Pahalgam Attack का जिम्मेदार TRF क्यों बना? कैसे करता है ऑपरेट, अब तक कौन-कौन से हमले किए, जानें सबकुछ

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है। पहलगाम से पांच किलोमीटर दूर पर्यटकों पर अटैक हुआ। बीते कुछ सालों में पर्यटकों पर हुआ ये सबसे दुर्दांत हमला माना जा रहा है। इस हमले में बच गए कुछ लोगों के वीडियो सामने आए हैं जो बता रहे हैं कि लोगों को बिल्कुल करीब से जाकर गोली मारी। कई ने तो नाम पूछ पूछकर गोलियां चलाई हैं। पीएम मोदी से लेकर अमित शाह और ट्रंप से लेकर पुतिन तक ने इस हमले की निंदा की है। साथ की आतंकियों पर कार्रवाई की बात कही है। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है। टीआरएफ लश्कर ए तैयबा की स्थानीय शाखा है जो बीते कुछ सालों से जम्मू कश्मीर में हमले करती आ रही है। इस संगठन को 2023 में ही भारत सरकार ने आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। क्या है टीआरएफ की कहानी? इससे पहले इस संगठन ने कहां कहां हमले किए और कैसे 2019 धारा 370 हटाए जाने के बाद ये अस्तित्व में आया इसके बारे में बताते हैं। इसे भी पढ़ें: PM मोदी के भारत लौटने से घबरा गया पाकिस्तान! उठाया ये कदम, वायुसेना अलर्ट मोड परटीआरएफ का गठन कब हुआ था ? टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 2019 में इसे बनाया गया था। यह पहले ऑनलाइन यूनिट के रूप में काम करता था, लेकिन जल्द ही खुद को एक ग्राउंड ग्रुप में तब्दील कर लिया। इसका मकसद भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देना था। टीआरएफ आज जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी खतरा है। भारत सरकार ने 2023 में टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया।  इस फ्रंट में आतंकवादी साजिद जट्ट, सज्जाद गुल और सलीम रहमानी प्रमुख हैं, ये सभी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। अपनी स्थापना के बाद से ही लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का संगठन माना जाने वाला टीआरएफ घाटी में पर्यटकों, अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडितों और खासकर प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाकर किए गए कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। इसे भी पढ़ें: Turkey से रची गई पहलगाम की साजिश? शहबाज की खुफिया मीटिंग हुई लीकटीआरएफ ऑपरेट कैसे करता हैटीआरएफ कश्मीरी पंडितों, हिंदू, सिख, कर्मचारियों और प्रवासी मजदूरों को टारगेट कर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रचता है। पारंपरिक आतंकी संगठनों की तरह टीआरएफ में कोई फिदायीन हमलावर नहीं होता। टीआरएफ ने युवाओं का नया कैडर तैयार किया, जो सुरक्षा बलों के रडार पर नहीं हैं, जिससे उनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है। कैडरों की बहुत कम तस्वीरें उपलब्ध हैं और वे जमीनी नेटवर्क के माध्यम से आसान टारगेट चुनते हैं। युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए उकसाने के लिए सोशल मीडिया पर मनोवैज्ञानिक ऑपरेशन चलाते हैं। टीआरएफ ने सेना पर हमलों को शूट करने के लिए ग्रोपो जैसे बॉडी कैमरों का इस्तेमाल किया था। टीआरएफ ने कौन-कौन से हमले किए? अप्रैल 2020: केरन सेक्टर में हमले में 5 सैनिक शहीद हुए थे। 30 अक्टूबर 2020: कुलगाम में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या। 26 नवंबर 2020: श्रीनगर में सेना की 2 राष्ट्रीय राइफल्स पर हमला। 26 फरवरी 2023: पुलवामा में कश्मीरी पंडित संजय  शर्मा की हत्या। 20 अक्टूबर 2024: गंदेरबल में आतंकी हमला। इसमें एक डॉक्टर और 6 प्रवासी श्रमिकों की हत्या की गई। 

