US-China Tariff War: ट्रंप के दांव के बाद चीन का एक्शन, अमेरिकी आयात पर इतने प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की
चीन 10 मार्च से कुछ अमेरिकी आयातों पर 10% से 15% का अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। चीनी वित्त मंत्रालय ने एक बयान में इस बात की जानकारी दी है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मेक्सिको और कनाडा से आयात पर नए 25% टैरिफ के प्रभावी होने के साथ-साथ चीनी वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना कर 20% करने के बाद आया है। जिन अमेरिकी उत्पादों पर चीन में 10% प्रतिशोधात्मक टैरिफ का सामना करना पड़ेगा उनमें सोयाबीन, ज्वार, सूअर का मांस, बीफ, जलीय उत्पाद, फल, सब्जियां और डेयरी उत्पाद शामिल हैं। इसे भी पढ़ें: जनवरी में आए भूकंप के बाद चीन ने तिब्बत में माउंट एवरेस्ट क्षेत्र को फिर से खोलाचीनी वित्त मंत्रालय ने कहा कि चिकन, गेहूं, मक्का और कपास पर 15% टैरिफ लगाया जाएगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि इसके अतिरिक्त, चीन ने 25 अमेरिकी कंपनियों पर निर्यात और निवेश प्रतिबंध भी लगाया। डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा और मैक्सिको पर आयात पर नए 25% शुल्क के साथ-साथ चीनी सामानों पर टैरिफ को 10% से दोगुना कर 20% कर दिया। इसके बाद कनाडा ने भी 107 अरब डॉलर के अमेरिकी सामानों पर टैरिफ की घोषणा की। इसे भी पढ़ें: दक्षिणी चीन में नदी में पोत और नौका की टक्कर होने से कम से कम 11 लोगों की मौतकनाडा के निवर्तमान प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि यदि डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन अपनी योजना पर अमल करता है तो काउंटी 30 बिलियन कनाडाई डॉलर के अमेरिकी सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा 21 दिनों के भीतर 125 बिलियन कनाडाई डॉलर के बाकी अमेरिकी सामानों पर भी टैरिफ लगाएगा। मेक्सिको ने कहा कि अगर अमेरिका भारी कर लगाने की दिशा में आगे बढ़ता है तो वह बैकअप योजनाओं के साथ तैयार है। देश की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने कहा, "हमारे पास प्लान बी, सी, डी है।"

US-China Tariff War: ट्रंप के दांव के बाद चीन का एक्शन, अमेरिकी आयात पर इतने प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की
The Odd Naari द्वारा, प्रियंका शर्मा और नेहा वर्मा, टीम नेटानागरी
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में बढ़ती हुई तनाव के बीच, अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध ने एक नई मोड़ ले लिया है। हाल ही में चीन ने अमेरिकी आयात पर 25 प्रतिशत तक के टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपनाई गई आर्थिक नीतियों के प्रतिकार में उठाया गया है। इस टैरिफ युद्ध का असर न केवल दोनों देशों पर, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने की संभावना है।
ट्रंप का व्यापार नीति में बदलाव
डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अपने पहले कार्यकाल में चीन के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए कई कदम उठाए। ट्रंप ने चीन से आयातित माल पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणाएं कीं, जिससे चीन की आर्थिक विकास दर पर दबाव पड़ा। उनका लक्ष्य अमेरिकी उत्पादकों को बढ़ावा देना और घरेलू उद्योग की रक्षा करना था।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने ट्रंप के इस कदम के जवाब में अपनी वैश्विक व्यापार नीति को मजबूत करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाए हैं। इस नीतिगत बदलाव का प्रभाव चीन की घरेलू बाजार पर और साथ ही अमेरिकी कंपनियों पर दिखाई दे रहा है। इस फैसले ने चीन में अमेरिकी उत्पादों की कीमतें बढ़ा दी हैं, जिससे कई अमेरिकी कंपनियों को अपने उत्पादन और वितरण रणनीतियों में बदलाव करना पड़ा।
मार्केट पर असर और संभावित समाधान
चीन के इस टैरिफ फैसले का तात्कालिक असर अमेरिकी बाजार पर देखा जा सकता है। बाजार में अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें निवेशकों का विश्वास कमजोर होता दिख रहा है। दूसरी ओर, चीन के साथ व्यापार करने वाली अमेरिकी कंपनियों को नए टैरिफ के चलते लागत में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है।
हालाँकि, विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच इस तनाव को कम करने के लिए संवाद जरूरी है। व्यापार वार्ता और समझौते को पुनः आरंभ करने की आवश्यकता है ताकि दोनों देशों के लिए दीर्घकालिक आर्थिक सुधार सुनिश्चित किया जा सके।
निष्कर्ष
अमेरिका-चीन टैरिफ युद्ध ने वैश्विक व्यापार की दिशा को प्रभावित किया है। इस जटिल समस्या का समाधान दोनों देशों के बीच सामंजस्यपूर्ण वार्ता से ही संभव होगा। इस टैरिफ विवाद से उपजे परिणामों को ध्यान में रखते हुए हमें यह समझना होगा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए सहयोग बहुत आवश्यक है। ऐसे समय में, 'द Odd Naari' पर बने रहें, जहाँ हम इन सभी घटनाओं पर आपको ताजगी से अपडेट करते रहेंगे।
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