INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं है AAP, अब क्या अपने खास प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की मिट्टी पलीद करेंगे केजरीवाल?

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) शुक्रवार को आधिकारिक रूप से विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) से अलग हो गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि आप अब विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं है और सोमवार से शुरू होने वाले संसद के आगामी मानसून सत्र से पहले होने वाली गठबंधन की बैठक में भी भाग नहीं लेगी। सिंह ने कहा कि इंडिया ब्लॉक का गठन केवल 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए किया गया था और पार्टी ने उसके बाद के सभी विधानसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़े हैं। आप और कांग्रेस ने 2024 का लोकसभा चुनाव दिल्ली में इंडिया ब्लॉक के तहत मिलकर लड़ा था। हालाँकि, दोनों पार्टियाँ हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़े। इसे भी पढ़ें: उपराज्यपाल ने जय भीम कोचिंग योजना में जांच के आदेश दिए, आप ने बताया प्रतिशोध की राजनीतिराज्यसभा सांसद ने कहा कि आप ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। इंडिया ब्लॉक (2024) लोकसभा चुनावों के लिए था। हमने दिल्ली और हरियाणा विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़े। हम बिहार चुनाव अकेले लड़ेंगे। हमने पंजाब और गुजरात के उपचुनाव अकेले लड़े। आप इंडिया का हिस्सा नहीं है। हालाँकि, आप नेता ने कहा कि पार्टी संसद के भीतर विपक्षी दलों के साथ रणनीतिक गठबंधन बनाए रखेगी। उन्होंने कहा कि संसदीय मुद्दों पर, हम तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक जैसी विपक्षी पार्टियों का समर्थन लेते हैं। और वे भी हमारा समर्थन लेते हैं। हमने हमेशा एक मज़बूत और शक्तिशाली विपक्ष की भूमिका निभाई है और आगे भी निभाते रहेंगे। इस बीच, आप नेता ने विपक्षी गुट का नेतृत्व करने में कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाया।इसे भी पढ़ें: Om Jaap: 'ऊँ' लगाने से बढ़ जाती है मंत्र की शक्ति, जानिए महत्व और उच्चारण के नियमयह बच्चों का खेल नहीं है। क्या लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने कोई बैठक की? क्या इंडिया ब्लॉक के विस्तार की कोई पहल हुई? कभी वे अखिलेश यादव की आलोचना करते हैं, कभी उद्धव ठाकरे की और कभी ममता बनर्जी की। इंडिया ब्लॉक को एकजुट होना चाहिए था। कांग्रेस ब्लॉक की सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन क्या इसने (विपक्षी एकता सुनिश्चित करने में) कोई भूमिका निभाई? संसद का एक महीने तक चलने वाला मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है। सत्र से पहले, देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए इंडिया ब्लॉक के दलों के नेताओं की एक बैठक शनिवार शाम को ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। यह बैठक लंबे अंतराल के बाद हो रही है, जब से इंडिया ब्लॉक के घटक दलों ने आखिरी बार देश की राजनीतिक स्थिति पर संयुक्त रूप से विचार-विमर्श किया था।

INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं है AAP, अब क्या अपने खास प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की मिट्टी पलीद करेंगे केजरीवाल?
INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं है AAP, अब क्या अपने खास प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की मिट्टी पलीद करेंगे केजरीवाल?

INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं है AAP, अब क्या अपने खास प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की मिट्टी पलीद करेंगे केजरीवाल?

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव की घोषणा की। पार्टी ने औपचारिक रूप से विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) से अलग होने का फैसला लिया है। यह निर्णय भारतीय राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे सकता है और कांग्रेस जैसे खास प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ केजरीवाल की रणनीति को प्रभावित कर सकता है। अभी यह देखना बाकी है कि यह कदम एAP के लिए लाभकारी होगा या नहीं।

आम आदमी पार्टी का स्पष्ट रुख

आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अब इंडिया ब्लॉक का हिस्सा नहीं है। उन्होंने उल्लेख किया कि इंडिया ब्लॉक का गठन 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए किया गया था, और पार्टी ने इसके बाद होने वाले सभी विधानसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़े हैं। संजय सिंह के अनुसार, "इंडिया का हिस्सा नहीं रहे, बावजूद इसके हम संसद में विपक्षी दलों के साथ साझेदारी बनाए रखेंगे।"

कांग्रेस की भूमिका पर सवाल

इसी क्रम में, आप के नेता ने कांग्रेस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विपक्षी गुट का नेतृत्व करने में कांग्रेस की सक्रियता पर व्यापक चिंतन होना चाहिए। "क्या कांग्रेस ने विपक्षी एकता सुनिश्चित करने में कोई ठोस कदम उठाए हैं?," उन्होंने सवाल किया। यह अवश्य ही अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एक नई चर्चा का विषय बनेगा, खासकर दिल्ली में जहां दोनों पक्षों ने मिलकर चुनाव लड़ा था।

आने वाले चुनाव और राजनीतिक स्थिति

दिल्ली और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ चुके हैं। अब, आने वाले बिहार चुनाव में भी आप स्वतंत्र रूप से लड़ने की योजना बना रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब और गुजरात के उपचुनावों में पार्टी ने अपने दम पर ही चुनाव लड़ा। ऐसे में, यह स्पष्ट है कि आप अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखना चाहती है।

इंडिया ब्लॉक की आगामी बैठक

पारliament के मानसून सत्र से पहले एक बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक कई חודשים बाद हो रहा है और यह राजनीतिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। ऐसे में यह भी देखना दिलचस्प होगा कि आप इस बैठक में शामिल नहीं होती है, फिर भी संसद की राजनीति में अपनी आवाज बनाए रखती है या नहीं।

संक्षेप में

आम आदमी पार्टी का इंडिया ब्लॉक से अलग होना निश्चित रूप से राजनीतिक समीकरणों को बदलने वाला है। कांग्रेस के साथ रिश्ते अब और भी जटिल हो सकते हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केजरीवाल की रणनीति क्या होती है और उनका अगला कदम क्या होगा। क्या वह अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की मिट्टी पलीद करेंगे? समय ही बताएगा।

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लेखक: राधिका, स्नेहा, टीम theoddnaari

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