छत्तीसगढ़: तेंदूपत्ता बोनस गबन मामल में 11 लोग गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) के दल ने तेंदूपत्ता बोनस गबन मामले में बृहस्पतिवार को 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि सुकमा वन मंडल के तत्कालीन वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) अशोक कुमार पटेल ने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया और वन विभाग के अधिकारियों तथा सुकमा में विभिन्न प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के प्रबंधकों और पदाधिकारियों के साथ मिलीभगत कर लगभग सात करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा हड़प लिया। इस राशि को वर्ष 2021 और 2022 के लिए तेंदूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक के रूप में वितरित किया जाना था। अधिकारियों ने बताया कि गबन की गई राशि का एक हिस्सा कथित तौर पर कुछ निजी व्यक्तियों को भी दिया गया था। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने इस वर्ष 17 अप्रैल को अशोक कुमार पटेल को गिरफ्तार कर लिया था। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने आज चार वनकर्मियों तथा सात प्रबंधकों को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

छत्तीसगढ़: तेंदूपत्ता बोनस गबन मामल में 11 लोग गिरफ्तार
छत्तीसगढ़: तेंदूपत्ता बोनस गबन मामल में 11 लोग गिरफ्तार

छत्तीसगढ़: तेंदूपत्ता बोनस गबन मामल में 11 लोग गिरफ्तार

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - theoddnaari

छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) के दल ने तेंदूपत्ता बोनस गबन मामले में बृहस्पतिवार को 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी और बताया कि यह मामला वनों की सुरक्षा और पारिश्रमिक वितरण में बड़े गड़बड़ी को उजागर करता है।

गबन की पृष्ठभूमि

आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा के अधिकारियों के अनुसार, सुकमा वन मंडल के तत्कालीन वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) अशोक कुमार पटेल के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया। अशोक ने कथित तौर पर वन विभाग के अधिकारियों और सुकमा में स्थापित प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के प्रबंधकों के साथ मिलकर लगभग सात करोड़ रुपये की राशि का गबन किया। यह धन राशि वर्ष 2021 और 2022 के लिए तेंदूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक के रूप में वितरित किया जाना था।

जांच की जाती कार्रवाई

अधिकारियों ने आगे बताया कि गबन की गई राशि का एक हिस्सा कुछ निजी व्यक्तियों को भी मोटे तौर पर शेयर किया गया था। यह मामला तब सामने आया जब ईओडब्ल्यू ने अशोक कुमार पटेल को 17 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। अब तक, ईओडब्ल्यू ने चार वनकर्मियों और सात प्रबंधकों को गिरफ्तार करके अपने जांच में तेजी लाई है।

आगामी कदम

जांच एजेंसी ने अब तक मामले में गहन तथ्य जांच की है और आगे की कार्रवाई के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों और गवाहों की पहचान करने में लगी है। यह घटना निश्चित रूप से पाठ में पारदर्शिता की कमी और प्राकृतिक संसाधनों के सही और उचित उपयोग की आवश्यकता को प्रकाश में लाती है।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता बोनस गबन मामला सरकारी अधिकारियों और प्रशासनिक तंत्र में भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है। यह घटना न केवल वन संपत्ति के संरक्षण पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह कुछ व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत भलाई के लिए समाज के हितों से समझौता करते हैं। आगे की जांच से उम्मीद है कि दोषियों को दंडित किया जाएगा और इस प्रकार की अनियमितताएं भविष्य में नहीं होंगी।

अधिक जानकारी के लिए, हमारा साइट theoddnaari पर विजिट करें।

Keywords:

Chhattisgarh, Teendupatta Bonus, EOW, Forest Officer Ashok Patel, Corruption, Economic Crime, Forest Department, Investigation, Arrests, Misappropriation, Bonafide Collectors