Pahalgam Attack का जिम्मेदार TRF क्यों बना? कैसे करता है ऑपरेट, अब तक कौन-कौन से हमले किए, जानें सबकुछ
Pahalgam Attack का जिम्मेदार TRF क्यों बना? कैसे करता है ऑपरेट, अब तक कौन-कौन से हमले किए, जानें सबकुछ

Pahalgam Attack का जिम्मेदार TRF क्यों बना? कैसे करता है ऑपरेट, अब तक कौन-कौन से हमले किए, जानें सबकुछ

The Odd Naari द्वारा, इस लेख में हम Pahalgam Attack के पीछे की ताकत TRF (The Resistance Front) पर चर्चा करेंगे। यह हमले पिछले कुछ समय में चर्चा का विषय बने हैं और जानना ज़रूरी है कि TRF आखिर है क्या, ये कैसे ऑपरेट करता है और इसके द्वारा किए गए हमलों की संख्या।

TRF कौन है?

TRF, या The Resistance Front, एक पाकिस्तानी समर्थित आतंकवादी संगठन है जिसे विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ हमले करने के लिए स्थापित किया गया था। इस संगठन को लश्कर-ए-तैयबा का धड़ा माना जाता है और यह भारतीय अधिकारियों की नजर में एक प्रमुख सुरक्षा खतरा बना हुआ है।

Pahalgam Attack का ताजा घटनाक्रम

हाल ही में, Pahalgam में एक हमला हुआ, जिसके कारण TRF फिर से सुर्खियों में आया। यह हमला स्थानीय नागरिकों और सुरक्षा बलों के बीच तनाव को बढ़ाने का कारण बन गया। हमले का मुख्य उद्देश्य भारतीय सुरक्षाबलों को चुनौती देना और स्थानीय लोगों में आतंक का माहौल पैदा करना था। यह समझना आवश्यक है कि इस प्रकार के हमले केवल एक आतंकवादी गतिविधि नहीं हैं, बल्कि यह राजनीतिक उद्देश्यों के लिए भी किए जाते हैं।

TRF का ऑपरेशन ढांचा

TRF मुख्यत: अंडरग्राउंड काम करता है, जिसका मतलब है कि इसके सदस्य अपने आप को छिपाकर रखते हैं। ये इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से नामालूम लोगों को जोड़ते हैं और अपने संदेश फैलाते हैं। TRF का संचालन मुख्यत: छोटे समूहों में होता है, जो कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं। ये समूह स्थानीय रहनुमा और एजेंटों के सहारे अपनी गतिविधियाँ संचालित करते हैं।

अब तक के प्रमुख हमले

TRF ने जम्मू और कश्मीर में कई प्रमुख हमलों को अंजाम दिया है। इनमें से कुछ प्रसिद्ध हमले निम्नलिखित हैं:

  • अगस्त 2021: एक सरकारी स्कूल पर हमला, जिसमें कई छात्र घायल हुए।
  • नवंबर 2021: पुलिस बल पर उग्रवादी हमले, जिसमें एक पुलिसकर्मी की हत्या हुई।
  • मार्च 2022: भारतीय सेना के दल पर हमला, जिसमें कई सैनिक शहीद हुए।

इन हमलों ने सुरक्षा बलों के लिए चुनौती पेश की है और आतंकवाद के खिलाफ जंग में एक नई सोच पैदा की है।

निष्कर्ष

Pahalgam Attack केवल एक घटना नहीं है, बल्कि यह यह दर्शाता है कि TRF जैसे संगठनों का नेटवर्क कितना जटिल है। इन संगठनों को समाप्त करने के लिए हमें न केवल सैन्य दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी काम करने की आवश्यकता है। सामूहिक प्रयास ही हमले की इस श्रृंखला को खत्म कर सकते हैं। हम सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी एकजुटता मजबूत हो।

जानकारी में अधिक जानने के लिए, theoddnaari.com पर जाएँ।

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