USAID Controversy: अमेरिका का फायदा उठाते हैं, PM Modi के दोस्त Donald Trump ने भारत पर क्यों लगाए आरोप?

यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) द्वारा भारत को दिए जाने वाले फंड पर बहस तेज हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे को बार-बार उठा रहे हैं। इस बार उन्होंने इस मुद्दे पर बोलते हुए दावा किया कि भारत अमेरिका का फायदा उठाता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत को उसके चुनावों में मदद के लिए USAID द्वारा '18 मिलियन डॉलर' दिए गए थे। ट्रंप ने ‘कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस’ (सीपीएसी) में शनिवार को अपने भाषण के दौरान यह टिप्पणी की।आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में एलन मस्क की अगुवाई वाली DOGE ने भारत को दिए जाने वाले 21 मिलियन डॉलर के फंड को रद्द कर दिया था, जिसके बाद से यह मुद्दा चर्चा में है।ट्रंप ने कहा, 'चुनाव के लिए भारत को पैसे देना। वैसे, उन्हें पैसे की ज़रूरत नहीं है। वे हमारा फायदा उठाते हैं। वे दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ वाले देशों में से एक हैं। उनके पास 200 प्रतिशत टैरिफ है और फिर हम उन्हें चुनाव के लिए बहुत सारा पैसा देते हैं।' यह पांच दिनों में चौथी बार है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत में मतदान को बढ़ावा देने के लिए USAID द्वारा किए जाने वाले प्रयासों के बारे में अपने दावे को दोहराया है। इसे भी पढ़ें: हमें भारत के मतदान की परवाह क्यों? USAID के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप का एक और बड़ा बयानट्रंप ने पहले संकेत दिया था कि इस फंड का इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया। शनिवार को उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया और इस मुद्दे पर भारत में चल रही राजनीतिक बहस के बीच भारत को 'मतदाता मतदान' के लिए 21 मिलियन डॉलर देने के अपने आरोप को दोहराया। ट्रंप ने रहस्यमयी टिप्पणी में कहा, 'मतदाता मतदान के लिए मेरे मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत को 21 मिलियन डॉलर दिए जा रहे हैं। हम भारत में मतदाता मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर दे रहे हैं। हमारा क्या? मैं भी मतदाता मतदान चाहता हूं।' इसे भी पढ़ें: मुझे रोक सके तो रोक लो...इस भारतवंशी की एलन मस्क को खुली चुनौती, अब क्या करेंगे ट्रंप?भारत को दिए जाने वाले फंड पर ट्रंप ने क्या कहा?ट्रंप ने भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन अमरीकी डॉलर। हमें भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन अमरीकी डॉलर क्यों खर्च करने की आवश्यकता है? मुझे लगता है कि वे (बिडेन प्रशासन) किसी और को निर्वाचित करने की कोशिश कर रहे थे। हमें भारत सरकार को बताना होगा, यह पूरी तरह से एक बड़ी सफलता है।'शुक्रवार को, उन्होंने रिपब्लिकन गवर्नर्स के सम्मेलन में फिर से आरोप दोहराया, इस बार उन्होंने इस अनुदान को 'किकबैक स्कीम' कहा। ट्रंप ने जोर देकर कहा, 'भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर। हम भारत में मतदान की परवाह क्यों कर रहे हैं? हमारे पास पहले से ही बहुत सी समस्याएं हैं, यह एक किकबैक स्कीम है, आप जानते हैं।'जयशंकर ने यूएसएड विवाद पर क्या कहा?देश में कुछ गतिविधियों के लिए यूएसएड की ओर से वित्तपोषण को लेकर उठे विवाद के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी चिंताजनक है और सरकार इसकी जांच कर रही है। उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में आयोजित डीयू साहित्य महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल से बातचीत में यह बात कही।

USAID Controversy: अमेरिका का फायदा उठाते हैं, PM Modi के दोस्त Donald Trump ने  भारत पर क्यों लगाए आरोप?
USAID Controversy: अमेरिका का फायदा उठाते हैं, PM Modi के दोस्त Donald Trump ने भारत पर क्यों लगाए आरोप?

USAID Controversy: अमेरिका का फायदा उठाते हैं, PM Modi के दोस्त Donald Trump ने भारत पर क्यों लगाए आरोप?

The Odd Naari - लेखिका: प्रिया शर्मा, टीम नटानागरी

हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मोदी प्रशासन भारत को वित्तीय मदद के लिए अमेरिका का फायदा उठाने में लगा हुआ है। आइए, इस विवाद की गहराई में जाने के प्रयास करते हैं।

USAID और भारत का वित्तीय संबंध

यूएसएआईडी (USAID) यानी यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट, एक प्रमुख अमेरिकी एजेंसी है, जिसका उद्देश्य विश्वभर में विकास और सहायता कार्यक्रमों को संचालित करना है। भारत भी पिछले कई दशकों से इससे लाभान्वित होता आया है। हालाँकि, ट्रंप के आरोपों के चलते यह सवाल उठता है कि क्या भारत वास्तव में अमेरिका से प्राप्त सहायता का सही उपयोग कर रहा है?

ट्रंप का आरोप और भारत का बचाव

डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, "मोदी एक चतुर नेता हैं, लेकिन अमेरिका की मदद लेने के लिए उन्होंने अपने देश को दाव पर लगाया है।” इस पर भारत सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय सहायता का उपयोग विकासात्मक कार्यक्रमों में किया जा रहा है, जो गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए है।

भारत की प्रतिक्रिया

भारत सरकार के प्रवक्ता ने कहा, "हमारी नीति सतत विकास की है और हम किसी भी देश की सहायता को निजी लाभ के लिए नहीं उठाते हैं। भारत हमेशा अपने लोगों की भलाई के लिए काम करता है।” इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप के आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं और केवल राजनीतिक रुख को दर्शाते हैं।

आर्थिक प्रभाव और भविष्‍य की रेखा

इस विवाद का असर भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि पर पड़ सकता है, खासकर अमेरिका जैसे बड़े देश के साथ उसके संबंधों पर। अगर भारत ने अपने विकास में यूएसएआईडी की मदद का सही तरीके से उपयोग नहीं किया, तो इसका आर्थिक दृष्टिकोण पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, इसे सुलझाना जरूरी है।

निष्कर्ष

इस विवाद ने एक बार फिर से अमेरिका-भारत के संबंधों की संवेदनशीलता को उजागर किया है। डोनाल्ड ट्रंप के आरोपों के बावजूद, भारत अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए दृढ़ है। भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग और विवाद के इस खेल को समझना होगा, ताकि सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सकें।

कुल मिलाकर, यह मुद्दा केवल राजनीतिक भलाई के लिए नहीं, बल्कि दोनों देशों के विकास में योगदान के लिए एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय है। इस विवाद को हल निकालने से दोनों के संबंधों में मजबूती आएगी और विकास योजनाएं और प्रभावी होंगी।

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