ऐतिहासिक निर्णयों ने उत्तर प्रदेश राज्य की दशा और दिशा को बदलने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने 8 साल के कार्यकाल में अब तक कई ऐतिहासिक निर्णय लिए, जिन्होंने राज्य की दशा और दिशा को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लव जिहाद के खिलाफ कानून हो या फिर नकल और पेपर लीक पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून, महिलाओं के सम्मान और स्वावलंबन को सुनिश्चित करने के लिए मिशन शक्ति की पहल हो या फिर किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का निर्णय इन सभी के दीर्घ प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। इन निर्णयों ने यह भी साबित किया कि उत्तर प्रदेश में वो सरकार काबिज है, जिसके पास नीयत भी है और नीतियां भी। योगी सरकार के 8 साल में 8 महत्वपूर्ण निर्णयों पर एक नजर... 1. लव जिहाद के खिलाफ बनाया कानूनसीएम योगी की पहल पर नवंबर 2020 में "उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम" लागू हुआ। इस कानून के तहत जबरन या छल से धर्म परिवर्तन करवाने पर 10 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया। पहले साल में ही 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए। यह कानून महिलाओं की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी।इसे भी पढ़ें: योगी राज में सर्वांगीण विकास के पथ पर तेज़ी से अग्रसित होता उत्तर प्रदेश2. मिशन शक्ति की शुरुआत अक्टूबर 2020 में शुरू हुआ "मिशन शक्ति" अभियान महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन पर केंद्रित है। इसके तहत एंटी-रोमियो स्क्वाड ने छेड़छाड़ के 32 हजार से अधिक मामलों में कार्रवाई की। कन्या सुमंगला योजना के तहत 22 लाख से ज्यादा बेटियों को आर्थिक मदद दी गई। 112 और 181 जैसी हेल्पलाइन ने आपात स्थिति में सहायता प्रदान की।3. किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने विगत वर्ष उत्तर प्रदेश के निजी नलकूप उपभोक्ताओं को एक अप्रैल 2024 से बिजली बिल में 100 प्रतिशत छूट का लाभ देने का निर्णय लिया। इस निर्णय को पावर कॉर्पोरेशन ने विधिवत लागू किया। सिंचाई सुविधा के लिए 4 लाख से ज्यादा निजी नलकूपों का संयोजन किया गया। किसानों को विद्युत आपूर्ति के लिए 3 हजार से अधिक ग्रामीण फीडर अलग किए गए। निजी नलकूप कनेक्शन देने में डार्क जोन में लगे प्रतिबंध हटाने से लाखों किसान लाभान्वित हुए। 4. सभी राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए चिकित्सा सुविधा फ्री योगी सरकार ने 2022 में उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स व उनके आश्रितों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया, जिसका लाभ लाखों लोगों को मिलने लगा। इसके तहत, राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के स्टेट हेल्थ कार्ड बनाए गए। स्टेट हेल्थ कार्ड में कर्मचारियों व उनके आश्रितों से संबंधित सभी डाटा संरक्षित रखने की सुविधा है। इस हेल्थ कार्ड को दिखाकर वे किसी भी सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त कर पा रहे हैं। योजना के तहत लाभार्थियों के इलाज के लिए प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रचलित दरें ही मान्य हैं। 5. नकल और पेपर लीक पर बनाया सख्त कानूनपरीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करने और नकल के खिलाफ भी योगी सरकार ने 2024 में सख्त कानून बनाकर मिसाल पेश की। पेपर लीक कानून के तहत सार्वजनिक परीक्षाओं में होने वाली धोखाधड़ी (नकल) पर अंकुश लगाने के लिए न्यूनतम 3 से 5 साल की कैद की सजा का प्राविधान है और पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों को 5 से 10 साल की कैद और न्यूनतम एक करोड़ रुपए के जुर्माने का प्राविधान है। यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह कोई संगठित अपराध करता है, जिसमें परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था, सेवा प्रदाता या कोई अन्य संस्थान शामिल है तो उन्हें कम से कम 5 साल की कैद की सजा दी जाएगी, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। 6. उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन योगी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 'उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण' के गठन को मंजूरी दे दी है। इस प्राधिकरण के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 'उत्तर प्रदेश जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली 2025' को प्रख्यापित किया गया है। देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग मौजूद हैं। जलमार्गों के जरिए परिवहन को किफायती और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से इस प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है। सरकार का मानना है कि जल परिवहन प्रणाली विकसित होने से यातायात के अन्य साधनों पर दबाव कम होगा और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।7. एनसीआर की तर्ज पर एससीआर बनाने का निर्णययोगी सरकार ने एक और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीआर) की तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास के इलाकों को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के गठन को मंजूरी दी है। इसे उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए योगी सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। लखनऊ और आसपास के 6 जिलों के कुल 27826 वर्ग मीटर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।8. 47 वर्षों के बाद एक और औद्योगिक शहर के गठन का फैसला ऐतिहासिक निर्णयों की कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) की तर्ज पर बुंदेलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के गठन की अधिसूचना को भी 2023 में मंजूरी दे दी। उत्तर प्रदेश में इससे पहले 1976 में नोएडा नाम से एक नए शहर के गठन का निर्णय लिया गया था। 47 वर्षों के बाद एक और नए नगर की स्थापना का फैसला किया गया। झांसी जिले के 33 गांवों को शामिल करके बीडा का गठन किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक निर्णय से बुन्देलखण्ड के बहुआयामी विकास को रफ्तार मिलेगी।

