दून की प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना का विरोध करेंगे कई संगठन
The post दून की प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना का विरोध करेंगे कई संगठन appeared first on Avikal Uttarakhand. जनपक्षीय विकास के लिए आंदोलन का एलान अविकल उत्तराखंड देहरादून। शहर और राज्य के पर्यावरणवादी संगठनों, जन संगठनों, महिला संगठनों एवं विपक्षी दलों ने एलान किया कि देहरादून के प्रस्तावित… The post दून की प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना का विरोध करेंगे कई संगठन appeared first on Avikal Uttarakhand.

दून की प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना का विरोध करेंगे कई संगठन
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देहरादून में एक महत्वपूर्ण विकास के चलते, कई पर्यावरण और सामाजिक संगठनों ने प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना के खिलाफ विरोध का ऐलान किया है। इस परियोजना को शहर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था, लेकिन जनसंगठनों के अनुसार, यह हर तबके को नुक़सान पहुँचाने वाली है। पर्यावरण की रक्षा करने और जनपक्षीय विकास के लिए इस आंदोलन की तैयारी जारी है। इस विशेष रिपोर्ट में हम इस मुद्दे का गहराई से विश्लेषण करेंगे।
विरोध का कारण
शहर और राज्य के विभिन्न संगठन, जिनमें सामाजिक और महिला संगठन भी शामिल हैं, ने इस परियोजना का पुरजोर विरोध करने की बात कही है। उनका तर्क है कि यह परियोजना न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि आम जनता और मजदूर वर्ग के अधिकारों का भी उल्लंघन करती है। वरिष्ठ पर्यावरणविद डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा है कि इस परियोजना से पर्यावरण और समाज दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और यह यातायात की समस्याओं का समाधान करने के बजाय उन्हें और बढ़ाएगी।
सरकारी स्थिति
सरकार के पास इस परियोजना के लिए 6200 करोड़ रुपये खर्च करने की क्षमता है। सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल के अनुसार, इस धन को जनपक्षीय विकास के लिए प्रयोग किया जा सकता है, जिससे शहर की मूल समस्याओं का समाधान किया जा सके। इसके बजाय, यदि यह परियोजना लागू होती है, तो केवल ठेकेदारों और अधिकारियों को लाभ होगा, जबकि जनता को नकारात्मक परिणाम झेलने होंगे।
संस्थानों का एकजुटता
उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत, सीआईआई के समर भंडारी, पीपल्स साइंस मूवमेंट के विजय भट्ट और कई अन्य संगठनों ने इस परियोजना को जनविरोधी ठहराया है। उन्होंने आंदोलन की योजना बनाई है, जिसमें हस्ताक्षर अभियान, जन सम्मेलन और शक्ति प्रदर्शन शामिल हैं। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए विभिन्न कार्य समूहों का गठन भी किया गया है।
कार्य योजना और आगे की कार्रवाई
विरोध समूहों ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की योजना बनाई है। इन संगठनों का मानना है कि यह परियोजना न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि मजदूर बस्तियों के आश्रय के अधिकार को भी प्रभावित कर रही है। इसलिए, वे इस विषय को लेकर जागरूकता फैलाने और जनता को संगठित करने पर जोर दे रहे हैं।
निष्कर्ष
शहर की प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना के खिलाफ यह विरोध न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आम जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए भी आवश्यक है। संगठनों का एकजुटता एक सकारात्मक संकेत है लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए। आगे भविष्य में यह देखना होगा कि क्या सरकार इस मामले में जनहित को प्राथमिकता देगी या फिर निजी लाभ को।
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लेखक: सुमन त्रिवेदी, राधिका मेहरा, प्रिया जिंदल
टीम theoddnaari