Non-Nuclear Hydrogen Bomb: इंसान को मोम की तरह पिघला देगा ये बम, ट्रंप टैरिफ-टैरिफ खेलते रह गए, इधर चीन ने किया ऐसा, दुनियाभर में हड़कंप
अमेरिका और चीन के संबंध उस स्तर पर पहुंच चुके हैं जहां बातचीत से ज्यादा धमकियों की गूंज सुनाई देती है। टैरिफ वॉर से शुरू हुआ विवाद अब टेक्नोलॉजिकल और मिलिट्री पावर की होड़ में तब्दील हो चुका है। इस दौड़ में चीन ने एक ऐसा दांव खेला है जिसने अमेरिका समेत दुनियाभर के होश उड़ा दिए हैं। जी हां, हम चीन के नए नॉन न्यूक्लियर हाइड्रोजन बॉम्ब की बात कर रहे हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने नॉन न्यूक्लियर हाइड्रोजन बॉम्ब का सफल परीक्षण किया है। ये दिखने में बेहद छोटा है, लेकिन असल में बेहद खतरनाक है। बिना न्यूक्लियर मैटेरियल के ये बम अब अमेरिका के टेंशन की वजह बन गया है। सिर्फ दो किलो वजनी इस बम ने एक हजार डिग्री सेल्शियस की गर्मी वाला एक आग का गोला बना दिया वो भी महज 2 सेकेंड के भीतर। सुनने में ये शायद थोड़ा छोटा लगे लेकिन इसका असर टीनएटी यानी पारंपरिक विस्फोट से कहीं ज्यादा भयानक है।इसे भी पढ़ें: भारत के आगे झुका चीन, सारी शर्तें मानकर करेगा काम टीएनटी जहां सिर्फ 1-2 सेकेंड में खत्म हो जाता है। वहीं ये हाइड्रोजन बम सेकेंडों तक जलता है, फैलता है और अपने आसपास की हर चीज को तबाह कर देता है। इस बम को चीन के स्टेटशिप बिल्डिंग कॉरपोरेशन 705 रिसर्च इंस्टीत्यूट ने तैयार किया है। एससीएमपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस डिवाइस में मैग्नीशियम-आधारित सॉलिड-स्टेट हाइड्रोजन स्टोरेज मटीरियल का इस्तेमाल किया गया है। शोधपत्र में वैज्ञानिकों ने बताया कि कैसे, मानक विस्फोटकों द्वारा ट्रिगर किए जाने पर, पदार्थ तेजी से टूट जाता है और हाइड्रोजन गैस छोड़ता है। यह गैस फिर प्रज्वलित होती है, जिससे एक तीव्र और निरंतर ज्वाला उत्पन्न होती है। इस तरह के तंत्र का उपयोग इसकी सघनता और ऊर्जा घनत्व के कारण उच्च ऊर्जा प्रणोदन प्रणालियों या उन्नत हथियारों में संभावित रूप से किया जा सकता है। इसे भी पढ़ें: Kailash Mansarovar Yatra चार साल के निलंबन के बाद 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा होगी, शुरू हुई तैयारीचीन के वैज्ञानिकों का दावा है कि ये बम कम खर्च में कम रेडिएशन के जोखिमों के साथ ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। इसका सीधा सा मतलब है कि चीन अब परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किए बिना भी एक तरह से सुपर वेपन बना रहा है। चीन इस नए हथियार के जरिए कई निशाने एक साथ साधने की कोशिश में है। जिससे ना तो किसी अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन हो और ना ही दुश्मन पर बड़ा हमला करने के लिए विक्लपों की कमी रहे। माना जाता है कि शोधकर्ताओं ने इस उपकरण के सैन्य उपयोग का भी पता लगाया है, खासकर जब स्थिति की मांग हो कि एक बड़े क्षेत्र को तीव्र गर्मी से कवर किया जाए और उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए इसकी शक्ति को केंद्रित किया जाए। इसे भी पढ़ें: रूस के लिए युद्ध में ले रहे थे हिस्सा, जेलेंस्की ने चीनी नागरिकों की सरेआम करा दी परेडयह स्पष्ट नहीं था कि परीक्षण में इस्तेमाल की गई बड़ी मात्रा