरोना वायरल फैलाने वाला चीन अब एक बार फिर से क्या कोई नई बीमारी फैलाने की साजिश रच रहा है? चीन के बायो वेपन इस्तेमाल को लेकर अमेरिका से एक बड़ी खबर सामने आई है। अमेरिका में चीन के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, जिसके पास से फ्यूसैरियम ग्रैमिनियरम नामक फंगस मिला है। इसे बायो वेपन के तौर पर चीन की लैब से अमेरिका लाया गया था। अमेरिका का कहना है कि ये फंगस फसलों को बर्बाद करने के साथ साथ इंसानों और जानवरों को भी बीमार कर देता है। इसलिए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसे एग्रो टेररिज्म वेपन यानी कृषि आतंकवाद कहा है। जिससे जौ, गेहूं, धान और मक्का जैसी फसलें बर्बाद हो जाती हैं। इसे भी पढ़ें: 23 साल का शख्स फांद गया US प्रेसिडेंट के घर की दीवार, डोनाल्ड ट्रंप की पोती को करना था प्रपोजकैसे चीन की साजिश का हुआ पर्दाफाश?एफबीआई निदेशक काश पटेल ने पूरे मामले पर एक्स पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है। उन्होंने कहा कि  मैं पुष्टि कर सकता हूँ कि एफबीआई ने संयुक्त राज्य अमेरिका में एक चीनी नागरिकको गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर देश में एक खतरनाक जैविक रोगज़नक़ फंगस की तस्करी की थी। युनकिंग जियान नामक व्यक्ति पर आरोप है कि उसने फ्यूसैरियम ग्रैमिनियरम नामक एक खतरनाक की तस्करी की है। कवक हेड ब्लाइट नामक बीमारी का कारण बन सकता है, जो गेहूं, जौ, मक्का और चावल को बर्बाद करने के साथ साथ मनुष्यों और पशुओं दोनों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा करती है। यह हर साल दुनिया भर में अरबों डॉलर के आर्थिक नुकसान के लिए जिम्मेदार है।इसे भी पढ़ें: फिर फंसने वाले हैं अडानी? ईरान से LPG आयात कर तोड़ा कौन सा कानूनचीनी कम्युनिस्ट पार्टी से कनेक्शनसाक्ष्य यह भी संकेत देते हैं कि जियान ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादारी व्यक्त की थी और चीन में इस रोगज़नक़ पर इसी तरह के काम के लिए चीनी सरकार से धन प्राप्त किया था। जियान के प्रेमी ज़ुनयोंग लियू पर भी शिकायत में आरोप लगाया गया है। जुनयोंग एक चीनी विश्वविद्यालय में काम करता है जहाँ वह उसी रोगज़नक़ पर रिसर्च करता था।  लियू पर आरोप है कि उन्होंने पहले झूठ बोला, फिर स्वीकार किया कि उन्होंने डेट्रॉयट मेट्रोपॉलिटन हवाई अड्डे के माध्यम से फ्यूजेरियम ग्रैमिनीरम की तस्करी अमेरिका में भी की थी, जिससे वो मिशिगन विश्वविद्यालय में इस पर रिसर्च कर सकें।कृषि आतंकवाद क्या है जैविक एजेंटों का इस्तेमाल करके फसलों को नष्ट करने के लिए खेतों को हथियार बनाना 'कृषि-आतंकवाद' कहलाता है। काश पटेल ने कहा कि दोनों व्यक्तियों पर षड्यंत्र, संयुक्त राज्य अमेरिका में माल की तस्करी, झूठे बयान और वीज़ा धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। यह मामला इस बात की याद दिलाता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अमेरिकी संस्थाओं में घुसपैठ करने और हमारी खाद्य आपूर्ति को निशाना बनाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं और शोधकर्ताओं को तैनात करने के लिए दिन-रात काम कर रही है, जिसके गंभीर परिणाम होंगे... जिससे अमेरिकी जीवन और हमारी अर्थव्यवस्था गंभीर खतरे में पड़ जाएगी।  

पहले कोरोना वायरस और अब फंगस, चीन रच रहा नई बीमारी फैलाने की साजिश? तुरंत एक्टिव हुई FBI
पहले कोरोना वायरस और अब फंगस, चीन रच रहा नई बीमारी फैलाने की साजिश? तुरंत एक्टिव हुई FBI

पहले कोरोना वायरस और अब फंगस, चीन रच रहा नई बीमारी फैलाने की साजिश? तुरंत एक्टिव हुई FBI

दुनियाभर में कोरोना वायरल फैलाने वाला चीन अब एक बार फिर से क्या कोई नई बीमारी फैलाने की साजिश रच रहा है? चीन के बायो वेपन इस्तेमाल को लेकर अमेरिका से एक बड़ी खबर सामने आई है। अमेरिका में चीन के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, जिसके पास से फ्यूसैरियम ग्रैमिनियरम नामक फंगस मिला है। इसे बायो वेपन के तौर पर चीन की लैब से अमेरिका लाया गया था। अमेरिका का कहना है कि ये फंगस फसलों को बर्बाद करने के साथ-साथ इंसानों और जानवरों को भी बीमार कर देता है। इसलिए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसे एग्रो टेररिज्म वेपन यानी कृषि आतंकवाद कहा है। जिससे जौ, गेहूं, धान और मक्का जैसी फसलें बर्बाद हो जाती हैं।

कैसे चीन की साजिश का हुआ पर्दाफाश?