ऐतिहासिक निर्णयों ने उत्तर प्रदेश राज्य की दशा और दिशा को बदलने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
ऐतिहासिक निर्णयों ने उत्तर प्रदेश राज्य की दशा और दिशा को बदलने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

ऐतिहासिक निर्णयों ने उत्तर प्रदेश राज्य की दशा और दिशा को बदलने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

लेखक: स्नेहा शर्मा, टीम नीतानागरी

हमारे देश का उत्तर प्रदेश राज्य, जो कि जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य है, अपने ऐतिहासिक निर्णयों के लिए चर्चित रहा है। इन निर्णयों ने न केवल सामजिक, राजनीतिक, बल्कि आर्थिक स्तर पर भी इस प्रदेश की दिशा और दशा को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह लेख उन महत्वपूर्ण निर्णयों का विश्लेषण करेगा जो उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित हुए हैं।

विकास के लिए प्रमुख कदम

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जैसे, औद्योगिक विकास की दिशा में उठाए गए कदम, जिनमें विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) का विकास, और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं शामिल हैं। इन फैसलों ने उद्योगों को आकर्षित किया है, जिससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

शिक्षा और विकास

शिक्षा के क्षेत्र में की गई सुधारात्मक पहलों ने भी उत्तर प्रदेश में बदलाव लाने में मदद की है। बतौर उदाहरण, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। यह निर्णय छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा हासिल करने और प्रतियोगिता में आगे रहने के लिए सक्षम बनाता है।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाओं का अनावरण किया है। जैसे कि, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन, और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का कार्यान्वयन। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं।

कृषि नीतियाँ

कृषि के क्षेत्र में नई नीतियों के तहत किसान क्रेडिट कार्ड योजना और फसलों की बीमा योजना जैसे पहल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक साबित हो रहे हैं। यह निर्णय किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य प्राप्त करने में सहायता प्रदान करते हैं।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में लिए गए ऐतिहासिक निर्णय न केवल वर्तमान में बल्कि भविष्य में भी प्रदेश की दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे। जन कल्याणकारी योजनाएं, औद्योगिक विकास और शिक्षा में सुधार से इस राज्य की प्रगति निश्चित रूप से तेजी पकड़ रही है। हम उम्मीद करते हैं कि यह दिशा में किए गए प्रयास न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि सम्पूर्ण भारत के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेंगे।

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Keywords

historical decisions, Uttar Pradesh development, social reforms, economic improvements, education reforms, health services, agriculture policies, job opportunities