में मैग्नीशियम हाइड्राइड कहाँ से आया। पेपर में उन संभावित परिदृश्यों का भी उल्लेख नहीं किया गया है जहाँ चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी वास्तव में इन हथियारों को तैनात कर सकती है। अब, चीन ने शांक्सी में एक बड़ी फैक्ट्री बनाई है जो हर साल 150 टन इस सामग्री का उत्पादन कर सकती है। चीनी विज्ञान अकादमी के अनुसार, फैक्ट्री में वन-पॉट सिंथेसिस नामक एक विशेष विधि का उपयोग किया जाता है जो उत्पादन को सस्ता और सुरक्षित बनाती है।

Non-Nuclear Hydrogen Bomb: इंसान को मोम की तरह पिघला देगा ये बम, ट्रंप टैरिफ-टैरिफ खेलते रह गए, इधर चीन ने किया ऐसा, दुनियाभर में हड़कंप
The Odd Naari द्वारा, इस लेख को लिखा है नीतू शर्मा और टीम नेटानागरी
परिचय
इस लेख में हम चर्चा करेंगे एक ऐसे नॉन-न्यूक्लियर्स हाइड्रोजन बम के बारे में जो कि इंसान को मोम की तरह पिघला सकता है। हाल ही में, चीन ने इस बम के विकास की घोषणा की है, जो दुनिया भर में हड़कंप मचा रहा है। ट्रंप के व्यापार युद्धों के बीच, इस तकनीकी उन्नति ने वैश्विक सुरक्षा पर नया सवाल खड़ा किया है।
नॉन-न्यूक्लियर्स हाइड्रोजन बम क्या है?
नॉन-न्यूक्लियर्स हाइड्रोजन बम वह हथियार है जो परमाणु विस्फोट के बिना विशाल ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है। यह बम उच्च तापमान और दबाव का इस्तेमाल करते हुए एक विनाशक के रूप में कार्य करता है। इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि यह मानव जीवन को तेजी से और भयानक तरीके से नष्ट कर सकता है।
चीन की इस नई तकनीक का महत्व
चीन के वैज्ञानिकों ने हाल ही में इस बम का सफल परीक्षण किया है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ निरंतर तनाव के बीच, चीन ने इसे एक मजबूती के प्रतीक के रूप में देखा है। यह तकनीक किसी भी प्रकार के प्रतिकूल हमलों का सामना करने में सक्षम हो सकती है। चीन की आशा है कि यह बम उनके राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों को हल कर सकता है और वैश्विक संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
ट्रंप के व्यापार प्रतिबंधों का प्रभाव
जब ट्रंप अमेरिका के व्यापार में टैरिफ लगा रहे थे, तब चीन ने अपनी तकनीकी क्षमताओं को दुरुस्त करने का मौका नहीं गंवाया। इस बम के विकास ने अमेरिकी राजनीति को विशेष रूप से प्रभावित किया है, जहां कई अमेरिकी विश्लेषक इसे एक गंभीर सुरक्षा खतरे के रूप में देख रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का यह कदम उन देशों के लिए चिंताजनक है जो पारंपरिक हथियारों पर निर्भर हैं। यह न केवल वैश्विक स्तर पर शक्ति संतुलन को बदल सकता है, बल्कि इसके मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी हो सकते हैं।
निष्कर्ष
चीन द्वारा विकसित नॉन-न्यूक्लियर्स हाइड्रोजन बम न केवल तकनीकी उन्नति का प्रमाण है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा में भी एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। वैश्विक नेताओं को इसका गंभीरता से मूल्यांकन करना चाहिए और भविष्य की रणनीतियों पर ध्यान देना चाहिए। इसके संभावित प्रभाव को अनदेखा करना, भीषण परिणाम दे सकता है।
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