जयशंकर ने कहा, आतंकवाद पर दृढ़ रुख अपनाए एससीओ

पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि समूह को आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने के अपने स्थापना उद्देश्य पर कायम रहना चाहिए और इन चुनौतियों से निपटने में कोई समझौता नहीं करने […] The post जयशंकर ने कहा, आतंकवाद पर दृढ़ रुख अपनाए एससीओ first appeared on Apka Akhbar.

जयशंकर ने कहा, आतंकवाद पर दृढ़ रुख अपनाए एससीओ
जयशंकर ने कहा, आतंकवाद पर दृढ़ रुख अपनाए एससीओ

जयशंकर ने कहा, आतंकवाद पर दृढ़ रुख अपनाए एससीओ

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पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए, मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि समूह को आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने के अपने स्थापना उद्देश्य पर कायम रहना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ साहसिक और ठोस कदम उठाने पर बल दिया।

एससीओ का महत्व

शंघाई सहयोग संगठन, 2001 में स्थापित एक बहुपक्षीय संगठन है, जिसमें चीन, रूस और भारत सहित कई एशियाई देशों को शामिल किया जाता है। इसके उद्देश्यों में सदस्यों के बीच सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और सामाजिक-cultural विकास को बढ़ावा देना शामिल है। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एससीओ को आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद पर एक ठोस रुख अपनाना आवश्यक है।

जयशंकर का बयान

जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद केवल एक सुरक्षा चुनौती नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक समस्या है जो सभी देशों को प्रभावित करती है। उन्होंने एससीओ सदस्यों से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हों और किसी भी प्रकार के समझौते से बचें। उनके अनुसार, "आतंकवाद के विरुद्ध हमारी लड़ाई में कोई कमजोरी नहीं होनी चाहिए।"

भारत की कार्रवाई

जयशंकर ने भारत की ओर से उठाए गए ठोस कदमों का उल्लेख किया जिसमें आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाइयाँ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हाल के समय में जो भी आतंकी हमले हुए हैं, उनकी शिकायत और जवाब में की गई कार्रवाइयाँ उचित हैं। भारत ने यह साबित किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगा।

आधुनिक चुनौतिया और समाधान

समाज में बढ़ते अराजकता के दौर में, आतंकवाद एक ऐसा मुद्दा है जिससे निपटने के लिए केवल सैन्य उपाय पर्याप्त नहीं हैं। जयशंकर ने सुझाया कि आर्थिक और सामाजिक सुधारों के माध्यम से भी इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने शिक्षण संस्थानों और संगठनों से मास मीडिया की भूमिका को रेखांकित किया, जो युवाओं को आतंकवाद से दूर रखने में सहायक हो सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत का एससीओ के मंच पर आतंकवाद पर स्पष्ट और कठोर रुख अपनाना, यह दर्शाता है कि वह वैश्विक सुरक्षा मुद्दों के प्रति गंभीर है। जयशंकर का यह बयान न केवल भारत की नीति को स्पष्ट करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मुद्दों को कैसे उठाया जाना चाहिए। इसके माध्यम से, हमें यह समझाना होगा कि आतंकवाद से लड़ाई केवल एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह सभी मानवता की जिम्मेदारी है।

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