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने पूरे मामले पर एक्स पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है। उन्होंने कहा कि मैं पुष्टि कर सकता हूँ कि एफबीआई ने संयुक्त राज्य अमेरिका में एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर देश में एक खतरनाक जैविक रोगज़नक़ फंगस की तस्करी की थी। युनकिंग जियान नामक व्यक्ति पर आरोप है कि उसने फ्यूसैरियम ग्रैमिनियरम नामक एक खतरनाक की तस्करी की है। यह कवक हेड ब्लाइट नामक बीमारी का कारण बन सकता है, जो गेहूं, जौ, मक्का और चावल को बर्बाद करने के साथ-साथ मनुष्यों और पशुओं दोनों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा करती है। यह हर साल दुनिया भर में अरबों डॉलर के आर्थिक नुकसान के लिए जिम्मेदार है।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से कनेक्शन

साक्ष्य यह भी संकेत देते हैं कि जियान ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादारी व्यक्त की थी और चीन में इस रोगज़नक़ पर इसी तरह के काम के लिए चीनी सरकार से धन प्राप्त किया था। जियान के प्रेमी ज़ुनयोंग लियू पर भी शिकायत में आरोप लगाया गया है। जुनयोंग एक चीनी विश्वविद्यालय में काम करता है जहाँ वह उसी रोगज़नक़ पर रिसर्च करता था। लियू पर आरोप है कि उन्होंने पहले झूठ बोला, फिर स्वीकार किया कि उन्होंने डेट्रॉयट मेट्रोपॉलिटन हवाई अड्डे के माध्यम से फ्यूजेरियम ग्रैमिनीरम की तस्करी अमेरिका में भी की थी, जिससे वो मिशिगन विश्वविद्यालय में इस पर रिसर्च कर सकें।

कृषि आतंकवाद क्या है?

जैविक एजेंटों का इस्तेमाल करके फसलों को नष्ट करने के लिए खेतों को हथियार बनाना 'कृषि-आतंकवाद' कहलाता है। काश पटेल ने कहा कि दोनों व्यक्तियों पर षड्यंत्र, संयुक्त राज्य अमेरिका में माल की तस्करी, झूठे बयान और वीज़ा धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। यह मामला इस बात की याद दिलाता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अमेरिकी संस्थाओं में घुसपैठ करने और हमारी खाद्य आपूर्ति को निशाना बनाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं और शोधकर्ताओं को तैनात करने के लिए दिन-रात काम कर रही है, जिसके गंभीर परिणाम होंगे... जिससे अमेरिकी जीवन और हमारी अर्थव्यवस्था गंभीर खतरे में पड़ जाएगी।

यूएस फूड सप्लाई चेन पर इस नई चुनौती के प्रति प्रशासन की सक्रियता जरूरी है। अमेरिका का यह एक संगठित प्रयास है ताकि देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। चीन के ऐसे कार्यों पर गंभीरता से विचार करना होगा और भारतीय जैसे अन्य देशों को भी सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि वैश्विक स्तर पर जुड़ी हुई अर्थव्यवस्था में सभी प्रभावित होते हैं।

चिन्हित किया गया फंगस केवल कृषि क्षेत्र को ही नहीं, बल्कि मानव स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुँचा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर जांच और एहतियाती कदम उठाना इस दिशा में महत्वपूर्ण है।

यूएस एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकार के जैविक रोगज़नक विकृति का सामना करने के लिए मजबूत लॉजिस्टिक्स और निगरानी की आवश्यकता है। चीन की गतिविधियों की जांच और डेटा का समुचित संग्रहण इस मुश्किल को कम करने में सहायक हो सकता है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। इसके लिए अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान-साझाकरण की ओर प्रेरित करने की आवश्यकता है।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि जैविक सुरक्षा को लेकर सभी देशों को एकजुट होना होगा और किसी भी संभावित खतरे की रोकथाम करने के लिए तत्पर रहना होगा।

यह स्थिति न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर विषय बन गई है। आने वाले समय में सभी देशों को एक साथ मिलकर इसे संबोधित करना होगा।

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