अजब-गजब: एक स्कूल ऐसा भी। तीन छात्र दो शिक्षक, जर्जर भवन-न कोई सुविधा

स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- ऊत्तराखण्ड के नैनीताल में एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय ऐसा है जहां केवल तीन छात्र है और उनके लिए दो शिक्षक तैनात हैं। नैनीताल के कृष्णापुर से वीरभट्टी पैदल मार्ग में एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय स्थापित है। इस विद्यालय में एक से पांच तक कक्षाएं चलती हैं, लेकिन यहां केवल तीन बच्चे ही […] The post अजब-गजब: एक स्कूल ऐसा भी। तीन छात्र दो शिक्षक, जर्जर भवन-न कोई सुविधा appeared first on पर्वतजन.

अजब-गजब: एक स्कूल ऐसा भी। तीन छात्र दो शिक्षक, जर्जर भवन-न कोई सुविधा
अजब-गजब: एक स्कूल ऐसा भी। तीन छात्र दो शिक्षक, जर्जर भवन-न कोई सुविधा

अजब-गजब: एक स्कूल ऐसा भी। तीन छात्र दो शिक्षक, जर्जर भवन-न कोई सुविधा

स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- ऊत्तराखण्ड के नैनीताल में एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय ऐसा है जहां केवल तीन छात्र हैं और उनके लिए दो शिक्षक तैनात हैं। नैनीताल के कृष्णापुर से वीरभट्टी पैदल मार्ग में एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय स्थापित है। इस विद्यालय में एक से पांच तक कक्षाएं चलती हैं, लेकिन यहां केवल तीन बच्चे ही अध्ययन कर रहे हैं।

विद्यालय की स्थिति

यह विद्यालय न केवल कम छात्रों की संख्या के लिए बल्कि जर्जर भवन और सुविधाओं की कमी के लिए भी चर्चा में है। स्कूल के संकुल में दीवारों की स्थिति इतनी खराब है कि कभी भी कोई गंभीर हादसा हो सकता है। यह विद्यालय उन बच्चों के लिए है जो दूर-दूर तक शिक्षा पाने की चाहत रखते हैं, लेकिन प्राथमिक सुविधाओं का अभाव उन्हें रोक रहा है।

शिक्षकों की अनुपस्थिति के बावजूद शिक्षा की दिशा में प्रयास

हालांकि यहाँ पर केवल तीन छात्र हैं, लेकिन उनके लिए दो शिक्षक तैनात हैं जो शिक्षा के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। शिक्षक सहयोगियों का प्रयास पूरी तपस्या और समर्पण के साथ हो रहा है। उनके अनुसार, छोटे छात्र भी बड़ी संभावनाओं के साथ बड़े अच्छे भविष्य की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

समुदाय की प्रतिक्रिया

स्थानीय समुदाय इस स्थिति को लेकर बेहद चिंतित है। उनका मानना है कि सरकार को इस विद्यालय की स्थिति में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। विद्यालय में सुविधाएं जैसे कि अच्छे शौचालय, पुस्तकालय और खेल के मैदान की भी आवश्यकता है। बिना सुविधाओं के बच्चे कैसे पढ़ाई करेंगे, यह सबसे बड़ा सवाल है।

सकारात्मक बदलाव की उम्मीद

हालांकि, कई लोग इस स्थिति को देखकर निराश हैं, लेकिन बच्चे और उनके माता-पिता एक सकारात्मक बदलाव की आशा कर रहे हैं। स्कूल की तात्कालिक स्थिति को देखकर यह भी स्पष्ट होता है कि शिक्षा के इस क्षेत्र में और अधिक संसाधनों का निवेश करने की आवश्यकता है, जिससे बच्चों को सही ढंग से पढ़ाई कराई जा सके।

निष्कर्ष

नैनीताल का यह विद्यालय देश में शिक्षा के हालात पर दूरदर्शी दृष्टि डालता है। यह हम सभी के लिए एक संकेत है कि शिक्षा के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी कैसी होनी चाहिए। इस विद्यालय की तरह कई और विद्यालय भी ऐसी समस्या का सामना कर रहे हैं। हमें इन बच्चों के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना होगा।

हमारे साथी शिक्षकों, स्थानीय प्रशासन और समुदाय को मिलकर आगे आना होगा ताकि बच्चे शिक्षा के लिए सही वातावरण प्राप्त कर सकें।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट [theoddnaari.com](https://theoddnaari.com) पर जाएं।

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